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बीकानेर: CAA, NRC और NPR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन - सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

बीकानेर में सोमवार को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि आगामी 14 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित कर्मचारी मैदान पर प्रदर्शन भी किया जाएगा.

protest against NRC, बीकानेर न्यूज
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
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Published : Feb 4, 2020, 3:30 AM IST

बीकानेर. जिले के स्थानीय मोटा सराय में सोमवार को CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सीएए देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. ऐसे में यहां सबसे बड़ा कानून इंसानियत है. केंद्र सरकार का यह निर्णय इंसानियत के खिलाफ है. प्रदर्शनकारियों के अनुसार सीएए देश के संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक विरोधी एजेंडे पर काम कर रही है.

पढ़ें- मिलावटी माल से सावधान! 200 किलोग्राम नकली पनीर और 150 किलो दूध कराया नष्ट

प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि इस एक्ट से देश में जातिवाद वैमनस्य ही बढ़ेगा. इसे काला कानून करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस कानून के जरिए एक विशेष तबके को टारगेट कर उन्हें देश से अलग करना चाहती है, जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है. इससे इस कानून को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. आने वाले दिनों में विभिन्न मोहल्लों में इस कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और आगामी 14 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित कर्मचारी मैदान पर सर्व समाज का प्रदर्शन भी किया जाएगा.

बीकानेर. जिले के स्थानीय मोटा सराय में सोमवार को CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सीएए देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. ऐसे में यहां सबसे बड़ा कानून इंसानियत है. केंद्र सरकार का यह निर्णय इंसानियत के खिलाफ है. प्रदर्शनकारियों के अनुसार सीएए देश के संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक विरोधी एजेंडे पर काम कर रही है.

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प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि इस एक्ट से देश में जातिवाद वैमनस्य ही बढ़ेगा. इसे काला कानून करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस कानून के जरिए एक विशेष तबके को टारगेट कर उन्हें देश से अलग करना चाहती है, जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है. इससे इस कानून को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. आने वाले दिनों में विभिन्न मोहल्लों में इस कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और आगामी 14 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित कर्मचारी मैदान पर सर्व समाज का प्रदर्शन भी किया जाएगा.

Intro:बीकानेर में आज स्थानीय मोटा सराय में सीएनआर सीएमपीआरएफ के किला प्रदर्शन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार से नाम के लोग को भ्रमित कर रही हैBody:प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है ऐसे में यहां सबसे बड़ा कानून इंसानियत है केंद्र सरकार का यह निर्णय इंसानियत के खिलाफ है यह कानून ना केवल मुस्लिम समाज के लिए बल्कि देश की संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है केंद्र सरकार मुस्लिम विरोधी एजेंडे पर काम कर रही है Conclusion:प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है इस एक्ट से देश में जातिवाद वैमनस्य ही बढ़ेगा। इसे काला कानून करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस कानून के जरिए एक विशेष तबके को टारगेट कर उन्हें देश से अलग करना चाहती है जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं है ।इससे इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में भारी आक्रोश है समाज के लोग आने वाले दिनों में विभिन्न मोहल्लों में इस कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और आगामी 14 फरवरी को जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित कर्मचारी मैदान पर सर्व समाज का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
बाइट जमील अहमद, प्रदर्शनकारी।
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