जयपुर. प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार गंभीर है और इसके साथ ही लगातार परिवहन विभाग भी कार्य कर रहा है. परिवहन विभाग का मानना है कि यदि ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर लाइसेंस आवेदन जाकर ट्रायल देकर अपना लाइसेंस बनवाता है तो प्रदेश में बनने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी की जा सकती है.
इसको लेकर परिवहन विभाग ने सबसे पहले जगतपुरा कार्यालय के अंतर्गत ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को शुरू करा था. वहीं अब ड्राइविंग ट्रक को लेकर भी अच्छी खबर आ रही है. परिवहन विभाग जल्द ही प्रदेश में नए ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक और शुरू करने जा रहा है. परिवहन आयुक्त रवि जैन की ओर से विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं. ऐसे में किसी भी ऐसे व्यक्ति को लाइसेंस नहीं मिल सके जो वाहन नहीं चला सकता है, उसको लेकर भी आयुक्त रवि जैन की ओर से लगातार कार्य किए जा रहे हैं. जिसको लेकर अब रवि जैन की ओर से परिवहन विभाग में बनाए नए ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रक को शुरू करने की तैयारियां तेज कर दी है.
परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि जो ड्राइविंग ट्रक है और उस पर जो टेस्ट होता है वो ऑटोमेटिक तरीके से ही हो और इसमें किसी का फायदा भी नहीं हो. रवि जैन ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से 17 ड्राइविंग ट्रैक बनाए गए हैं, उन्हें अब ऑटोमेटिक भी किया जा रहा है.
इसके साथ ही सभी ड्राइविंग ट्रैक पर कैमरे भी लगाए जा गए हैं. कंप्यूटर के माध्यम से वाहन चलाने वाले लोगों की मॉनिटरिंग भी होगी. वहीं ड्राइविंग की मॉनिटरिंग के लिए परिवहन विभाग में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा.
रवि जैन ने कहा कि सभी लोगों को ट्रैक पर जाकर ही ट्रायल देना होगा. किसी को भी सरलता से लाइसेंस नहीं मिल पाएगा. इससे प्रदेश के अंतर्गत होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी. रवि जैन ने कहा कि अभी परिवहन विभाग की ओर से 17 और ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक बनाए गाए हैं वो भी जल्द बनकर तैयार हो जाएंगे. ऐसे में परिवहन विभाग के अंतर्गत कुल 30 ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक हो जाएंगे और इन ट्रैक के शुरू हो जाने के बाद ऐसे व्यक्तियों को लाइसेंस नहीं मिलेगा जो वाहन चलाना नहीं जानते हैं और प्रदेश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में इससे कमी भी लाई जा सकेगी.