बीकानेर. पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शनिवार को बीकानेर के दौरे पर रहे. नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर किए गए बदलाव के बाद देशभर में जागरूकता को लेकर भाजपा की ओर से बड़े नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की कड़ी में राज्यवर्धन ने बीकानेर में पत्रकारों से बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने सरकार के लिए गए फैसले पर कहा कि भारत के पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित लोगों को राहत देने और उन्हें भारत की नागरिकता देने के लिए यह बदलाव किया गया है. लेकिन इस बदलाव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब उन्हें 11 वर्ष तक यहां रह कर इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि अब 5 साल में ही उन्हें नागरिकता देने की प्रक्रिया हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि उसके लिए भी उन्हें पूरे जरूरी दस्तावेज देने होंगे और इसमें किसी भी तरह की कोई रियायत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर सवाल उठा रही कांग्रेस और विपक्षी दल जानबूझकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और देश के अंदर रह रहे किसी भी जाति के व्यक्ति को खास तौर पर मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी इसमें कोई बदलाव नहीं है, बल्कि यह कानून तो तीन देशों से भारत में आकर नागरिकता लेने वाले धार्मिक स्तर पर प्रताड़ित 6 धर्मों के लोगों के लिए ही है.
पढ़ेंः नील गाय को बचाने के चक्कर में पलटी कार, 1 की मौत, 6 घायल
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में लोगों को भड़काने का काम कर रही है और देश के कुछ हिस्सों में इसको लेकर किया गया विरोध कांग्रेस की ही देन है. इसमें किसी भी व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और आगे भी करते रहेंगे. पत्रकार वार्ता के दौरान शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, महामंत्री मोहन सुराणा भी मौजूद रहे.