बीकानेर. कोरोना काल में संक्रमण को रोकने को लेकर किए जा रहे कामों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को नगरीय निकायों के प्रमुखों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया, लेकिन प्रशासन के स्तर पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद रहने के बुलावे के बावजूद भी बीकानेर नगर निगम की महापौर और अन्य कर्मचारियों और किसी भी अधिकारी से मुख्यमंत्री ने संवाद नहीं किया. दरअसल, मुख्यमंत्री के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के संवाद के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम में बीकानेर का नाम नहीं था. लेकिन, इसके बावजूद भी बीकानेर की महापौर को इसकी जानकारी नहीं दी गई और उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद रहने के लिए कहा गया.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बाहर निकलने के बाद बीकानेर नगर निगम की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि स्वायत शासन विभाग के स्तर पर बीकानेर नगर निगम के साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. लेकिन, अब खुद मुख्यमंत्री के स्तर पर भी राजनीतिक भेदभाव के चलते इस तरह के वाकये सामने आ रहे हैं, क्योंकि मैं एक निर्वाचित महिला महापौर हूं और भाजपा से चुनी हुई हूं. इसलिए विपक्षी दल के जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह से बर्ताव किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश की 3 निगम के महापौर मौजूद रहे. लेकिन, बीकानेर के अलावा उदयपुर और भरतपुर में संवाद किया गया. केवल एक बीकानेर को ही वंचित रखा गया. उन्होंने कहा कि सब ने अब तक किए गए कामों पर बात की, लेकिन किसी ने भी भविष्य को लेकर किए जाने वाले उपायों पर कोई बात नहीं की लेकिन मेरे पास इस तरह के कई सुझाव थे. अगर मुझे मौका मिलता तो मैं भी अपनी बात सकती और बीकानेर की वस्तुस्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत करवाती.
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इसी के साथ उन्होंने कहा कि जब मैंने पदभार संभाला था, तभी महापौर की कुर्सी को कांटों भरा ताज कह दिया गया और मैं इसके लिए तैयार हूं. आने वाले समय में अपना बेहतर देने का प्रयास करूंगी.