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शारजंहा से 165 प्रवासी राजस्थानी लाए गए जयपुर, वन्दे भारत मिशन का चौथा चरण, अब तक 16003 की हुई वापसी

केंद्र सरकार के वंदे भारत मिशन के तहत गुरुवार को शारजंहा से आई फ्लाइट से 165 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे. यहां सभी का मेडिकल परीक्षण किए जाने के बाद उन्हें संस्थागत क्वारेंटाइन के लिए भिजवा दिया गया. वंदे भारत मिशन का यह चौथा चरण चल रहा है.

165 migrant Rajasthanis brought from Sharjhan to Jaipur
शारजंहा से 165 प्रवासी राजस्थानी लाए गए जयपुर
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Published : Jul 16, 2020, 8:55 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत चौथे चरण में आज गुरुवार को शारजहां से आई फ्लाइट से 165 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे. इस मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों को वापस लाया जा रहा है. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम ने मेडिकल चेकअप भी किया. वहीं इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासियों को संस्थागत क्वारेंटाइन के लिए भिजवाया गया.

शारजंहा से 165 प्रवासी राजस्थानी लाए गए जयपुर

अभी तक आए 16003 प्रवासी
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत इस समय चौथा चरण चल रहा है. वहीं अभी तक की बात करें तो 100 फ्लाइट से 16003 प्रवासियों को वापस लाया गया है. वहीं एयरपोर्ट पहुचंने पर सभी का मेडिकल चेकअप भी करवाया जाता है. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की बात की जाए तो सबसे अधिक मरीज कजाकिस्तान से आने वाले विद्यार्थी ही निकले हैं.

यह भी पढ़ें : प्रदेश में 143 नए पॉजिटिव केस, 4 की मौत, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 26 हजार 580 पहुंचा

एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सैनिटाइज

एयरपोर्ट अथॉरिटी के वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए उचित व्यवस्था की गई है. एयरपोर्ट परिसर को भी बार-बार सैनिटाइज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्च यात्रियों को ही वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करवाया गया है. जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : जोधपुर: ग्रामीण ने शुरू की विलुप्त होते 'किंग ऑफ डेजर्ट' को फिर से मरुस्थल में उगाने की कवायद

यात्रियों के पासपोर्ट CISF के अधिकारियों के पास
सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाएगा. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंप दिया जाता है.

राज्य सरकार की तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई के लिए यात्री चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है उसका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत चौथे चरण में आज गुरुवार को शारजहां से आई फ्लाइट से 165 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे. इस मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों को वापस लाया जा रहा है. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम ने मेडिकल चेकअप भी किया. वहीं इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासियों को संस्थागत क्वारेंटाइन के लिए भिजवाया गया.

शारजंहा से 165 प्रवासी राजस्थानी लाए गए जयपुर

अभी तक आए 16003 प्रवासी
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत इस समय चौथा चरण चल रहा है. वहीं अभी तक की बात करें तो 100 फ्लाइट से 16003 प्रवासियों को वापस लाया गया है. वहीं एयरपोर्ट पहुचंने पर सभी का मेडिकल चेकअप भी करवाया जाता है. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की बात की जाए तो सबसे अधिक मरीज कजाकिस्तान से आने वाले विद्यार्थी ही निकले हैं.

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एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सैनिटाइज

एयरपोर्ट अथॉरिटी के वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए उचित व्यवस्था की गई है. एयरपोर्ट परिसर को भी बार-बार सैनिटाइज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्च यात्रियों को ही वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करवाया गया है. जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया जा रहा है.

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यात्रियों के पासपोर्ट CISF के अधिकारियों के पास
सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाएगा. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंप दिया जाता है.

राज्य सरकार की तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई के लिए यात्री चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है उसका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.

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