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2 अक्टूबर से प्रस्तावित 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' में बांटे जाएंगे 10 लाख पट्टे

प्रदेश में 2 अक्टूबर से प्रस्तावित 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' (prashasan shahron ke sang) के तहत 10 लाख पट्टे बांटे जाएंगे. वहीं इस अभियान में वर्ष 2012 के संपादित कार्य में 18 कार्य और शामिल किए गए हैं. इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर नियम-कानून (change in rules and regulation) में भी बदलाव किए जाएंगे.

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2 अक्टूबर से प्रस्तावित 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' में बांटे जाएंगे 10 लाख पट्टे
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Published : Jun 21, 2021, 2:54 PM IST

जयपुर. 2 अक्टूबर से 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' शुरू कर प्रदेश वासियों को बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है. इस अभियान के तहत यूडीएच मंत्री ने 10 लाख पट्टे बांटे जाने की ओर इशारा किया. इससे पहले आवश्यकता पड़ने पर जमीनों के नियम और कानून में बदलाव करने की भी बात कही है, जिसकी जिम्मेदारी यूडीएच सलाहकार जीएस संधू को सौंपी गई है.

आमजन को त्वरित राहत देने के लिए प्रस्तावित प्रशासन शहरों के संग अभियान में 10 लाख पट्टे देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभियान में 31 बिंदुओं पर आमजन के लिए कार्य किए जाएंगे, जिनमें से 13 कार्य पूर्व अभियान वर्ष 2012 में भी संपादित किए गए थे. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान की तैयारी चल रही है. इसको लेकर आज सलाहकार जीएस संधू भी मीटिंग लेंगे. पहले कांग्रेस सरकार ने ही 5 लाख पट्टे वितरित किए और इस बार 10 लाख से ज्यादा पट्टे वितरित करने का लक्ष्य है. पिछली मर्तबा जिन बिंदुओं के आधार पर पट्टे वितरित किए गए थे, उनके अलावा नए बिंदु भी जोड़े गए हैं.

2 अक्टूबर से प्रस्तावित 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' में बांटे जाएंगे 10 लाख पट्टे

यह भी पढ़ें- प्रदेश भर में बनाई जा रही गांधी वाटिका, जेडीए हर जोन में विकसित करेगा ऑक्सी जोन

इसको लेकर विकास प्राधिकरण, विकास न्यास, नगरीय निकायों के साथ मीटिंग कर प्लानिंग की जाएगी. पट्टों से जुड़े प्रकरणों में कानून और नियमों में भी आवश्यकता पड़ने पर बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर सीएम का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को अपने मकान का पट्टा मिले. यदि व्यक्ति ने लेआउट प्लान पास करवा करके बिल्डिंग बायलॉज फॉलो किये हैं, तो निश्चित तौर पर उसे लाभ मिलना चाहिए.

2012 अभियान के बिंदु

  • कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाओं का नियमन.
  • स्टेट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत पट्टे जारी करना.
  • अधिसूचित कच्ची बस्तियों के कब्जों का नियमन.
  • खांचा भूमि का आवंटन.
  • निकायों के तहत नीलाम आवंटन किए गए भूखंडों के बढ़े हुए क्षेत्रफल का नियमन.
  • भवन मानचित्र अनुमोदन और लेआउट अनुमोदन.
  • भूखंडों के पुनर्गठन उपविभाजन की स्वीकृति.
  • भूखंडों के नाम हस्तांतरण प्रकरणों की स्वीकृति जारी करना.
  • सिवायचक भूमि पर अनाधिकृत आवासीय निर्माणों का नियमन.
  • बकाया लीज और एक मुश्त जमा कराने पर लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी करना.
  • सिवायचक भूमि का नगरीय निकायों को हस्तांतरण.
  • जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना.
  • राजस्थान आवासन मंडल, सार्वजनिक निर्माण विभाग और विभिन्न विभागों की ओर से अवाप्तशुदा जमीन पर बसी आवासीय कॉलोनियों का नियमितीकरण.

