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अल्ट्रासाउंड पीजी डिप्लोमा कोर्स में प्रदेश के अभ्यर्थियों का 100 फीसदी आरक्षण अवैध घोषित - जयपुर समाचार

राजस्थान हाईकोर्ट ने अल्ट्रासाउंड पीजी डिप्लोमा कोर्स के एडमिशन में प्रदेश की कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों के 100 फीसदी आरक्षण को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया है. अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह संस्थानिक आधार पर प्रदेश के अभ्यर्थियों को आरक्षण दे सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार इसकी सीमा 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकती.

Rajasthan high court news
राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला
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Published : Sep 11, 2020, 1:38 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अल्ट्रासाउंड पीजी डिप्लोमा कोर्स के एडमिशन में प्रदेश की कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों के 100 फीसदी आरक्षण को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को कोर्स में प्रवेश के लिए पात्र माना है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश डॉक्टर सिंपल गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर दिए

अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह संस्थानिक आधार पर प्रदेश के अभ्यर्थियों को आरक्षण दे सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार इसकी सीमा 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकती. वहीं अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह 15 दिन में अदालती आदेश के अनुसार मेरिट के तहत काउंसलिंग की प्रक्रिया करें और यदि याचिकाकर्ता मेरिट में आए तो उसे डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश दिया जाए.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने अल्ट्रासाउंड डिप्लोमा कोर्स में केवल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को ही योग्य माना है. ऐसे में प्रदेश के एमबीबीएस अभ्यर्थियों को कोर्स में 100 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विपरीत है.

नीट पीजी बोर्ड 11 सितंबर से डिप्लोमा कोर्स के लिए काउंसलिंग रहा है. जिसमें बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने दिया जाए.ट पीजी बोर्ड 11 सितंबर से डिप्लोमा कोर्स के लिए काउंसलिंग रहा है. जिसमें बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने दिया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अल्ट्रासाउंड पीजी डिप्लोमा कोर्स के एडमिशन में प्रदेश की कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों के 100 फीसदी आरक्षण को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को कोर्स में प्रवेश के लिए पात्र माना है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश डॉक्टर सिंपल गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर दिए

अदालत ने राज्य सरकार को छूट दी है कि वह संस्थानिक आधार पर प्रदेश के अभ्यर्थियों को आरक्षण दे सकती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार इसकी सीमा 50 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकती. वहीं अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह 15 दिन में अदालती आदेश के अनुसार मेरिट के तहत काउंसलिंग की प्रक्रिया करें और यदि याचिकाकर्ता मेरिट में आए तो उसे डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश दिया जाए.

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने अल्ट्रासाउंड डिप्लोमा कोर्स में केवल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को ही योग्य माना है. ऐसे में प्रदेश के एमबीबीएस अभ्यर्थियों को कोर्स में 100 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विपरीत है.

नीट पीजी बोर्ड 11 सितंबर से डिप्लोमा कोर्स के लिए काउंसलिंग रहा है. जिसमें बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने दिया जाए.ट पीजी बोर्ड 11 सितंबर से डिप्लोमा कोर्स के लिए काउंसलिंग रहा है. जिसमें बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रवेश प्रक्रिया में भाग लेने दिया जाए.

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