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जयपुरः सांभर झील से निकाले गए 1500 मृत पक्षी, दो से तीन दिन का और लगेगा समय

सांभर झील में देशी-विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद मृत पक्षियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत शुक्रवार को 1500 मृत पक्षियों को झील से बाहर निकाला गया. वहीं, इस ऑपरेशन में 77 लोगों की टीम काम कर रही है. जिला कलेक्टर ने बताया कि सांभर झील से मृत पक्षियों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय और लगेगा.

सांभर झील में पक्षियों की मौत, Birds die in sambhar lake
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Published : Nov 15, 2019, 11:17 PM IST

जयपुर. सांभर झील में देशी-विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद मृत पक्षियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत शुक्रवार को 1500 मृत पक्षियों को झील से बाहर निकाला गया. वहीं, इस ऑपरेशन में 77 लोगों की टीम काम कर रही है. यह जानकारी जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने दी. उनके अनुसार सांभर झील में साढ़े तीन हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है.

सांभर झील से निकाले गए 1500 मृत पक्षी

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि सांभर झील से मृत पक्षियों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय और लगेगा. यादव ने बताया कि जब प्रवासी पक्षी आते हैं तो उनका एग्रो क्लाइमेट चेंज होता है और उनका शरीर उस हिसाब से खुद को नहीं ढाल पाता, इसलिए उनकी मौत हो जाती है. जब इन पक्षियों के शरीर में कीड़े पड़ जाते हैं तो जिंदा पक्षी इनको खा लेते हैं, जिसके कारण पक्षियों को पैरालिसिस आ जाता है और वह उड़ और चल नहीं पाते. इससे उनकी मौत हो जाती है.

पढ़ें- पक्षियों की कब्रगाह बनी सांभर झील, अब तक काल के गाल में समाए हजारों परिंदे

यादव ने बताया कि 10 नवंबर को किसी पत्रकार ने हमें पक्षियों की मौत की सूचना दी थी और तुरंत ही वहां पर वन विभाग की टीम को भेजा गया था. उन्होंने कहा कि गुरुवार तक 2 हजार मृत पक्षियों को दफना दिया गया और काफी संख्या में जीवित पक्षियों को भी रेस्क्यू किया गया है. पहले रेस्क्यू सेंटर फुलेरा में था जिसे अब सांभर में स्थानांतरित कर दिया गया है. यादव ने कहा कि भोपाल से आई रिपोर्ट में भी यह साफ हो गया है कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से नहीं हुई है.

पढ़ें- सांभर में पक्षियों को बचाने के लिए एक और रेस्क्यू सेंटर खुलेगा, CM गहलोत ने उच्च स्तरीय बैठक में दिए निर्देश

जिला कलेक्टर ने कहा कि बीकानेर यूनिवर्सिटी के एके कटारिया ने भी पक्षियों का पोस्टमार्टम किया था जिसमें भी बोटोलिज्म के लक्षण पाए गए, यानि कीड़े लगे मृत पक्षियों को खाने पर ही पक्षियों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि 77 व्यक्ति सांभर झील में पूरे उपकरणों के साथ मृत पक्षियों को ढूंढ रहे हैं और अब तक करीब 1500 मृत पक्षियों को निकाला जा चुका है और उनको डिस्पोज भी कर दिया गया है. यादव ने बतयाा कि करीब सवा सौ पक्षियों को रेस्क्यू किया गया है और उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि थोड़ी ठंड पड़ने और मृत पक्षियों को झील से निकाल लेने पर यह समस्या समाप्त हो जाएगी.

पढ़ें- 'बोटूलिज्म' से हुई हजारों विदेशी पक्षियों की मौत, उपचार के लिए बनाए जा रहे चार रेस्क्यू सेंटर​​​​​​​

सिविल डिफेंस के साथ एसडीआरएफ लगी रेस्क्यू में

नागरिक सुरक्षा के उप नियंत्रक जगदीश प्रसाद रावत के नेतृत्व में सिविल डिफेंस की टीम और एसडीआरएफ के 17 जवान सांभर झील से मृत पक्षियों के शव निकालने में जुटे हैं. वहीं, शुक्रवार को टीम ने 1500 मृत पक्षियों के शव सांभर झील से बाहर निकाले. सिविल डिफेंस की टीम ने मृत पक्षियों को डिस्पोज भी कराया. नागरिक सुरक्षा की टीम अपने पूरे उपकरणों के साथ सांभर झील पहुंची थी. यह टीम शनिवार को भी झील से मृत पक्षियों को बाहर निकालने का काम करेंगी. सिविल डिफेंस की टीम ने रतन सागर, झपोल डेम साइट पूरी तरह से मृत पक्षियों से साफ कर दी है.

