बीकानेर. कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण से बीकानेर अब पूरी तरह से मुक्त हो चुका है. इस कोरोना की जंग में चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मुख्य रूप से वारियर्स की भूमिका में चिकित्सक धरती के भगवान की तरह नजर आए और यही कारण रहा कि बीकानेर में कुल 37 सामने आए मामलों में से 36 संक्रमित इलाज के बाद अब पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए. हालांकि, एक कोरोना पीड़ित महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
वहीं, बीकानेर के कोरोना वायरस से मुक्त होने के बाद सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शैतान सिंह राठौड़ का ETV BHARAT ने बातचीत की. इस दौरान डॉ. राठौड़ ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध हमने पहली लड़ाई जीत ली है और आगे भी सभी को सतर्क रहना है.
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साथ ही बीकानेर में एसटीसी फॉर्मेट पर काम करते हुए उन्होंने इसे मूल मंत्र बताया और कहा कि STC (यानि एस मतलब स्क्रीनिंग व सर्वे, टी मतलब टेस्ट व ट्रीटमेंट और सी मतलब क्वारेंटन, कंटेनमेंट और कर्फ्यू) पर काम किया है, जिसके चलते इम्यूनिटी स्प्रेड के खतरे को टालने में फिलहाल सफल रहे हैं.
इस दौरान उन्होंने कहा कि बीकानेर में सामने आए सभी पॉजिटिव के संपर्क में जितने भी लोग आए थे, उन सभी को आइसोलेट किया गया है. फिलहाल, उन पर पूरी नजर रखी जा रही है और जो लोग ठीक हुए हैं, वह 14 दिन क्वॉरेंटाइन किए हुए हैं और उसके बाद 14 दिन होम आइसोलेशन में भी रहेंगे.