भीलवाड़ा. त्योहारों का देश कहे जाने वाले भारत में दिवाली का त्योहार बीत चुका है. दिवाली के त्योहार को लेकर हर वर्ग में खासा उत्साह रहता है और विशेष उम्मीद बंधी होती है. लेकिन, साल 2020 की शुरुआत में ही कोरोना महामारी ने देश और पूरी दुनिया के लोगों के साथ ही बाजार और व्यापारियों को भी जकड़ लिया है. इसकी जकड़न से अब तक भी व्यापारी और बाजार आजाद नहीं हो पाए हैं.
दिवाली के त्योहार पर व्यापारी को जहां अच्छी ग्राहकी होने की उम्मीद होती है, वहीं आम नागरिकों में भी कपड़े और बर्तन के साथी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (खासतौर पर मोबाइल) खरीदने की इच्छा रहती है, लेकिन इस बार दोनों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आया है. साधारण रूप से कहें तो इस बार की दिवाली लोगों और व्यापारियों के लिए फीकी साबित हुई है.
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धनतेरस के बाद से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है, जिसको लेकर व्यापारियों में खासा उत्साह नजर आता है. लेकिन अब दिवाली बीतने के साथ ही व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. उनके चेहरे मायूस नजर आ रहे हैं. दिवाली के त्योहार को लेकर व्यापारियों ने कई तैयारियां की थी, लेकिन कोरोना के चलते मंदी का दौर जारी रहने के कारण बिक्री नहीं हो पाई. व्यापारी धनतेरस के शुरुआत से अच्छी बिक्री होने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन दिवाली के बाद भी 50 फीसदी तक का भी इनका कोई मुनाफा नहीं हो पाया है.
मोबाइल के व्यापारी नितिन का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार हमारा मार्केट 20 फीसदी ही चल पाया है. साल 2020 की शुरुआत में ही कोरोना के कहर के चलते बाजार और विशेष रुप से इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी उबर नहीं पाया है. दिवाली के दिन भी बाजार में खूब भीड़ नजर आई, लेकिन मगर लोग खरीदारी से बचते हुए दिखाई दिए. ज्यादा बिक्री नहीं हो पाई.
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वहीं, दूसरी ओर रेडीमेड गारमेंट के व्यापारी पंकज पोखरना और दीपक का कहना है कि इस बार कोरोना कहर चलते हमने कपड़े का कोई माल नया नहीं मंगवाया है. जिस उम्मीद के साथ हमने दिवाली सोची थी, उसके मुकाबले आधा काम हो पाया है. जहां हर बार दीपावली को लेकर हम नए डिजाइन नए तरह के कपड़े कपड़ा नगरी में लाते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते हमने इस बार कोई भी तरह का कपड़ा नहीं मंगवाया है. इस बार की दिवाली हमारे लिए फीकी साबित हुई है.