बीकानेर. राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा (Ramesh Borana vice chairman of the State Fair Authority) बीकानेर के दौरे पर थे. इस दौरान बीकानेर में चल रहे अंतरराष्ट्रीय उत्सव को लेकर पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ रमेश बोराणा में चर्चा की (vice chairman of State Fair Authority spoke during tour).रमेश बोराणा से मेला प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लेकर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
मेले को लेकर प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बोराणा ने कहा कि मेला हमारी संस्कृति का हिस्सा है. लोककला और मेला हमारी संस्कृति का एक प्रमुख अंग है. मेलों के माध्यम से हम अपनी परंपराओं को और बेहतर तरीके से आगे ले जा सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने अपनी इच्छा से इस प्राधिकरण की जिम्मेदारी को संभालने का निर्णय किया है.
कलाकारों और ग्रामीण लोगों को मिले रोजगार
रमेश बोराणा ने कहा कि मेला प्राधिकरण के दायरे में राजस्थान के 100 से ज्यादा बड़े मेले आते हैं. इन मेलों में व्यवस्थाएं सुचारु रहे, श्रद्धालुओं को कम से कम परेशानी हो, इसको लेकर भी हम लोग मीटिंग कर रहे हैं. साथ ही इन मेलों में ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े कलाकारों, हस्तशिल्प कलाकारों को रोजगार मिले. उन्हें निशुल्क दुकानों का आवंटन प्राधिकरण के प्रक्रिया से हो ताकि लोगों तक भी यह उत्पाद पहुंचे और ऐसे लोगों को जीवोकापार्जन में सहयोग मिले यह भी हमारा उद्देश्य है.
फूहड़ता का कोई स्थान नहीं
महाशिवरात्रि के पर्व के मौके पर कोटा संभाग में एक स्थान पर रशियन और हरियाणा डांसर के कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह का वाक्या मेरी जानकारी में नहीं आया है. लेकिन धार्मिक मेलों में इस तरह की फूहड़ता का कोई स्थान नहीं है और ऐसा हुआ है तो मैं संबंधित अधिकारियों से बात करूंगा.
ऊंट उत्सव को लेकर ये कहा
इस दौरान रमेश बोरोना में ऊंट उत्सव और मरु महोत्सव साथ ही पुष्कर मेले जैसे आयोजनों को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि बीकानेर के उत्सव को लेकर पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ में भी चर्चा हुई है और प्राधिकरण के दायरे में इनको लेने के लिए चर्चा की जाएगी.