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प्रदेश में चल रही शिशु अस्पतालों की मॉनिटरिंग के बीच बीकानेर के PBM अस्पताल के अधीक्षक 4 दिन की छुट्टी पर

कोटा का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के सभी शिशु अस्पतालों में अब सरकार के स्तर पर भी मॉनिटरिंग हो रही है और स्थानीय अस्पताल प्रशासन भी इस पूरे मामले में किसी भी तरह से कोई चूक नहीं हो इसका ध्यान रख रहा है. लेकिन, बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ पीके बेरवाल जरूरी काम होने का हवाला देकर 4 दिन की छुट्टी पर चले गए हैं.

बीकानेर न्यूज, bikaner news
नवजातों की मौत के बाद हरकत में अस्पताल प्रशासन
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Published : Jan 6, 2020, 6:58 PM IST

बीकानेर. जिले के पीबीएम अस्पताल के शिशु अस्पताल में नवजात शिशु की मौत का आंकड़ा सामने आने के बाद अब राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग के साथ ही अस्पताल प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. लेकिन, बीकानेर में हालात कुछ अलग है.

कोटा का मामला सुर्खियों में आने के बाद जिले के पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ पीके बेरवाल जरूरी काम होने का हवाला देकर 4 दिन की छुट्टी पर चले गए. वहीं शिशु अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा सामने आने के साथ ही अस्पताल में आईसीयू के वेंटिलेटर और वार्मर खराब होने के साथ ही अस्पताल में जनरल जनरल वार्ड में एक बेड पर दो बच्चों को सुलाने के साथ ही गंदे चद्दर होने और पूरा स्टाफ नहीं होने की बात सामने आई है.

नवजातों की मौत के बाद हरकत में अस्पताल प्रशासन

सोमवार को पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक का चार्ज संभाल रहे डॉ. परमेंद्र सिरोही ने शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में वेंटिलेटर वार्मर के साथ ही आईसीयू और जनरल वार्ड का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर अधिनस्थ को दिशा निर्देश दिए.

पढ़ें- कोटाः जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों ने दम तोड़ा, 36 दिन में 112 नवजात की मौत

हालांकि, इस दौरान डॉ. सिरोही ने व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए कहा कि कुछ जगह कमी थी, उन्हें समय रहते सुधार लिया गया और अब हर रोज इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है और किसी भी तरह से कोई चूक नहीं हो इसके लेकर भी उपाय किए जा रहे हैं.

अधीक्षक डॉ. बेरवाल के अवकाश पर जाने की सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके यहां कोई आवश्यक काम था इस वजह से वे छुट्टी पर है लेकिन, एक दो दिन में आ जाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ कमियां शिशु अस्पताल में थी लेकिन, अब उसे सुना जा रहा है और सभी को निर्देश दिया गया है कि किसी भी बच्चे के इलाज में कोई कमी न रहे. निरीक्षण के दौरान बच्चा अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. जी एस सेंगर, डॉ मुकेश राघव सहित अन्य डॉक्टर भी मौजूद रहे.

बीकानेर. जिले के पीबीएम अस्पताल के शिशु अस्पताल में नवजात शिशु की मौत का आंकड़ा सामने आने के बाद अब राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग के साथ ही अस्पताल प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. लेकिन, बीकानेर में हालात कुछ अलग है.

कोटा का मामला सुर्खियों में आने के बाद जिले के पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ पीके बेरवाल जरूरी काम होने का हवाला देकर 4 दिन की छुट्टी पर चले गए. वहीं शिशु अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा सामने आने के साथ ही अस्पताल में आईसीयू के वेंटिलेटर और वार्मर खराब होने के साथ ही अस्पताल में जनरल जनरल वार्ड में एक बेड पर दो बच्चों को सुलाने के साथ ही गंदे चद्दर होने और पूरा स्टाफ नहीं होने की बात सामने आई है.

