भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण के कहर के बाद जारी सरकारी गाइडलाइन के अनुसार सोमवार से प्रदेश भर में धार्मिक स्थलों और मंदिरों को खोला गया है. यूं कहें तो लगभग 5 महीनों के बाद भक्तों का भगवान से मिलने का सपना आज साकार सा हो गया है.
इस बीच भीलवाड़ा में भी सोमवार सुबह से ही विशेष पूजा-अर्चना कर मंदिरों के पट खोल दिए गए है. मंदिर और धर्म स्थलों में कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग का पूर्ण रूप से ध्यान रखा गया है. साथ ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अभी मंदिर में आने पर सख्त मना की गई है.
भीलवाड़ा के प्रसिद्ध और प्राचीन अरावली पर्वत माला पर स्थित हरणी महादेव मंदिर में भी विशेष अभिषेक और पूजा-अर्चना कर भगवान भोलेनाथ से इस महामारी कोरोना वायरस के कहर से मुक्ति दिलाने की दुआ की गई.
हरनी महादेव मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महादेव जाट ने कहा कि कोविड-19 के निर्देश मुख्य द्वार पर अंकित कर दिए गए हैं. मंदिर खोलने से पहले पूरे मंदिर परिसर को सैनिटाइज करवाया गया था. हाथ धोने की व्यवस्था की गई है. वहीं, मंदिर परिसर में घंटियों पर भी कपड़े ढंक दिए गए हैं. साथ ही पुष्प, माला और प्रसाद नहीं चढ़ाने दिया जा रहा है. मुख्य द्वार पर भी एक महिला और एक पुरुष गार्ड लगाया गया है जो भक्तों के हाथों को सैनिटाइज करेंगे.
पढ़ें : भीलवाड़ा हादसा: सभी 7 शवों का हुआ पोस्टमार्टम, सिंगोली गांव में माहौल गमगीन
हरनी महादेव मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के कहर बाद आज सरकार के आदेश के अनुसार मंदिर खोले गए हैं. भक्तों की आवाजाही सुबह से ही शुरू हो गई है. वहीं, कोरोना वायरस को देखते हुए मंदिर परिसर में प्रसाद, माला, अगरबत्ती पूजा संबंधित सभी सामानों को निषेध किया गया है.