बीकानेर. राजस्थान सरकार में ऊर्जा और जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला बुधवार को बीकानेर दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री कल्ला ने केंद्र सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला.
कल्ला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी के अनुपात में मिलने वाले हिस्से का भुगतान नहीं कर रहा है और राजस्थान का भी भुगतान नहीं हो रहा है. कोरोना के चलते प्रदेश की माली हालत कमजोर होने की बात स्वीकारते हुए उन्होंने कहा कि गुणों से पहले जहां 100 रुपए का राजकोष मिलता था, वह घटकर अब 20 रुपए तक सिमट गया है.
बीडी कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार के पास राजस्व अर्जित करने और आर्थिक स्थिति से उबरने के कई जरिए हैं, लेकिन राज्यों के पास इतने साधन नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी लोन ले सकती है, लेकिन राज्य सरकार इस तरह का कोई कदम नहीं उठा सकती है. कल्ला ने कहा कि राज्य की माली हालत खराब होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विकास कार्यों को लेकर बेहद गंभीर हैं. कोरोना काल में भी आमजन की सुविधा को लेकर किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखी गई और मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना उसका एक उदाहरण है.
इस दौरान पेयजल को लेकर हुए कामों की बात करते हुए कल्ला ने कहा कि बीकानेर में वर्ष 2052 यानी कि अगले 30 साल तक पानी की किल्लत नहीं हो, इसको लेकर योजना मूर्त रूप पर है. इसके लिए शहर में कई जगह ट्यूबवेल शुरू किए गए हैं तो बंद कुओं को शुरू किया गया है. इसके अलावा दो वाटर स्टोरेज प्लांट की मंजूरी दी गई है, जिनका काम भी जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जोधपुर में भी बड़ी पेयजल की योजना स्वीकृत हुई है. साथ ही पूरे राजस्थान में आने वाले समय में एक करोड़ से ज्यादा कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है.
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और इसके बारे में वे ही बता सकते हैं. राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर किए सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है और 10,000 से ज्यादा छोटी और बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां आम कार्यकर्ताओं को दी गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और राजनीतिक नियुक्तियां होंगी.
शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों को लेकर नीति बनाने की बात कही जाती है, लेकिन सरकार बनने के लगभग तीन साल के दौरान आज तक एक बार भी थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं. इसी के बीच खुद मंत्री कल्ला को भी कई बार आम जन सुनवाई में इस तरह के हालातों का सामना करना पड़ता है और इसको लेकर खुद मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ही बता सकते हैं.