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बीकानेरः गौशाला में नहीं है गोवंश रखने की जगह, गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर ठेकेदार पहुंचा कलेक्ट्रेट

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Published : Jan 3, 2020, 11:04 PM IST

बीकानेर शहर में आवारा गोवंश की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम की ओर से पकड़ी जा रहे आवारा गोवंश को रखने के लिए अब गौशाला में भी जगह नहीं है. गौशाला संचालकों ने आवारा गोवंश को लेने से मनाही कर दी है. जिसके बाद ठेकेदार आवारा गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गया.

बीकानेर न्यूज, bikaner news
आवारा गौवंश नहीं ले रही गौशाला

बीकानेर. सड़कों पर आवारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से लगाए गए ठेकेदार द्वारा शहर में हर दिन आवारा गोवंश को पकड़कर गौशाला में छोड़ा जा रहा है. नगर निगम की ओर से संचालित गौशाला में आवारा गोवंश को रखने की जगह नहीं होने पर ठेकेदार द्वारा सरकार की ओर से अनुदान प्राप्त करने वाली गौशालाओं में गोवंश को छोड़ा गया.

आवारा गौवंश नहीं ले रही गौशाला

लेकिन, अब इन गौशाला संचालकों ने गोवंश को लेने से मना कर दिया है. गौशाला संचालकों द्वारा गोवंश को लेने से मना करने के बाद एकबारगी नगर निगम में आवारा गोवंश को पकड़ना बंद कर दिया था. लेकिन, शुक्रवार को फिर से ठेकेदार द्वारा पकड़े गए आवारा गोवंश को लेकर जब ठेकेदार गौशाला पहुंचा तो गौशाला संचालकों ने आवारा गोवंश को लेने से मना कर दिया, जिसके बाद हर गौशाला में घूम कर परेशान हुआ ठेकेदार आवारा गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गया.

पढ़ें- धौलपुर: RPF ने अवैध ई-टिकट के कारोबार का किया भंडाफोड़, 13 लाख से अधिक के कारोबार का किया खुलासा, एक आरोपी गिरफ्तार

ठेकेदार ने जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय द्वारा गौशाला संचालकों से बातचीत कर इन गोवंश को लेने की निर्देश दिए गए. ठेकेदार का कहना था कि निगम की गौशाला में अब आवारा गोवंश के रखने के लिए जगह नहीं है जबकि, अन्य गौशाला संचालक सांड और अन्य गोवंश को रखने के लिए मना कर रहे हैं.

इन गोशाला संचालकों का कहना है कि वह केवल खास किस्म की गाय को ही अपनी गौशाला में ले सकते हैं. ठेकेदार का कहना था कि वह सड़क पर आवारा घूम रहे गोवंश को उठाने की जिम्मेदारी निभा सकता है लेकिन, किसी खास में किस्म की नस्ल वाली गाय को ही पकड़ना उसकी जिम्मेदारी नहीं है.

हालांकि, गोवंश की ट्रॉली को लेकर ठेकेदार द्वारा कलेक्ट्रेट में पहुंचने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन की दखलंदाजी के बाद गौशाला संचालक गोवंश को लेने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद ठेकेदार वहां से रवाना हो गया. हालांकि इस दौरान एक बार कि जिला कलेक्ट्रेट पर भी लोग जमा हो गए.

बीकानेर. सड़कों पर आवारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से लगाए गए ठेकेदार द्वारा शहर में हर दिन आवारा गोवंश को पकड़कर गौशाला में छोड़ा जा रहा है. नगर निगम की ओर से संचालित गौशाला में आवारा गोवंश को रखने की जगह नहीं होने पर ठेकेदार द्वारा सरकार की ओर से अनुदान प्राप्त करने वाली गौशालाओं में गोवंश को छोड़ा गया.

आवारा गौवंश नहीं ले रही गौशाला

लेकिन, अब इन गौशाला संचालकों ने गोवंश को लेने से मना कर दिया है. गौशाला संचालकों द्वारा गोवंश को लेने से मना करने के बाद एकबारगी नगर निगम में आवारा गोवंश को पकड़ना बंद कर दिया था. लेकिन, शुक्रवार को फिर से ठेकेदार द्वारा पकड़े गए आवारा गोवंश को लेकर जब ठेकेदार गौशाला पहुंचा तो गौशाला संचालकों ने आवारा गोवंश को लेने से मना कर दिया, जिसके बाद हर गौशाला में घूम कर परेशान हुआ ठेकेदार आवारा गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गया.

