भीलवाड़ा. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले 27 संगठनों के श्रमिकों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने सरकार की श्रमिक विरोधी कानून को वापस लेने की मांग की. इस दौरान मजदूर संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांग नहीं मानी जाती है, तो आने वाले समय में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा.
भामस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभाष चौधरी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने जो श्रमिक विरोधी कानून पारित किए हैं, उससे श्रमिकों के हितों पर कुठाराघात हुआ है. श्रमिक ट्रेड यूनियन नहीं बना सकते हैं, 100 से अधिक श्रमिक वाली फैक्ट्री बंद करने पर अनुमति लेने की जरूरत नहीं और आयरन-फायर जैसी नीतियों से श्रमिक गुलामी की और बढ़ेंगे.
इसके साथ ही ठेका कर्मी, मानदेय कर्मी का सरकार शोषण कर रही है. ऐसे में हमने कोविड-19 के मद्देनजर 27 संगठन में से 2 या 3 पदाधिकारियों को ही बुलाया है. अगर हमारी मांग नहीं मानी जाती है, तो आने वाले समय में सभी संगठन के श्रमिक सड़कों पर उतरेंगे और जेल भरो आंदोलन का आगाज करेंगे.