नवजातों की मौत के बाद हरकत में अस्पताल प्रशासन

सोमवार को पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक का चार्ज संभाल रहे डॉ. परमेंद्र सिरोही ने शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में वेंटिलेटर वार्मर के साथ ही आईसीयू और जनरल वार्ड का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर अधिनस्थ को दिशा निर्देश दिए.

पढ़ें- कोटाः जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों ने दम तोड़ा, 36 दिन में 112 नवजात की मौत

हालांकि, इस दौरान डॉ. सिरोही ने व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए कहा कि कुछ जगह कमी थी, उन्हें समय रहते सुधार लिया गया और अब हर रोज इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है और किसी भी तरह से कोई चूक नहीं हो इसके लेकर भी उपाय किए जा रहे हैं.

अधीक्षक डॉ. बेरवाल के अवकाश पर जाने की सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके यहां कोई आवश्यक काम था इस वजह से वे छुट्टी पर है लेकिन, एक दो दिन में आ जाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ कमियां शिशु अस्पताल में थी लेकिन, अब उसे सुना जा रहा है और सभी को निर्देश दिया गया है कि किसी भी बच्चे के इलाज में कोई कमी न रहे. निरीक्षण के दौरान बच्चा अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. जी एस सेंगर, डॉ मुकेश राघव सहित अन्य डॉक्टर भी मौजूद रहे.

Intro:प्रदेश के शिशु अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के बाद जहां एक और विपक्ष सरकार पर अवस्थाओं का आलम होने का आरोप लगाते हुए निशाना साध रहा है। हालांकि कोटा का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के पूरे शिशु अस्पतालों में अब सरकार के स्तर पर भी मॉनिटरिंग हो रही है और स्थानीय अस्पताल प्रशासन भी इस पूरे मामले में किसी भी तरह से कोई चूक नहीं हो इसका ध्यान रख रहा है



Body:बीकानेर बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के शिशु अस्पताल में नवजात शिशु की मौत का आंकड़ा सामने आने के बाद अब राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग के साथ ही अस्पताल प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। लेकिन बीकानेर में हालात कुछ अलग है। कोटा का मामला सुर्खियों में आने के बाद बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ पीके बेरवाल जरूरी काम होने का हवाला देकर 4 दिन की छुट्टी पर चले गए और इसी बीच बीकानेर की शिशु अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा सामने आने के साथ ही अस्पताल में आईसीयू के वेंटिलेटर और वार्मर खराब होने के साथ ही अस्पताल में जनरल जनरल वार्ड में एक बेड पर दो बच्चों को सुलाने के साथ ही गंदे चद्दर होने और पूरा स्टाफ नहीं होने की बात सामने आई। सोमवार को पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक का चार्ज संभाल रहे डॉ परमेंद्र सिरोही ने शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में वेंटिलेटर वार्मर के साथ ही आईसीयू और जनरल वार्ड का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर अधिनस्थ को दिशा निर्देश दिए।


Conclusion:हालांकि इस दौरान डॉ सिरोही ने व्यवस्थाओं पर संतोष जताते हुए कहा कि कुछ जगह कमी थी उन्हें समय रहते सुधार लिया गया और अब हर रोज इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है और किसी भी तरह से कोई चूक नहीं हो इसको लेकर भी उपाय किए जा रहे हैं। अधीक्षक डॉ बेरवाल के अवकाश पर जाने की सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके यहां कोई आवश्यक काम था इस वजह से वे छुट्टी पर है लेकिन एक दो दिन में आ जाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि शुरुआत में कुछ कमियां शिशु अस्पताल में थी लेकिन अब उसे सुना जा रहा है और सभी को निर्देश दिया गया है कि किसी भी बच्चे के इलाज में कोई कमी न रहे। निरीक्षण के दौरान बच्चा अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ जी एस सेंगर, डॉ मुकेश राघव सहित अन्य डॉक्टर भी मौजूद रहे


बाइट डॉ. परमेन्द्र सिरोही, कार्यवाहक अधीक्षक, पीबीएम अस्पताल
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