जयपुर. सांभर झील में देशी-विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद मृत पक्षियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत शुक्रवार को 1500 मृत पक्षियों को झील से बाहर निकाला गया. वहीं, इस ऑपरेशन में 77 लोगों की टीम काम कर रही है. यह जानकारी जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने दी. उनके अनुसार सांभर झील में साढ़े तीन हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है.

सांभर झील से निकाले गए 1500 मृत पक्षी

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि सांभर झील से मृत पक्षियों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय और लगेगा. यादव ने बताया कि जब प्रवासी पक्षी आते हैं तो उनका एग्रो क्लाइमेट चेंज होता है और उनका शरीर उस हिसाब से खुद को नहीं ढाल पाता, इसलिए उनकी मौत हो जाती है. जब इन पक्षियों के शरीर में कीड़े पड़ जाते हैं तो जिंदा पक्षी इनको खा लेते हैं, जिसके कारण पक्षियों को पैरालिसिस आ जाता है और वह उड़ और चल नहीं पाते. इससे उनकी मौत हो जाती है.

पढ़ें- पक्षियों की कब्रगाह बनी सांभर झील, अब तक काल के गाल में समाए हजारों परिंदे

यादव ने बताया कि 10 नवंबर को किसी पत्रकार ने हमें पक्षियों की मौत की सूचना दी थी और तुरंत ही वहां पर वन विभाग की टीम को भेजा गया था. उन्होंने कहा कि गुरुवार तक 2 हजार मृत पक्षियों को दफना दिया गया और काफी संख्या में जीवित पक्षियों को भी रेस्क्यू किया गया है. पहले रेस्क्यू सेंटर फुलेरा में था जिसे अब सांभर में स्थानांतरित कर दिया गया है. यादव ने कहा कि भोपाल से आई रिपोर्ट में भी यह साफ हो गया है कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से नहीं हुई है.

पढ़ें- सांभर में पक्षियों को बचाने के लिए एक और रेस्क्यू सेंटर खुलेगा, CM गहलोत ने उच्च स्तरीय बैठक में दिए निर्देश

जिला कलेक्टर ने कहा कि बीकानेर यूनिवर्सिटी के एके कटारिया ने भी पक्षियों का पोस्टमार्टम किया था जिसमें भी बोटोलिज्म के लक्षण पाए गए, यानि कीड़े लगे मृत पक्षियों को खाने पर ही पक्षियों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि 77 व्यक्ति सांभर झील में पूरे उपकरणों के साथ मृत पक्षियों को ढूंढ रहे हैं और अब तक करीब 1500 मृत पक्षियों को निकाला जा चुका है और उनको डिस्पोज भी कर दिया गया है. यादव ने बतयाा कि करीब सवा सौ पक्षियों को रेस्क्यू किया गया है और उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि थोड़ी ठंड पड़ने और मृत पक्षियों को झील से निकाल लेने पर यह समस्या समाप्त हो जाएगी.

पढ़ें- 'बोटूलिज्म' से हुई हजारों विदेशी पक्षियों की मौत, उपचार के लिए बनाए जा रहे चार रेस्क्यू सेंटर​​​​​​​

सिविल डिफेंस के साथ एसडीआरएफ लगी रेस्क्यू में

नागरिक सुरक्षा के उप नियंत्रक जगदीश प्रसाद रावत के नेतृत्व में सिविल डिफेंस की टीम और एसडीआरएफ के 17 जवान सांभर झील से मृत पक्षियों के शव निकालने में जुटे हैं. वहीं, शुक्रवार को टीम ने 1500 मृत पक्षियों के शव सांभर झील से बाहर निकाले. सिविल डिफेंस की टीम ने मृत पक्षियों को डिस्पोज भी कराया. नागरिक सुरक्षा की टीम अपने पूरे उपकरणों के साथ सांभर झील पहुंची थी. यह टीम शनिवार को भी झील से मृत पक्षियों को बाहर निकालने का काम करेंगी. सिविल डिफेंस की टीम ने रतन सागर, झपोल डेम साइट पूरी तरह से मृत पक्षियों से साफ कर दी है.

