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गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, 11 हजार 353 उप प्रधानाचार्य के पद सृजित होंगे... बीएडधारियों को भी मिली बड़ी राहत - Rajasthan News

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के निर्णय से बेरोजगरों को बड़ी राहत मिली है. गहलोत के निर्णय से बीएड ( BEd) में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी राहत मिली है. मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर शिक्षा विभाग (Education Department)की अहम बैठक ली.

Rajasthan News, CM Ashok Gehlot
मुख्यमंत्री निवास पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक लेते सीएम गहलोत
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Published : Nov 12, 2021, 7:46 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बेरोजगारों के लिए कई बड़ी घोषणा की है. जिसमें खासतौर से स्कूली शिक्षा की मजबूती के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. सीएम गहलोत ने प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के उन्नयन, व्याख्याताओं को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के साथ रीट परीक्षा-2021 पास कर चुके बीएड के अध्ययनरत विद्यार्थियों को अध्यापक भर्ती-2021 में आवेदन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए निर्णय किया हैं.

सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये अहम निर्णय लिए. प्रदेश के 11 हजार 353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पदों का सृजन होगा. राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3 हजार 533 प्रधानाध्यापकों के कैडर को डाइंग कैडर घोषित किया जाएगा. इन विद्यालयों में अब प्रधानाचार्य लगाए जाएंगे. इसके लिए प्रधानाचार्य के नए पद भी सृजित किए जाएंगे. इस निर्णय से स्कूल शिक्षा में व्याख्याताओं को पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.

पढ़ें. राजस्थान में सोनिया का सियासी फॉर्मूला : गहलोत पायलट दोनों कर चुके मुलाकात..अब जल्द होगा कैबिनेट विस्तार

कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रीट-2021 के परीक्षा परिणाम से पूर्व घोषित नहीं हो पाया है. इन अभ्यर्थियों को राजस्थान प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती में आवेदन की अंतिम दिनांक तक शैक्षणिक साथ ही प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा. सीएम गहलोत के इस निर्णय से बड़ी संख्या में बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थी अध्यापक सीधी भर्ती के पात्र हो सकेंगे.

हजारों व्याख्याताओं को मिलेगी पदोन्नति

बैठक में अध्यापक भर्ती परीक्षा प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में पात्रता परीक्षा के बाद चयन के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने पर भी विचार विमर्श किया गया. शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की मांग चली आ रही थी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों व्याख्याताओं को पदोन्नति का मौका मिल सकेगा. साथ ही इससे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बेरोजगारों के लिए कई बड़ी घोषणा की है. जिसमें खासतौर से स्कूली शिक्षा की मजबूती के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. सीएम गहलोत ने प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के उन्नयन, व्याख्याताओं को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के साथ रीट परीक्षा-2021 पास कर चुके बीएड के अध्ययनरत विद्यार्थियों को अध्यापक भर्ती-2021 में आवेदन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए निर्णय किया हैं.

सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ये अहम निर्णय लिए. प्रदेश के 11 हजार 353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य के पदों का सृजन होगा. राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3 हजार 533 प्रधानाध्यापकों के कैडर को डाइंग कैडर घोषित किया जाएगा. इन विद्यालयों में अब प्रधानाचार्य लगाए जाएंगे. इसके लिए प्रधानाचार्य के नए पद भी सृजित किए जाएंगे. इस निर्णय से स्कूल शिक्षा में व्याख्याताओं को पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.

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कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रीट-2021 के परीक्षा परिणाम से पूर्व घोषित नहीं हो पाया है. इन अभ्यर्थियों को राजस्थान प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती में आवेदन की अंतिम दिनांक तक शैक्षणिक साथ ही प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा. सीएम गहलोत के इस निर्णय से बड़ी संख्या में बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थी अध्यापक सीधी भर्ती के पात्र हो सकेंगे.

हजारों व्याख्याताओं को मिलेगी पदोन्नति

बैठक में अध्यापक भर्ती परीक्षा प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में पात्रता परीक्षा के बाद चयन के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने पर भी विचार विमर्श किया गया. शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की मांग चली आ रही थी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों व्याख्याताओं को पदोन्नति का मौका मिल सकेगा. साथ ही इससे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

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