बीकानेर. सड़कों पर आवारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के लिए नगर निगम की ओर से लगाए गए ठेकेदार द्वारा शहर में हर दिन आवारा गोवंश को पकड़कर गौशाला में छोड़ा जा रहा है. नगर निगम की ओर से संचालित गौशाला में आवारा गोवंश को रखने की जगह नहीं होने पर ठेकेदार द्वारा सरकार की ओर से अनुदान प्राप्त करने वाली गौशालाओं में गोवंश को छोड़ा गया.
लेकिन, अब इन गौशाला संचालकों ने गोवंश को लेने से मना कर दिया है. गौशाला संचालकों द्वारा गोवंश को लेने से मना करने के बाद एकबारगी नगर निगम में आवारा गोवंश को पकड़ना बंद कर दिया था. लेकिन, शुक्रवार को फिर से ठेकेदार द्वारा पकड़े गए आवारा गोवंश को लेकर जब ठेकेदार गौशाला पहुंचा तो गौशाला संचालकों ने आवारा गोवंश को लेने से मना कर दिया, जिसके बाद हर गौशाला में घूम कर परेशान हुआ ठेकेदार आवारा गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गया.
ठेकेदार ने जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय द्वारा गौशाला संचालकों से बातचीत कर इन गोवंश को लेने की निर्देश दिए गए. ठेकेदार का कहना था कि निगम की गौशाला में अब आवारा गोवंश के रखने के लिए जगह नहीं है जबकि, अन्य गौशाला संचालक सांड और अन्य गोवंश को रखने के लिए मना कर रहे हैं.
इन गोशाला संचालकों का कहना है कि वह केवल खास किस्म की गाय को ही अपनी गौशाला में ले सकते हैं. ठेकेदार का कहना था कि वह सड़क पर आवारा घूम रहे गोवंश को उठाने की जिम्मेदारी निभा सकता है लेकिन, किसी खास में किस्म की नस्ल वाली गाय को ही पकड़ना उसकी जिम्मेदारी नहीं है.
हालांकि, गोवंश की ट्रॉली को लेकर ठेकेदार द्वारा कलेक्ट्रेट में पहुंचने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन की दखलंदाजी के बाद गौशाला संचालक गोवंश को लेने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद ठेकेदार वहां से रवाना हो गया. हालांकि इस दौरान एक बार कि जिला कलेक्ट्रेट पर भी लोग जमा हो गए.