Intro:जयपुर। सांभर झील में देशी विदेशी हजारों पक्षियों की मौत के बाद मृत पक्षियों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत शुक्रवार को 1500 मृत पक्षियों को झील से बाहर निकाला गया और इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 77 लोगों की टीम काम कर रही है। यह जानकारी जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने दी। उनके अनुसार अब सांभर झील में साढ़े तीन हजार पक्षियों की मौत हो चुकी है।


Body:जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने बताया कि सांभर झील से मृत पक्षियों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय और लगेगा। यादव ने बताया कि जब प्रवासी पक्षी आते हैं तो उनका एग्रो क्लाइमेट चेंज होता है और उनका शरीर उस हिसाब से खुद को नहीं ढाल पाता। इसलिए उनकी मौत हो जाती है जब इन पक्षियों के शरीर में कीड़े पड़ जाते हैं तो जिंदा पक्षी इनको खा लेते हैं जिसके कारण पक्षियों को पैरालिसिस आ जाता है और वह उड़ और चल नहीं पाते। इससे उनकी मौत हो जाती है। यादव ने बताया कि 10 नवंबर को किसी पत्रकार ने हमें पक्षियों की मौत की सूचना दी थी और तुरंत ही वहां पर वन विभाग की टीम को भेजा गया था। यादव ने कहा कि कल तक 2000 मृत पक्षियों को दफना दिया गया और काफी संख्या में जीवित पक्षियों को भी रेस्क्यू किया गया है। पहले रेस्क्यू सेंटर फुलेरा में था जिसे आप सांभर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
यादव ने कहा कि भोपाल से आई रिपोर्ट में भी यह साफ हो गया है कि पक्षियों की मौत बर्ड फ़्लू से नहीं हुई है।
यादव ने कहा बीकानेर यूनिवर्सिटी के एके कटारिया ने भी पक्षियों का पोस्टमार्टम किया था जिसमें भी बोटोलिज्म के लक्षण पाए गए। यानी कीड़े लगे मृत पक्षियों को खाने पर ही पक्षियों की मौत हुई है।
77 व्यक्ति सांभर झील में पूरे उपकरणों के साथ मृत पक्षियों को ढूंढ रहे हैं और अब तक करीब 1500 मृत पक्षियों को निकाला जा चुका है और उनको डिस्पोज भी कर दिया है करीब सवा सौ पक्षियों को रेस्क्यू किया गया है, उनका इलाज चल रहा है। यादव ने कहा कि थोड़ी ठंड पड़ने और मृत पक्षियों को झील से निकाल लेने पर यह समस्या समाप्त हो जाएगी। दो से तीन दिन और टीम मृत पक्षियों के निकालने का काम करेगी।

सिविल डिफेंस के साथ एसडीआरएफ लगी रेस्क्यू में-
नागरिक सुरक्षा के उप नियंत्रक जगदीश प्रसाद रावत के नेतृत्व में सिविल डिफेंस की टीम और एसडीआरएफ के 17 जवान सांभर झील से मृत पक्षियों के शव निकालने में जुटे और शुक्रवार को टीम ने 1500 मृत पक्षियों के शव सांभर झील से बाहर निकाले। सिविल डिफेंस की टीम ने मृत पक्षियों को डिस्पोज भी कराया। नागरिक सुरक्षा की टीम अपने पूरे उपकरणों के साथ सांभर झील पहुंची थी। यह टीम शनिवार को भी झील से मृत पक्षियों को बाहर निकालने का काम करेंगी। सिविल डिफेंस की टीम ने रतन सागर, झपोल डेम साइट पूरी तरह से मृत पक्षियों से साफ कर दी है।


बाईट जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव


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