अभियान में 18 कार्य और किए गए शामिल

  • अपंजीकृत पट्टे, आवंटन पत्र/विक्रय विलेख का पुर्नवेध कर पंजीकरण कराने का कार्य.
  • आवासीय क्षेत्र, कृषि भूमि पर बसी आवासीय कॉलोनियों के भीतर गैर आवासीय गतिविधियों का नियमितीकरण.
  • ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के 60 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल के भूखंडों आवासों का आवंटन बहाल करना.
  • गाडिया लोहारों, राजस्थान राज्य विमुक्त, घुमंतू एवं अर्धघुमंतु जातियों को आवास के लिए 100 वर्ष के भूखंड निशुल्क आवंटन करना.
  • विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना.
  • स्वच्छता अभियान के लिए जन जागरूकता और विकास कार्य, शहर को खुले में शौच मुक्त किए जाने के लिए व्यक्तिगत शौचालय के लिए घरेलू इकाई और सामुदायिक शौचालय स्थल का चिह्नीकरण एवं स्वीकृति जारी करना.
  • सीवरेज कनेक्शन के लिए आवेदन प्राप्त कर जारी कर स्वीकृति जारी करना और कनेक्शन किया जाना.
  • राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन.
  • कौशल प्रशिक्षण के लिए युवाओं का चयन करना और आवेदन प्राप्त करना.
  • स्वरोजगार के लिए ऋण दिलवाने के संबंध में आवेदन प्राप्त करना और स्वीकृति जारी करना.
  • प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को चिह्नित कर अनुशंसा पत्र जारी करना, ताकि ऐसे लोग अपना रोजगार सरलता से कर सकें.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करना.
  • मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध करवाने के लिए आय प्रमाण पत्र जारी करना और योजनाएं तैयार करना.
  • हाउसिंग फॉर ऑल मिशन के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग श्रेणी के भूखंड धारी से लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए अनुदान, ऋण से जुड़ा ब्याज अनुदान योजना के लिए आवेदन प्राप्त करना और स्वीकृति जारी करना.
  • वार्ड में बेघर व्यक्तियों परिवारों की पहचान कर आश्रय स्थल के लिए प्रस्ताव तैयार करना.
  • सड़क मार्ग अधिकार, भवन रेखा निर्धारण करना, पार्कों और अन्य सुविधा क्षेत्रों का सीमांकन करना, पार्किंग स्थलों का चिह्नीकरण करना.
  • श्मशान/कब्रिस्तान के लिए भूमि चिह्नीकरण और आरक्षित करने का कार्य.
  • राजकीय विद्यालय, राजकीय चिकित्सालय, आंगनबाड़ी, विद्युत निगम, जलदाय विभाग, बैंक, पोस्ट ऑफिस, पटवार घर, इंदिरा रसोई और अन्य सरकारी अर्द्ध सरकारी कार्यालयों के लिए भूमि का चिह्नीकरण करना.
  • स्वच्छ भारत मिशन में सॉलि़ड वेस्ट डिस्पोजल के लिए उपयुक्त सरकारी भूमि का आवंटन, सेट अपार्ट कराना.

यह भी पढ़ें- Exclusive: आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा से भीलवाड़ा में दिव्यांग कारपेंटर ने बनाई लकड़ी की इलेक्ट्रिक कार, जानें क्या है खास

इसके साथ ही राजघराने की जमीन या मंदिर की जमीन पर बसे लोगों को भी पट्टे वितरित करने की प्लानिंग की जा रही है. बता दें कि प्रशासन शहरों के संग अभियान से नगरीय निकायों के राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे विकास कार्यों को गति दे सकेंगे और आम जनता को राहत मिलेगी. नगरीय निकायों में वार्ड पार्षदों के माध्यम से प्रशासन शहरों के संग संबंधित आमजन की समस्याओं का सर्वे भी कराया जाएगा. साथ ही इसके लिए प्रत्येक वार्ड में एक-एक नोडल ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा.

जयपुर. 2 अक्टूबर से 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' शुरू कर प्रदेश वासियों को बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है. इस अभियान के तहत यूडीएच मंत्री ने 10 लाख पट्टे बांटे जाने की ओर इशारा किया. इससे पहले आवश्यकता पड़ने पर जमीनों के नियम और कानून में बदलाव करने की भी बात कही है, जिसकी जिम्मेदारी यूडीएच सलाहकार जीएस संधू को सौंपी गई है.

आमजन को त्वरित राहत देने के लिए प्रस्तावित प्रशासन शहरों के संग अभियान में 10 लाख पट्टे देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभियान में 31 बिंदुओं पर आमजन के लिए कार्य किए जाएंगे, जिनमें से 13 कार्य पूर्व अभियान वर्ष 2012 में भी संपादित किए गए थे. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान की तैयारी चल रही है. इसको लेकर आज सलाहकार जीएस संधू भी मीटिंग लेंगे. पहले कांग्रेस सरकार ने ही 5 लाख पट्टे वितरित किए और इस बार 10 लाख से ज्यादा पट्टे वितरित करने का लक्ष्य है. पिछली मर्तबा जिन बिंदुओं के आधार पर पट्टे वितरित किए गए थे, उनके अलावा नए बिंदु भी जोड़े गए हैं.

2 अक्टूबर से प्रस्तावित 'प्रशासन शहरों के संग अभियान' में बांटे जाएंगे 10 लाख पट्टे

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इसको लेकर विकास प्राधिकरण, विकास न्यास, नगरीय निकायों के साथ मीटिंग कर प्लानिंग की जाएगी. पट्टों से जुड़े प्रकरणों में कानून और नियमों में भी आवश्यकता पड़ने पर बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर सीएम का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को अपने मकान का पट्टा मिले. यदि व्यक्ति ने लेआउट प्लान पास करवा करके बिल्डिंग बायलॉज फॉलो किये हैं, तो निश्चित तौर पर उसे लाभ मिलना चाहिए.

