बीकानेर. जिले के करणी औद्योगिक क्षेत्र के वूलन मिल में सेप्टिक टैंक के हादसे में 4 श्रमिकों की हुई मौत के (protest after septic tank accident in bikaner) मामले ने तूल पकड़ लिया है. मृतकों के परिजन और दलित समाज के लोग पीबीएम अस्पताल की मॉर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. समाज के लोगों ने प्रत्येक मृतक के परिवार में एक को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है. इसके साथ ही मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की भी मांग की गई थी, जिसे मान लिया गया है. वहीं, अन्य दो मांगों को लेकर सरकार स्तर पर निर्णय की बात की गई है. मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद हैं.
उधर राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष किशन लाल जैदिया भी धरनास्थल पर पहुंचे और सरकार के स्तर पर हर संभव मदद करने की बात कही है. उन्होंने फैक्ट्री मालिक से भी मुआवजा देने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सेप्टिक टैंक में श्रमिकों को उतारने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरी तरह से रोक लगा रखी है. बावजूद इसके फैक्ट्री मालिक श्रमिकों के जान को खतरे में डालने का काम करते हैं. इसलिए उन पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
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मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग : दलित समाज से जुड़े सफाई कर्मचारी नेता शिवलाल तेजी ने कहा कि हमारी मांग है कि 25 लाख रुपए का (demand of compensation of septic tank deaths in bikaner ) मुआवजा और प्रत्येक मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए. जब तक मांग पूरी नहीं होती और समाज के लोगों के बीच सहमति नहीं होती है तब तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा. वहीं, बीछवाल थाना अधिकारी मनोज शर्मा ने कहा कि परिजनों ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की मांग की थी, जिसे मान लिया गया है. दो अन्य मांगे सरकार के स्तर पर हैं, उसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बात-चीत के बाद फैसला लिया जाएगा. परिजनों की सहमति के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी.