बीकानेर. शहर के बीच से गुजरती रेल लाइन से होकर गुजरने वाली रेलगाड़ियों के चलते दिन में कई बार बंद होते रेल फाटक अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. पिछले 40 सालों से इन रेल फाटकों की समस्या के चलते लोग खासे परेशान हो रहे हैं.
शहर के मुख्य मार्ग कोटगेट के बाहर और सांखला रेलवे फाटक के बंद होने के दौरान कई बार जाम की स्थिति बन जाती है. जिसके चलते वहां से गुजरने वाले पद यात्रियों के साथ ही वाहन चालकों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और काफी देर तक जाम में रुकने के चलते अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी देरी हो जाती है. इन रेल फाटकों की समस्या से निजात दिलाने के लिए कई बार जनता ने आवाज उठाई और हर चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने इसे वोट बटोरने का एक जरिया बना लिया.
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस समस्या के निदान के लिए बीकानेर के केईएम रोड पर एलिवेटेड रोड बनाने की घोषणा की थी. लेकिन, वह भी महज कागजी ही साबित हुई. वहीं कांग्रेस सरकार के समय बीकानेर में रेलवे बाईपास बनाने की बात कही गई थी.
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भगत सिंह ब्रिगेड के बैनर तले विरोध प्रदर्शन के तीसरे और अंतिम दिन बीकानेर के कोटगेट रेलवे फाटक पर इन चित्रकारों ने केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और गहलोत सरकार में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के मुखौटे पहन कर इस मामले में दोनों की ओर से लापरवाही बरते जाने का आरोप लगाते हुए उन पर व्यंग्य किया.
चित्रकार मोना सरदार डूडी और मुकेश जोशी ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए अब बीकानेर की जनता खुद आवाज उठाएगी और दोनों ही पार्टियों के नेताओं को इस समस्या को दूर करने के लिए मजबूर करेगी.