बीकानेर. केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि आजादी के बाद 1952 से अब तक संसद के बजट सत्र में सबसे ज्यादा उपयोगी इस बार की लोकसभा का बजट सत्र रहा. जहां 30 से ज्यादा विधेयक और बिल पारित किए गए. बीकानेर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मेघवाल ने कहा कि इस बजट सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल कानून के रूप में पारित हुए. जिसमें तीन तलाक, एनएमसी बिल, आरटीआई संशोधन और अनुच्छेद-370 का खत्म होना शामिल है.
इस दौरान अर्जुन मेघवाल ने कहा कि आरटीआई को लेकर मसौदा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हो तैयार गया था लेकिन कांग्रेस की सरकार में आया. इसलिए उन्हें क्रेडिट जाता है. लेकिन उस समय इस बिल को पारित करने के दौरान कई खामियां रख दी गई और कुछ बातों को नजरअंदाज कर दिया गया. मेघवाल ने कहा कि आरटीआई संस्था स्टेट्यूटरी संस्था है और इसको कांस्टीट्यूशनल संस्था का दर्जा नहीं है और ऐसी खामियां उस वक्त भी लाते वक्त रख दी थी.
वहीं एनएमसी बिल को लेकर एक अनुच्छेद पर आपत्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है. मेडिकल काउंसिल को लेकर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करना हमारी सरकार का पहला उद्देश्य है और इसमें ब्रिज कोर्स को खत्म किया गया है.
कश्मीर में हालात सामान्य है : केंद्रीय मंत्री
अनुच्छेद-370 को लेकर उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य है और अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद किसी भी तरह की कोई परेशानी कश्मीर के लोगों को नहीं है. कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापिस देने को लेकर किए सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा है कि जल्द ही कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने वर्ष 2012 में अपने कश्मीर के दौरे को लेकर भी पत्रकारों से अनुभव साझा करते हुए कहा कि उस वक्त भी कश्मीर के लोगों ने एक स्वर में अनुच्छेद-370 को खत्म करने की बात कही थी.