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बीकानेरः कृषक कल्याण टैक्स के विरोध में व्यापारियों ने अनाज मंडी में जड़ा ताला, 5 करोड़ का कारोबार प्रभावित

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Published : May 6, 2020, 3:54 PM IST

राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में कृषि जिंसों पर लगाए गए कृषक कल्याण टैक्स के विरोध में बुधवार को बीकानेर की अनाज मंडी पूरी तरह से बंद रही. साथ ही व्यापारियों और किसानों ने सामूहिक रूप से मंडी के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. जिसकी वजह से बुधवार को तकरीबन 5 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ.

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व्यापारियों ने अनाज मंड़ी में जड़ा ताला

बीकानेर. राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में कृषि जिंसों पर लगाए गए कृषक कल्याण टैक्स के विरोध में बुधवार को बीकानेर की अनाज मंडी पूरी तरह से बंद रही. साथ ही व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में अनिश्चितकालीन बंद की चेतावनी भी दी है.

कृषक कल्याण टैक्स के विरोध में व्यापारी

कोरोना के संक्रमण काल में राज्य की अर्थव्यवस्था और राजस्व में हुई कमी के बाद राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए कृषि जिंसों पर दो प्रतिशत कृषक कल्याण टैक्स लगाने का फैसला किया है. जिसके विरोध में बुधवार को मंडी में किसी तरह का कोई भी कारोबार नहीं हुआ. साथ ही व्यापारियों और किसानों ने सामूहिक रूप से मंडी के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. जिसके चलते मंडी में किसी भी प्रकार का कोई सामान अंदर नहीं आया.

पढ़ेंः लॉकडाउन में बंद पड़े होटल में मादा पैंथर ने डाला डेरा, दो-तीन शावकों को दिया जन्म

बीकानेर अनाज कमेटी के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल ने कहा कि, कृषक कल्याण टैक्स के नाम पर सरकार ने टैक्स चोरों के लिए ये एक ग्राउंड तैयार किया है. कोरोना की महामारी के बीच हमने राज्य सरकार का हर संभव सहयोग किया और जिला प्रशासन को भी हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. लेकिन बावजूद उसके व्यापारियों पर सरकार अत्याचार कर रही है. सरकार के इस फैसले से टैक्स चोरी को बढ़ावा मिलेगा और बिना बिल के माल की ज्यादा बिक्री होगी. अभी भी दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में राजस्थान के किसानों का उगाया गया चना बड़ी मात्रा में बिना बिल के बिक रहा है. ऐसे में इसके बाद इसमें और इजाफा होगा.

उन्होंने कहा कि, हमारे समर्थन में दाल मिल, तेल मिल और आटा मिल सहित अन्य व्यापारी भी हैं. सरकार के इस फैसले से व्यापारियों पर काफी संकट आ गया है और दूसरे राज्यों की तुलना में अब राजस्थान में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा. जिसकी वजह से व्यापारियों को पलायन करना पड़ेगा. वहीं, मंडी में अपनी फसल लेकर आए किसान ने भी सरकार के इस फैसले पर विरोध जताते हुए कहा कि, इससे किसान को नुकसान होगा और उनको फसल का कम मूल्य मिलेगा.

पढ़ेंः इन घरेलू उपायों को अपनाकर शरीर को हीट स्ट्रोक से बचाएं...

बता दें कि, बुधवार को मंडी में बंद होने से तकरीबन 5 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ. इसके साथ ही अन्य स्थानों से मंडी में आने वाले खाद्य सामग्री के ट्रक भी अनलोड नहीं हुए. जिसकी वजह से मंडी के बाहर ट्रकों की कतारें लग गईं.

बीकानेर. राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में कृषि जिंसों पर लगाए गए कृषक कल्याण टैक्स के विरोध में बुधवार को बीकानेर की अनाज मंडी पूरी तरह से बंद रही. साथ ही व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले के विरोध में अनिश्चितकालीन बंद की चेतावनी भी दी है.

कृषक कल्याण टैक्स के विरोध में व्यापारी

कोरोना के संक्रमण काल में राज्य की अर्थव्यवस्था और राजस्व में हुई कमी के बाद राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए कृषि जिंसों पर दो प्रतिशत कृषक कल्याण टैक्स लगाने का फैसला किया है. जिसके विरोध में बुधवार को मंडी में किसी तरह का कोई भी कारोबार नहीं हुआ. साथ ही व्यापारियों और किसानों ने सामूहिक रूप से मंडी के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. जिसके चलते मंडी में किसी भी प्रकार का कोई सामान अंदर नहीं आया.

पढ़ेंः लॉकडाउन में बंद पड़े होटल में मादा पैंथर ने डाला डेरा, दो-तीन शावकों को दिया जन्म

बीकानेर अनाज कमेटी के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल ने कहा कि, कृषक कल्याण टैक्स के नाम पर सरकार ने टैक्स चोरों के लिए ये एक ग्राउंड तैयार किया है. कोरोना की महामारी के बीच हमने राज्य सरकार का हर संभव सहयोग किया और जिला प्रशासन को भी हर तरह से सहयोग कर रहे हैं. लेकिन बावजूद उसके व्यापारियों पर सरकार अत्याचार कर रही है. सरकार के इस फैसले से टैक्स चोरी को बढ़ावा मिलेगा और बिना बिल के माल की ज्यादा बिक्री होगी. अभी भी दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में राजस्थान के किसानों का उगाया गया चना बड़ी मात्रा में बिना बिल के बिक रहा है. ऐसे में इसके बाद इसमें और इजाफा होगा.

उन्होंने कहा कि, हमारे समर्थन में दाल मिल, तेल मिल और आटा मिल सहित अन्य व्यापारी भी हैं. सरकार के इस फैसले से व्यापारियों पर काफी संकट आ गया है और दूसरे राज्यों की तुलना में अब राजस्थान में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा. जिसकी वजह से व्यापारियों को पलायन करना पड़ेगा. वहीं, मंडी में अपनी फसल लेकर आए किसान ने भी सरकार के इस फैसले पर विरोध जताते हुए कहा कि, इससे किसान को नुकसान होगा और उनको फसल का कम मूल्य मिलेगा.

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बता दें कि, बुधवार को मंडी में बंद होने से तकरीबन 5 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ. इसके साथ ही अन्य स्थानों से मंडी में आने वाले खाद्य सामग्री के ट्रक भी अनलोड नहीं हुए. जिसकी वजह से मंडी के बाहर ट्रकों की कतारें लग गईं.

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