बीकानेर. शिक्षा विभाग में तबादलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध के साथ ही शिक्षकों के अवकाश और आकस्मिक अवकाश पर भी विभाग ने रोक लगा रखी है. लेकिन इसके बावजूद विभाग के कुछ अधिकारियों ने एक नया तोड़ निकाल लिया है. जिसके तहत शिक्षण व्यवस्था के नाम पर विभाग ने 21 शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा के पहले अन्य जगह भेज दिया है.
हैरत की बात यह है कि सभी 21 शिक्षकों के आदेश राजनीतिक रसूखदारों के सरंक्षण के चलते दिए गए हैं. बीकानेर के प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्रेम शंकर झा ने 15 फरवरी को जारी इन आदेशों में 21 शिक्षकों को शिक्षण व्यवस्था के नाम पर लगाया है. इनमें जयपुर, कोटा, भीलवाड़ा, जोधपुर के भी एक-एक शिक्षक है.
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जारी आदेशों में शिक्षा निदेशक की अनुशंसा के साथ ही शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के निजी सचिव हेमंत, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और बीकानेर जिला प्रमुख सुशीला सिंवर की सिफारिश पर शिक्षा व्यवस्था करने की बात भी जारी आदेशों में साफ तौर पर कही गई है.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि एक ओर जहां अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के नाम पर शिक्षकों के अवकाश, आकस्मिक अवकाश जैसी सुविधा को स्वीकृति नहीं करने की बात कह रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक सुधारों के संरक्षण के चलते सिफारिश के आधार पर बैक डोर से इस तरह के आदेश भी निकाले जा रहे हैं.