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जयपुर : कोरोना काल में गौण मंडी बनी सहकारी समितियां बनी वरदान, किसानों ने बेची 135 करोड़ की फसल

लॉकडाउन के दौरान जयपुर के किसानों ने 16 फसलों की 6 लाख क्विंटल उपजों का विक्रय किया. जिसकी कीमत करीब 135 करोड़ रुपए है और यह सब गौण मंडी बनी सहकारी समितियों की वजह से संभव हो पाया.

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सहकारी समितियों से 15 हजार किसानों को मिला लाभ
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Published : Jun 5, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 9:57 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट के दौरान गौण मंडी बनी सहकारी समितियां अन्नदाता यानी किसानों के लिए वरदान साबित हुई. यही कारण रहा कि लॉकडाउन के दौरान इन सहकारी समितियों के जरिए किसान अपने खेत के समीप ही उपज को बेच पाए. इस सुविधा से किसानों ने 16 फसलों की 6 लाख क्विंटल उपजों का विक्रय किया. जिसकी कीमत करीब 135 करोड़ रुपए है. प्रदेश सरकार की पहल से सहकारी समितियों के व्यवसाय और आय में भी बढ़ोतरी हुई है.

प्रदेश में हो रही खरीद के लिए 427 ग्राम सेवा सहकारी समितियां और क्रय विक्रय सहकारी समितियां गौण मंडी के रूप में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. बीकानेर संभाग में 141, उदयपुर संभाग में 71, जोधपुर संभाग में 66, अजमेर संभाग में 42, जयपुर संभाग में 40, भरतपुर संभाग में 39 और कोटा संभाग में 28 सहकारी समितिया गौण मंडी के रूप में काम कर रही हैं.

सहकारी समितियों से 15 हजार किसानों को मिला लाभ

6 लाख 13 हजार क्विंटल उपज का विक्रय

गौण मंडी सहकारी समितियों के 31 मई तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 14 हजार से अधिक किसानों से 16 फसलों को गौण मंडी प्रांगण से विक्रय किया गया. जिससे 135 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किसानों को हुआ. 6 लाख 13 हजार 729 क्विंटल से अधिक उपज बेची गई. मंडी शुल्क के रूप में 1.66 करोड़ रुपए की आय हुई है. जिसमें से लगभग 1 करोड़ रूपए सहकारी समितियों को प्राप्त हुआ.

यह भी पढे़ं- जोधपुर का दीपक अब दीपिका मारवाड़ी बनकर खुश है...

सरकार की पहल से किसानों के समय और धन की भी बचत हुई है. 427 गौण मंडी सहकारी समितियों के प्रांगण से किसानों ने 16 फसलें जिसमें गेहूं, बाजरा, सरसों, चना, मक्का, तारामीरा, जौ, मेथी, मसूर, सोयाबीन, अरंडी, लहसुन, अलसी, गवार, मोठ और इसबगोल का विक्रय किया. संभागों में सर्वाधिक बीकानेर संभाग से 6 हजार 464 किसानों ने 4 लाख 47 हजार 569 क्विंटल उपज बेची, जबकि दूसरे नंबर पर श्रीगंगानगर रहा.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट के दौरान गौण मंडी बनी सहकारी समितियां अन्नदाता यानी किसानों के लिए वरदान साबित हुई. यही कारण रहा कि लॉकडाउन के दौरान इन सहकारी समितियों के जरिए किसान अपने खेत के समीप ही उपज को बेच पाए. इस सुविधा से किसानों ने 16 फसलों की 6 लाख क्विंटल उपजों का विक्रय किया. जिसकी कीमत करीब 135 करोड़ रुपए है. प्रदेश सरकार की पहल से सहकारी समितियों के व्यवसाय और आय में भी बढ़ोतरी हुई है.

प्रदेश में हो रही खरीद के लिए 427 ग्राम सेवा सहकारी समितियां और क्रय विक्रय सहकारी समितियां गौण मंडी के रूप में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. बीकानेर संभाग में 141, उदयपुर संभाग में 71, जोधपुर संभाग में 66, अजमेर संभाग में 42, जयपुर संभाग में 40, भरतपुर संभाग में 39 और कोटा संभाग में 28 सहकारी समितिया गौण मंडी के रूप में काम कर रही हैं.

सहकारी समितियों से 15 हजार किसानों को मिला लाभ

6 लाख 13 हजार क्विंटल उपज का विक्रय

गौण मंडी सहकारी समितियों के 31 मई तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 14 हजार से अधिक किसानों से 16 फसलों को गौण मंडी प्रांगण से विक्रय किया गया. जिससे 135 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किसानों को हुआ. 6 लाख 13 हजार 729 क्विंटल से अधिक उपज बेची गई. मंडी शुल्क के रूप में 1.66 करोड़ रुपए की आय हुई है. जिसमें से लगभग 1 करोड़ रूपए सहकारी समितियों को प्राप्त हुआ.

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सरकार की पहल से किसानों के समय और धन की भी बचत हुई है. 427 गौण मंडी सहकारी समितियों के प्रांगण से किसानों ने 16 फसलें जिसमें गेहूं, बाजरा, सरसों, चना, मक्का, तारामीरा, जौ, मेथी, मसूर, सोयाबीन, अरंडी, लहसुन, अलसी, गवार, मोठ और इसबगोल का विक्रय किया. संभागों में सर्वाधिक बीकानेर संभाग से 6 हजार 464 किसानों ने 4 लाख 47 हजार 569 क्विंटल उपज बेची, जबकि दूसरे नंबर पर श्रीगंगानगर रहा.

Last Updated : Jun 5, 2020, 9:57 PM IST
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