भरतपुर. नगर निगम ने (Bharatpur Municipal corporation) कुछ माह पूर्व ही लायंस सर्विसेज कंपनी को शहर की सफाई का ठेका दिया लेकिन बीते करीब डेढ़ माह से ट्रैक्टर चालक और सफाई मजदूरों को वेतन नहीं दिया गया. इसके चलते सोमवार को करीब 65 कर्मचारियों ने शहर का कचरा उठाने का काम बंद कर दिया. कंपनी के जिम्मेदारों का कहना है कि नगर निगम से भुगतान नहीं होने की वजह से वह समय पर कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहे हैं. अब ट्रैक्टर चालक और सफाई मजदूर वेतन मिलने पर ही कचरा उठाने की बात पर अड़ गए हैं.
सफाई कर्मचारी वीरू ने बताया कि बीते करीब डेढ़ माह से चालक अपनी जेब से पैसा खर्च कर ट्रैक्टर में डीजल डलवा रहे हैं और शहर का कचरा उठाकर नोंह डंपिंग स्टेशन ले जाकर डाल रहे हैं. कचरा डालने के काम में 13 ट्रैक्टर लगे हुए हैं और प्रत्येक पर 5-5 कर्मचारी काम कर रहे हैं, लेकिन बीते डेढ़ माह से न तो चालक को वेतन मिला है और न ही सफाई मजदूर को.
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पैसा खत्म, काम रोका
सफाई कर्मचारी वीरू ने बताया कि खुद की जेब से डीजल भरवाते हुए कर्मचारियों का खुद का पैसा खर्च हो गया. अब कर्मचारी और चालक इस स्थिति में नहीं हैं कि ट्रैक्टर में डीजल भरवा सकें. इसलिए मजबूरन सोमवार को सुबह शहर का कचरा नोंह तक पहुंचाने के बाद उन्होंने काम रोक दिया. वीरू ने बताया कि अब वेतन मिलने पर ही वे लोग कचरा उठाकर डंपिंग स्टेशन तक पहुंचाएंगे.
पूर्व पार्षद राघवेंद्र ने नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हुए सफाई कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है. ये मजदूर अपना परिवार कैसे पालेंगे. राघवेंद्र ने सफाई कर्मचारियों का वेतन 7 हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने की मांग भी की. वहीं सफाई कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के सहयोगी अरितंजय सिंह ने बताया कि कर्मचारियों से हुए समझौते के तहत हमारी बात हुई थी कि पहली तनख्वाह कंपनी समय से दे देगी, लेकिन अगले माह की तनख्वाह तभी दी जाएगी जब नगर निगम से कंपनी को भुगतान कर दिया जाएगा. फिलहाल निगम ने कंपनी के बिलों का भुगतान नहीं किया है, इसलिए कर्मचारियों का वेतन अटक गया है. हालांकि हमने कर्मचारियों से बुधवार तक पैसा देने की बात कही है.