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जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन, विभागीय लापरवाही से पंचायत भूमि यूआईटी के नाम हुई दर्ज

भीलवाड़ा में मंगलवार को ग्रामीणों ने आवासीय जमीन को गलती से बिला नाम जमीन करने का विरोध किया. इस दौरान ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने नगर विकास न्यास पर भी अनापत्ति प्रमाण देने के बाद भी मुकदमें का आरोप भी लगाया है.

भीलवाड़ा न्यूज, Pansal Gram Panchayat
भूमि दर्ज मामले को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jun 22, 2021, 10:41 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के पांसल ग्राम पंचायत में पटवारी की गलती से आवासीय जमीन को बिला नाम जमीन करने के विरोध में मंगलवार को ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने नगर विकास न्यास पर भी अनापत्ति प्रमाण देने के बाद भी मुकदमें का आरोप लगाया है. प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते को ज्ञापन देकर उक्त मामले में न्याय दिलवाने की मांग की.

पांसल ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि सन 1983 में ग्राम पंचायत को आरजी संख्या 2888, 2889 और 2894 आवंटित की गई थी उस पर चालान भी कटा और हमने रुपए तहसील में जमा करवा दिए. उसके बाद नियम अनुसार प्लॉट काटकर ग्रामीणों को प्रदान किए गए थे, लेकिन पटवारी की गलती से ये जमीन बिला नाम हो गई.

पढ़ें- Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना के 137 नए मामले आए सामने, 3 की मौत

मामले को लेकर हमने कोर्ट में केस भी दर्ज करवाया और सबने अपनी गलती मानी और साल 2002 में नगर विकास न्यास ने इसमें एन ओ सी भी प्रदान कर दी, लेकिन अब नगर विकास न्यास के अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए इस जमीन को अतिक्रमण बताकर हटाना चाह रहे हैं जिसके कारण कई ग्रामीणों के आवास छिन जाएंगे और वो बेघर हो जाएंगे. इसके कारण आज हमने जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि इसमें जांच करवाकर लोगों को न्याय दिलवाया जाए.

भीलवाड़ा. जिले के पांसल ग्राम पंचायत में पटवारी की गलती से आवासीय जमीन को बिला नाम जमीन करने के विरोध में मंगलवार को ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने नगर विकास न्यास पर भी अनापत्ति प्रमाण देने के बाद भी मुकदमें का आरोप लगाया है. प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते को ज्ञापन देकर उक्त मामले में न्याय दिलवाने की मांग की.

पांसल ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच दिलीप सिंह शेखावत ने कहा कि सन 1983 में ग्राम पंचायत को आरजी संख्या 2888, 2889 और 2894 आवंटित की गई थी उस पर चालान भी कटा और हमने रुपए तहसील में जमा करवा दिए. उसके बाद नियम अनुसार प्लॉट काटकर ग्रामीणों को प्रदान किए गए थे, लेकिन पटवारी की गलती से ये जमीन बिला नाम हो गई.

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मामले को लेकर हमने कोर्ट में केस भी दर्ज करवाया और सबने अपनी गलती मानी और साल 2002 में नगर विकास न्यास ने इसमें एन ओ सी भी प्रदान कर दी, लेकिन अब नगर विकास न्यास के अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए इस जमीन को अतिक्रमण बताकर हटाना चाह रहे हैं जिसके कारण कई ग्रामीणों के आवास छिन जाएंगे और वो बेघर हो जाएंगे. इसके कारण आज हमने जिलाधीश कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि इसमें जांच करवाकर लोगों को न्याय दिलवाया जाए.

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