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राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022, प्रदेश के दो शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित - National award to Rajasthan 2 Teachers

देशभर के 46 शिक्षकों को राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए चुना गया है. इनमें लागतार दूसरी बार राजस्थान के 2 शिक्षकों का चयन हुआ है. इनमें उदयपुर के शिक्षक दुर्गाराम और दूसरी शिक्षिका बीकानेर की सुनीता का नाम शामिल है.

National Teacher Awards 2022
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022
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Published : Aug 25, 2022, 9:03 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 12:34 AM IST

बीकानेर. राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए इस साल 46 शिक्षकों में से लगातार दूसरी बार राजस्थान से 2 शिक्षकों का चयन (National Teachers Awards 2022) हुआ है. वहीं बीकानेर से भी लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षक को चुना गया है. सम्मान के लिए चुने गए शिक्षकों में शिक्षिका सुनीता और उदयपुर के शिक्षक दुर्गाराम का नाम शामिल है.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पारगियापाड़ा में कार्यरत शिक्षक दुर्गाराम ने बताया कि वे शिक्षण के अलावा बाल श्रम एवं बाल तस्करी की रोकथाम को लेकर भी सक्रिय हैं. बालश्रम एवं बाल तस्करी से जुड़े 400 से ज्यादा बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें वापस शिक्षा से जोड़ा गया है. इनमें 250 से ज्यादा लड़कियां हैं, जिनको गलत रास्ते पर जाने से बचाया है. इसके अलावा शिक्षा में नवाचार, प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के बस्ते का भार कम किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन बच्चों को योगाभ्यास और लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है.

पढ़ें. Rajasthan Housing Board : आवास मंडल को तीन साल में 11वां अवार्ड, इस बार 'राजस्थान बेस्ट एम्प्लॉयर ब्रांड अवार्ड-2022' से हुआ सम्मानित

प्रतिवर्ष एक महीने की सैलरी विद्यालयों पर खर्च: शिक्षक दुर्गाराम कोरोना टीकाकरण में योद्धा के रूप में कार्य (National award to Rajasthan 2 Teachers) करके पंचायत मादड़ी को पूरे भारत में सर्वाधिक टीकाकरण वाली पहली जनजाति पंचायत बनाने में मदद की थी. साथ ही बालिका शिक्षा को बढ़ावा देकर 300 से अधिक ड्रॉपआउट बालिकाओं को वापस शिक्षा से जोड़ा है. उन्होंने बताया कि वो उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाली बालिकाओं की पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करते हैं और प्रतिवर्ष एक महीने की सैलरी विद्यालय विकास एवं विद्यालय के बच्चों पर खर्च करते हैं. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के तहत कार्य करते हुए 11000 से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का काम किया है. साथ ही निराश्रित बच्चों के अभिभावक बनकर शिक्षा से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं.

मूकबधिर बच्चों के साथ नवाचार: बीकानेर से चयनित शिक्षिका सुनीता राजकीय उच्च माध्यमिक बधिर विद्यालय में (President will honour Udaipur and Bikaner Teacher) विज्ञान शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि मूकबधिर बच्चों के साथ विज्ञान शिक्षण के नवाचार के तहत इन विशेष बच्चों को 2017 से लगातार राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता एवं राष्ट्रीय स्तरीय इंस्पायर अवार्ड में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है. इतना ही नहीं ये बच्चे चार सालों से प्रतियोगिता जीत भी रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस विशेष विद्यालय में इन बच्चों ने विज्ञान लैब भी बनाया है. इसके अतिरिक्त हमारे विद्यालय की एक छात्रा ने ओलंपियाड में स्थान प्राप्त किया है और रजत पदक प्राप्त कर देश को गौरवांवित किया है.

बीकानेर. राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए इस साल 46 शिक्षकों में से लगातार दूसरी बार राजस्थान से 2 शिक्षकों का चयन (National Teachers Awards 2022) हुआ है. वहीं बीकानेर से भी लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षक को चुना गया है. सम्मान के लिए चुने गए शिक्षकों में शिक्षिका सुनीता और उदयपुर के शिक्षक दुर्गाराम का नाम शामिल है.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पारगियापाड़ा में कार्यरत शिक्षक दुर्गाराम ने बताया कि वे शिक्षण के अलावा बाल श्रम एवं बाल तस्करी की रोकथाम को लेकर भी सक्रिय हैं. बालश्रम एवं बाल तस्करी से जुड़े 400 से ज्यादा बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें वापस शिक्षा से जोड़ा गया है. इनमें 250 से ज्यादा लड़कियां हैं, जिनको गलत रास्ते पर जाने से बचाया है. इसके अलावा शिक्षा में नवाचार, प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के बस्ते का भार कम किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन बच्चों को योगाभ्यास और लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है.

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प्रतिवर्ष एक महीने की सैलरी विद्यालयों पर खर्च: शिक्षक दुर्गाराम कोरोना टीकाकरण में योद्धा के रूप में कार्य (National award to Rajasthan 2 Teachers) करके पंचायत मादड़ी को पूरे भारत में सर्वाधिक टीकाकरण वाली पहली जनजाति पंचायत बनाने में मदद की थी. साथ ही बालिका शिक्षा को बढ़ावा देकर 300 से अधिक ड्रॉपआउट बालिकाओं को वापस शिक्षा से जोड़ा है. उन्होंने बताया कि वो उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाली बालिकाओं की पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करते हैं और प्रतिवर्ष एक महीने की सैलरी विद्यालय विकास एवं विद्यालय के बच्चों पर खर्च करते हैं. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के तहत कार्य करते हुए 11000 से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का काम किया है. साथ ही निराश्रित बच्चों के अभिभावक बनकर शिक्षा से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं.

मूकबधिर बच्चों के साथ नवाचार: बीकानेर से चयनित शिक्षिका सुनीता राजकीय उच्च माध्यमिक बधिर विद्यालय में (President will honour Udaipur and Bikaner Teacher) विज्ञान शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि मूकबधिर बच्चों के साथ विज्ञान शिक्षण के नवाचार के तहत इन विशेष बच्चों को 2017 से लगातार राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता एवं राष्ट्रीय स्तरीय इंस्पायर अवार्ड में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है. इतना ही नहीं ये बच्चे चार सालों से प्रतियोगिता जीत भी रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस विशेष विद्यालय में इन बच्चों ने विज्ञान लैब भी बनाया है. इसके अतिरिक्त हमारे विद्यालय की एक छात्रा ने ओलंपियाड में स्थान प्राप्त किया है और रजत पदक प्राप्त कर देश को गौरवांवित किया है.

Last Updated : Aug 26, 2022, 12:34 AM IST
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