पढ़ें- धौलपुर: RPF ने अवैध ई-टिकट के कारोबार का किया भंडाफोड़, 13 लाख से अधिक के कारोबार का किया खुलासा, एक आरोपी गिरफ्तार

ठेकेदार ने जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय द्वारा गौशाला संचालकों से बातचीत कर इन गोवंश को लेने की निर्देश दिए गए. ठेकेदार का कहना था कि निगम की गौशाला में अब आवारा गोवंश के रखने के लिए जगह नहीं है जबकि, अन्य गौशाला संचालक सांड और अन्य गोवंश को रखने के लिए मना कर रहे हैं.

इन गोशाला संचालकों का कहना है कि वह केवल खास किस्म की गाय को ही अपनी गौशाला में ले सकते हैं. ठेकेदार का कहना था कि वह सड़क पर आवारा घूम रहे गोवंश को उठाने की जिम्मेदारी निभा सकता है लेकिन, किसी खास में किस्म की नस्ल वाली गाय को ही पकड़ना उसकी जिम्मेदारी नहीं है.

हालांकि, गोवंश की ट्रॉली को लेकर ठेकेदार द्वारा कलेक्ट्रेट में पहुंचने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन की दखलंदाजी के बाद गौशाला संचालक गोवंश को लेने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद ठेकेदार वहां से रवाना हो गया. हालांकि इस दौरान एक बार कि जिला कलेक्ट्रेट पर भी लोग जमा हो गए.

Intro:बीकानेर शहर में आवारा गौवंश की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम की ओर से पकड़ी जा रहे आवारा गौवंश को रखने के लिए अब गौशाला में भी जगह नहीं है। गौशाला संचालकों ने आवारा गौवंश को लेने से मनाही कर दी है।


Body:बीकानेर। बीकानेर नगर निगम क्षेत्र में सड़कों पर आवारा घूम रहे गौवंश को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से लगाए गए ठेकेदार द्वारा शहर में हर दिन आवारा गौवंश को पकड़कर गौशाला में छोड़ा जा रहा है नगर निगम की ओर से संचालित गौशाला में आवारा गौवंश को रखने की जगह नहीं होने पर ठेकेदार द्वारा सरकार की ओर से अनुदान प्राप्त करने वाली गौशालाओं में गौवंश को छोड़ा गया लेकिन अब इन गौशाला संचालकों ने गौवंश को लेने से मना कर दिया है। गौशाला संचालकों द्वारा गोवंश को लेने से मना करने के बाद एकबारगी नगर निगम में आवारा गौवंश को पकड़ना बंद कर दिया था लेकिन शुक्रवार को फिर से ठेकेदार द्वारा पकड़े गए आवारा गौवंश को लेकर जब ठेकेदार गौशाला पहुंचा तो गौशाला संचालकों ने आवारा गौवंश को लेने से मना कर दिया जिसके बाद हर गौशाला में घूम कर परेशान हुआ ठेकेदार आवारा गौवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गया।


Conclusion:ठेकेदार ने जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय द्वारा गौशाला संचालकों से बातचीत कर इन गौवंश को लेने की निर्देश दिए गए। ठेकेदार का कहना था कि निगम की गौशाला में अब आवारा गौवंश के रखने के लिए जगह नहीं है जबकि अन्य गौशाला संचालक सांड और अन्य गोवंश को रखने के लिए मना कर रहे हैं इन गोशाला संचालकों का कहना है कि वह केवल खास किस्म की गाय को ही अपनी गौशाला में ले सकते हैं। ठेकेदार का कहना था कि वह सड़क पर आवारा घूम रहे गौवंश को उठाने की जिम्मेदारी निभा सकता है लेकिन किसी खास में किस्म की नस्ल वाली गाय को ही पकड़ना उसकी जिम्मेदारी नही है। हालांकि गौवंश की ट्रॉली को लेकर ठेकेदार द्वारा कलेक्ट्रेट में पहुंचने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन की दखलंदाजी के बाद गौशाला संचालक गौवंश को लेने के लिए राजी हो गए जिसके बाद ठेकेदार वहां से रवाना हो गया। हालांकि इस दौरान एक बार कि जिला कलेक्ट्रेट पर भी लोग जमा हो गए।

बाइट किशन, ठेकेदार
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