बीकानेर. गहलोत सरकार ने प्रदेश के बेरोजगारों को बड़ा झटका दिया है. विद्या संबल योजना के तहत सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत्त शिक्षक और कार्मिक (Retired Teacher Personnel Will be Employed in Government Schools) लगाए जाएंगे. ईटीवी भारत ने शिक्षा विभाग की ओर से इसको लेकर की जा रही कवायद पर 30 दिसंबर को खबर प्रसारित कर बता दिया था कि इस योजना के तहत प्रदेश की सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत्त को ही लगाया जाएगा और गुरुवार को जारी आदेश के बाद ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लग गई.
दरअसल, प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और सरकारी स्कूलों में खाली पड़े पदों के विपरीत गेस्ट फैकल्टी को लगाए जाने के लिए (Recruitment of Guest Faculty in Rajasthan) विद्या संबल योजना की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में की. विद्या संबल योजना के तहत स्कूलों और कॉलेजों में बड़ी संख्या में खाली पदों के विपरीत पात्र व्यक्तियों को लगाने की सरकार ने योजना बनाई और कोरोना के चलते इस योजना में देरी हुई, लेकिन अब प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों का चयन किया गया है और उन्हें गेस्ट फैकल्टी के रूप में नियुक्ति भी दी जा रही है.
विद्या संबल योजना के तहत प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में भी गेस्ट फैकल्टी के रूप में पात्र व्यक्तियों को लगाए जाने की कवायद को लेकर बड़ी संख्या में बेरोजगार इसका इंतजार कर रहे थे. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से सरकार को भेजे गए प्रस्ताव को सरकार ने हरी झंडी दे दी और गुरुवार को शिक्षा विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया जो बेरोजगारों के लिए एक बड़ा झटका है. शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रमुख शासन सचिव को नवंबर महीने में ही इस तरह के प्रस्ताव भेजे गए थे, जिसमें साफ तौर पर सेवानिवृत्त व्यक्तियों जिनकी उम्र 65 वर्ष से कम हो उन्हें ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में लगाए जाने की बात कही गई.
ईटीवी भारत की इस खबर लगी मुहर : राजस्थान के बेरोजगारों को झटका, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवानिवृत्त को लगाने की शिक्षा विभाग ने की सिफारिश
शिक्षा निदेशक कानाराम की ओर से प्रदेश के सरकारी स्कूलों और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों, आवासीय विद्यालय और छात्रावासों में विषय विशेषज्ञ और रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी के रूप में संविदा पर पात्र व्यक्तियों को लेने के आदेश जारी किए गए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से गुरुवार को जारी आदेश साफ तौर पर उन बेरोजगारों के लिए एक बड़ा झटका इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि बड़ी संख्या में प्रदेश के बेरोजगार और निजी स्कूलों में अल्प वेतन में पढ़ा रहे योग्यताधारी पात्र युवा और युवतियां (Guest faculty Jobs in Rajasthan Schools) इस योजना के तहत खुद के चयन को लेकर उम्मीद लगाए बैठे थे.
श्रेणीवार तय किया है मानदेय : इस योजना के तहत सरकार ने स्कूलों में पढ़ाने वाली गेस्ट फैकल्टी के लिए शनिवार मानदेय किया हुआ है, जिसके मुताबिक तृतीय श्रेणी में कक्षा 1 से 8 के लिए 300 रुपये प्रति कालांश
(एक घंटा), कक्षा 9 से 10 के लिए 350 रुपये प्रति कालांश और कक्षा 11 में 12 को पढ़ाने वाले गेस्ट फैकल्टी के लिए रुपये 400 प्रति कालांश तय किया है. हालांकि, इन सबके लिए क्रमशः 21000, 25000 और 30000 रुपये अधिकतम भी प्रतिमाह सीमा रखी गई है. इसके अलावा कंप्यूटर अनुदेशक के लिए 300 रुपये और प्रयोगशाला सहायक के लिए भी 300 रुपये प्रति कालांश और अधिकतम 21000 रुपये की सीमा रखी गई है.
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एक तीर से दो निशाना साधना चाहती सरकार : दरअसल, विद्या संबल योजना के तहत प्रदेश सरकार एक तीर से दो निशाने को साधने का प्रयास कर रही थी, जिसके मुताबिक स्कूलों में खाली पड़े पदों को भी भरा जा सके और नियमित भर्ती से आने वाले आर्थिक बोझ से भी बचा जा सके. इसी के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में बीच का रास्ता निकाला गया, जिससे बेरोजगार भी कुछ हद तक सरकार के प्रति आंदोलित न हों और सरकार भी बेरोजगारों को रोजगार देने की अपने चुनावी वादे को भुना सके. लेकिन शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद बेरोजगारों का आक्रोश सरकार के प्रति देखने को मिल सकता है.
ये रहा कारण : ईटीवी भारत ने पूर्व में ही खबर प्रसारित कर (ETV Bharat Rajasthan News) शिक्षा विभाग की ओर से इस तरह के प्रस्ताव की कवायद को लेकर खुलासा किया था और इसका कारण भी बताया था. दरअसल, शिक्षा विभाग की ओर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को गेस्ट फैकल्टी के रूप में रखने के कारण पूर्व में भी विद्यार्थी मित्र पैरा टीचर और प्रबोधकों की तर्ज पर भविष्य में विद्या संबल योजना के तहत लगाए गए गेस्ट फैकल्टी भी स्थाई करने के लिए आंदोलन की राह नहीं पकड़ लें और विभाग पर एक अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं पड़े.