2012 अभियान के बिंदु

  • कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाओं का नियमन.
  • स्टेट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत पट्टे जारी करना.
  • अधिसूचित कच्ची बस्तियों के कब्जों का नियमन.
  • खांचा भूमि का आवंटन.
  • निकायों के तहत नीलाम आवंटन किए गए भूखंडों के बढ़े हुए क्षेत्रफल का नियमन.
  • भवन मानचित्र अनुमोदन और लेआउट अनुमोदन.
  • भूखंडों के पुनर्गठन उपविभाजन की स्वीकृति.
  • भूखंडों के नाम हस्तांतरण प्रकरणों की स्वीकृति जारी करना.
  • सिवायचक भूमि पर अनाधिकृत आवासीय निर्माणों का नियमन.
  • बकाया लीज और एक मुश्त जमा कराने पर लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी करना.
  • सिवायचक भूमि का नगरीय निकायों को हस्तांतरण.
  • जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना.
  • राजस्थान आवासन मंडल, सार्वजनिक निर्माण विभाग और विभिन्न विभागों की ओर से अवाप्तशुदा जमीन पर बसी आवासीय कॉलोनियों का नियमितीकरण.

अभियान में 18 कार्य और किए गए शामिल

  • अपंजीकृत पट्टे, आवंटन पत्र/विक्रय विलेख का पुर्नवेध कर पंजीकरण कराने का कार्य.
  • आवासीय क्षेत्र, कृषि भूमि पर बसी आवासीय कॉलोनियों के भीतर गैर आवासीय गतिविधियों का नियमितीकरण.
  • ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के 60 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल के भूखंडों आवासों का आवंटन बहाल करना.
  • गाडिया लोहारों, राजस्थान राज्य विमुक्त, घुमंतू एवं अर्धघुमंतु जातियों को आवास के लिए 100 वर्ष के भूखंड निशुल्क आवंटन करना.
  • विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना.
  • स्वच्छता अभियान के लिए जन जागरूकता और विकास कार्य, शहर को खुले में शौच मुक्त किए जाने के लिए व्यक्तिगत शौचालय के लिए घरेलू इकाई और सामुदायिक शौचालय स्थल का चिह्नीकरण एवं स्वीकृति जारी करना.
  • सीवरेज कनेक्शन के लिए आवेदन प्राप्त कर जारी कर स्वीकृति जारी करना और कनेक्शन किया जाना.
  • राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों का गठन.
  • कौशल प्रशिक्षण के लिए युवाओं का चयन करना और आवेदन प्राप्त करना.
  • स्वरोजगार के लिए ऋण दिलवाने के संबंध में आवेदन प्राप्त करना और स्वीकृति जारी करना.
  • प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को चिह्नित कर अनुशंसा पत्र जारी करना, ताकि ऐसे लोग अपना रोजगार सरलता से कर सकें.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करना.
  • मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध करवाने के लिए आय प्रमाण पत्र जारी करना और योजनाएं तैयार करना.
  • हाउसिंग फॉर ऑल मिशन के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग श्रेणी के भूखंड धारी से लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए अनुदान, ऋण से जुड़ा ब्याज अनुदान योजना के लिए आवेदन प्राप्त करना और स्वीकृति जारी करना.
  • वार्ड में बेघर व्यक्तियों परिवारों की पहचान कर आश्रय स्थल के लिए प्रस्ताव तैयार करना.
  • सड़क मार्ग अधिकार, भवन रेखा निर्धारण करना, पार्कों और अन्य सुविधा क्षेत्रों का सीमांकन करना, पार्किंग स्थलों का चिह्नीकरण करना.
  • श्मशान/कब्रिस्तान के लिए भूमि चिह्नीकरण और आरक्षित करने का कार्य.
  • राजकीय विद्यालय, राजकीय चिकित्सालय, आंगनबाड़ी, विद्युत निगम, जलदाय विभाग, बैंक, पोस्ट ऑफिस, पटवार घर, इंदिरा रसोई और अन्य सरकारी अर्द्ध सरकारी कार्यालयों के लिए भूमि का चिह्नीकरण करना.
  • स्वच्छ भारत मिशन में सॉलि़ड वेस्ट डिस्पोजल के लिए उपयुक्त सरकारी भूमि का आवंटन, सेट अपार्ट कराना.

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इसके साथ ही राजघराने की जमीन या मंदिर की जमीन पर बसे लोगों को भी पट्टे वितरित करने की प्लानिंग की जा रही है. बता दें कि प्रशासन शहरों के संग अभियान से नगरीय निकायों के राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे विकास कार्यों को गति दे सकेंगे और आम जनता को राहत मिलेगी. नगरीय निकायों में वार्ड पार्षदों के माध्यम से प्रशासन शहरों के संग संबंधित आमजन की समस्याओं का सर्वे भी कराया जाएगा. साथ ही इसके लिए प्रत्येक वार्ड में एक-एक नोडल ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा.

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