जयपुर. कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश के चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों का इलाज किया, लेकिन इन्हीं चिकित्सकों में से कुछ ऐसे चिकित्सक भी हैं जिनको बीते 10 सालों से कैडर का इंतजार है.
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इन चिकित्सकों की मांग आज तक पूरी नहीं हो पाई है और आज भी यह चिकित्सक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोविड-19 संक्रमण में जिस तरह से उन्होंने काम किया उसे देखते हुए सरकार उनकी कैडर से जुड़ी मांग जल्द पूरी करेगी.
राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ से जुड़े 15 हजार चिकित्सक बीते 10 सालों से राजस्थान मेडिकल सर्विस कैडर की मांग कर रहे हैं. मामले को लेकर अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला का कहना है कि प्रदेशभर के सेवारत चिकित्सकों ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए बीते 1 सालों से कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
सेवारत चिकित्सक संघ लंबे समय से राजस्थान मेडिकल सर्विस कैडर बनाने की मांग है जिसे अभी तक भी पूरा नहीं किया गया है. डॉक्टर ओला का कहना है कि इससे पहले भी जुलाई साल 2011 नवंबर साल 2017 और बीते साल कैडर बनाने को लेकर समझौता भी हुआ, लेकिन अभी तक उसे लागू नहीं किया गया है, जबकि सरकार ने हाल ही में फार्मासिस्ट और नर्सेज का कैडर बनाया है.
एक बार फिर प्रयास
लंबे समय से कैडर का इंतजार कर रहे राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने एक बार फिर राजस्थान मेडिकल सर्विस कैडर का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. इसे लेकर हाल ही में निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा को एक ज्ञापन भी सौंपा गया था और यह बताया गया था कि बीते 10 सालों से सेवारत चिकित्सक संघ कैडर के निर्माण के लिए जंग लड़ रहा है.
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कोविड काल में जो काम चिकित्सकों ने किया है उसे देखते हुए अभी भी सरकार ने कैडर बनाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर सरकार चिकित्सकों को कैडर का तोहफा दे सकती है.