बीकानेर. सोलर कंपनियों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ ही सोलर पावर कंपनियों को तकनीकी रूप से आ रही दिक्कतों और सोलर हब बनाने के प्रयासों को लेकर जिला कलेक्टर ने सोलर पावर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि सोलर प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियां स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाएं. मेहता ने कहा कि जिले के जिन क्षेत्रों में सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं.
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वहां स्थानीय लोगों से बेहतर तालमेल रखा जाए और कंपनियों की ओर से जो भी कार्य किए जाते हैं वह सब नियमानुसार परमिशन लेने के बाद ही किए जाएं. इस कार्य में स्थानीय अधिकारियों के साथ भी तालमेल रखें. प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी स्थानीय लोगों से बातचीत कर यह भी देखें कि सीएसआर के माध्यम से इन क्षेत्रों में किस तरह के विकास कार्य करवाए जाने से स्थानीय लोगों को फायदा होगा. स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य योजना बनाकर प्रशिक्षण गतिविधियां भी आयोजित की जाए.
जिला कलक्टर ने सोलर पावर कंपनियों के अधिकारियों से इस क्षेत्र में आ रही विभिन्न समस्याओं की जानकारी लेते हुए कहा कि किसी सोलर पावर प्रोजेक्ट में भूमि अवाप्ति से जुड़ा कोई कार्य हो तो वे संबंधित क्षेत्र के उपखंड अधिकारी से संपर्क कर राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में लैंड का ईयर मार्क करवा कर भूमि अधिग्रहण कर चारदीवारी या तारबंदी जैसा कार्य करें.
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शिक्षा चिकित्सा में करें सीएसआर फंड का उपयोगजिला कलक्टर ने कहा कि सीएसआर फंड के तहत विकास कार्यों पर जो धनराशि खर्च करने का प्रावधान है उस पर कार्य करने से पूर्व, सीएसआर फंड का उपयोग करने से पूर्व स्थानीय प्रशासन से भी बातचीत कर ले. मेहता ने कहा कि जहां तक संभव हो सीएसआर के माध्यम से शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में धनराशि व्यय की जाए. यहां 50 से ज्यादा सोलर उत्पादन कंपनी राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में पंजीकृत है. बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, परियोजना अधिकारी गोपेश शर्मा, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम सहित जिले में संचालित सोलर पावर प्रोजेक्ट के अधिकारी उपस्थित रहे.