जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार नई दिल्ली स्थित एम्स की तर्ज पर करने की कवायद की जा रही है. ताकि आम जनता को एक ही परिसर में सभी तरह की चिकित्सा सुविधा मिल सके. इसे लेकर यहां आईपीडी टावर और कार्डियोलॉजी सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है.
सोमवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा, स्मार्ट सिटी सीईओ लोक बंधु, एसएमएस प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी सहित कई अन्य अधिकारी इन प्रोजेक्ट के निर्माण स्थल के निरीक्षण के लिए पहुंचे. यहां कॉटेज वार्ड, गर्ल्स हॉस्टल के नजदीक जगह, मोर्चरी क्षेत्र, जेएलएन रोड पर बने कचरा डंपिंग यार्ड की जगह को नए प्रोजेक्ट्स के लिए चिन्हित किया गया.
मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में लगभग 150 करोड़ रुपए की लागत से वर्तमान कॉटेज स्थल पर 15 मंजिला आईपीडी टावर बनाया जाएगा. यहां 100 डीलक्स कॉटेज और 50 सुइट्स बनाए जाएंगे. वहीं तीन मंजिला बेसमेंट में पार्किंग की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा टॉप फ्लोर पर कैफेटेरिया, फूड कोर्ट और एक ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि यहां प्रत्येक फ्लोर पर ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड होंगे, और ग्राउंड फ्लोर पर एमआरआई, सीटी स्कैन और अन्य जांच की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा इंवेस्टिगेशन फ्लोर अलग होगा. इस दौरान धारीवाल ने स्मार्ट सिटी अधिकारियों को एसएमएस के नॉर्थ ईस्ट में स्थित कचरा डिपो को हटाकर यहां सर्वधर्म प्रार्थना स्थल बनाने के निर्देश दिए.
वहीं, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि एसएमएस अस्पताल का कायाकल्प रेफरिंग अस्पताल के रूप में किया जाएगा. जहां सभी विकास कार्य आगामी 50 वर्षों की आवश्यकता को देखते हुए किए जाएंगे. आईपीडी टावर में नए विभाग के रूप में न्यूक्लियर मेडिसिन, स्पोर्ट्स मेडिसिन, जेनेटिक मेडिसिन, ट्रॉपिकल मेडिसिन बनाए जाएंगे, और हर फ्लोर सेल्फ सफिशिएंट फ्लोर होंगे. जिससे मरीज को कम से कम मूवमेंट करना पड़ेगा.
साथ ही वर्तमान मोर्चरी स्थल पर आधुनिक मोर्चरी बनाई जाएगी. इसके अलावा नए बनने वाले कार्डियोलॉजी सेंटर को इमरजेंसी से जोड़ा जाएगा. साथ ही यहां जगह चिन्हित कर अस्पताल के आसपास की दुकानों को समाहित करने के लिए एक लघु बाजार जेडीए के माध्यम से बनाया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि अस्पताल मार्ग पर बंगला नंबर 2 से 5 तक के सभी बंगलों को एसएमएस अस्पताल में सुविधा विस्तार के उपयोग में लेने के लिए राज्य सरकार से निवेदन किया जाएगा. साथ ही ट्रॉमा सेंटर के अंडर ग्राउंड में पानी भरने की समस्या का भी निस्तारण किया जाएगा.
हालांकि ट्रॉमा सेंटर और एसएमएस मुख्य भवन की कनेक्टिविटी के लिए अंडरपास बना हुआ है. लेकिन चिकित्सा मंत्री ने नए परिपेक्ष में नए निर्माण की बात कही. इस पूरे काम की जिम्मेदारी विभिन्न अस्पताल से जुड़े प्रोजेक्ट बना चुके आर्किटेक्ट अनूप भरतिया को सौंपी गई है. इसे पूरा करने का लक्ष्य 2 वर्ष का रखा गया है.