बीकानेर. वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोपाल जोशी की बुधवार को कोरोना से मौत हो गई. कोरोना पॉजिटिव आने पर जोशी को जयपुर के मानसरोवर स्थित साकेत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. गोपाल जोशी की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी सहित कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने शोक जताया.
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गोपाल जोशी छात्र राजनीति से बीकानेर की राजनीति में सक्रिय हुई. पहले वो बीकानेर नगर परिषद के सभापति चुने गये और फिर 1972 में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे. करीब 30 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद वो बीजेपी में चले गये थे. 2008 में वो भाजपा में शामिल हुए और बीकानेर पश्चिम की सीट से दिग्गज कांग्रेसी नेता बीडी कल्ला को पटखनी दी थी. 2013 में फिर एक बार गोपाल जोशी और बीडी कल्ला के बीच हुए चुनावी मुकाबले में गोपाल जोशी ने बीडी कल्ला को चुनाव में हराकर लगातार दूसरी बार भाजपा की टिकट पर जीत दर्ज की थी.
लेकिन 2018 में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने से ठीक पहले जोशी ने चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दे दिए थे और पार्टी के मंच पर भी बड़े नेताओं को इस बात की जानकारी दे दी थी. लेकिन ऐन वक्त पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गोपाल जोशी को ही चुनाव लड़ने के लिए दबाव डाला और कांग्रेस की तरफ से एक बार फिर से बीडी कल्ला मैदान में थे. लेकिन इस बार जोशी को हार का सामना करना पड़ा.
दार्शनिक अजातशत्रु के रूप में पहचान
बीकानेर की राजनीति में गोपाल जोशी की पहचान एक अजातशत्रु नेता के रूप में होती रही है. पढ़ने-लिखने में रुचि रखने वाले गोपाल जोशी पीएचडी थे. पार्टी लाइन से ऊपर उठकर स्पष्टवादी नेता के रूप में जोशी की पहचान रही. गुरुवार को बीकानेर के नत्थूसर गेट स्थित जोशियों की बगीची मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.