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Exclusive: गहलोत सरकार को माताओं, बहनों की चीखें सुनाई नहीं देती, उपचुनाव में हारना तय: वासुदेव देवनानी

उपचुनाव में प्रचार करने सहाड़ा पहुंचे भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिमाग में सिर्फ आरएसएस, मोदी का फोबियो है. इसलिए उन्हें प्रदेश की कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिल रहा है. महिलाओं, बच्चियों और माताओं की चीखें उन्हें सुनाई नहीं देती. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Apr 10, 2021, 6:51 PM IST

rajasthan byelection,  vasudev devnani
वासुदेव देवनानी

भीलवाड़ा. सहाड़ा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रतनलाल जाट के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. देवनानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में दौसा में पुजारी की मौत मामले में और शिक्षा मंत्री डोटासरा पर प्रिंसिपल के साथ अभद्र व्यवहार करने के लिए निशाना साधा. वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिमाग में सिर्फ आरएसएस, मोदी का फोबियो है. इसलिए उन्हें प्रदेश की कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिल रहा है.

वासुदेव देवनानी Exclusive

पुजारी मौत मामले में सरकार पर निशाना

देवनानी ने कहा कि उपचुनावों में तीनों जगह भाजपा की जीत का परचम लहरायेगा. लोग कांग्रेस के कुशासन से परेशान हैं. दौसा में पुजारी की मौत मामले में सरकार इतनी निर्लज्ज होती जा रही है कि 8 दिन से पुजारी के शव दाह संस्कार नहीं हुआ है. खुद को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नींद कैसे आती होगी.

पढे़ं: जोधपुर: चांचलवा गांव में मिला एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से गिरा बारूद का बैरल

प्रदेश के अधिकतर नेता सुजानगढ़ की बजाय सहाड़ा में प्रचार करने आ रहे हैं. सुजानगढ़ से दूरी और सहाड़ा से नजदीकी के सवाल पर देवनानी ने कहा कि सहाड़ा विधानसभा कांग्रेस के हथकंड़ों से चर्चित हो गई है. कांग्रेस की योजना थी कि किसी तरह लादूलाल पितलिया चुनाव मैदान में खड़े रहे और अपना नामांकन विड्रो नहीं करें. लेकिन लादूलाल पितलिया ने अपना नामांकन विड्रो कर लिया है और पितलिया ने कहा कि मैं अकेला गया वरना कांग्रेस के राजनेता मेरा अपहरण कर लेते.

वासुदेव देवनानी Exclusive

उपचुनाव से वसुंधरा की दूरी पर क्या बोले देवनानी

वहीं प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि असम से राजस्थान आने वाले नेताओं को क्वॉरेंटाइन नहीं किया जा रहा है. और काफी दिन पहले बेंगलुरू से आने वाले पितलिया को प्रचार से रोकने के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इसका खामियाजा उपचुनावों में कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा. वहीं वसुंधरा के उपचुनावों में नजर नहीं आने और ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और स्टार प्रचारक हैं. उनकी बहू बीमार है, इसलिए नहीं आ रहे हैं. वह ठीक समझेगी तो निश्चित रूप से प्रचार करने आएंगी.

सरकार को माताओं, बहनों की चीखें सुनाई नहीं देती

कानून व्यवस्था को लेकर भी देवनानी ने गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलने का समय नहीं दिया. प्रदेश सरकार महिलाओं के मामले में असंवेदनशील है. उन्हें माताओं व बहनों की चीखें सुनाई नहीं दे रही हैं. सवा 2 साल होने के बाद भी राज्य महिला आयोग का गठन नहीं किया गया है.

डोटासरा मंत्री पद बचाने में लगे हैं

निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूलने को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि निजी स्कूल वर्तमान में पेरेंट्स से फीस वसूली कर रहे हैं. इसको लेकर सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है. अगर सरकार चाहती तो अभिभावक व निजी स्कूल के संचालकों को साथ बिठाकर कोई निर्णय लेती. लेकिन शिक्षा मंत्री अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं. क्योंकि उनको कहीं ना कहीं प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए शिक्षा मंत्री का पद ना चला जाए इसका डर है. वहीं शुक्रवार को डोटासरा को ज्ञापन देने आये प्रिंसिपलों को धमकाने के मामले में देवनानी ने कहा कि ऐसी भाषा किसी राजनेता को शोभा नहीं देती.

भीलवाड़ा. सहाड़ा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रतनलाल जाट के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. देवनानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में दौसा में पुजारी की मौत मामले में और शिक्षा मंत्री डोटासरा पर प्रिंसिपल के साथ अभद्र व्यवहार करने के लिए निशाना साधा. वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिमाग में सिर्फ आरएसएस, मोदी का फोबियो है. इसलिए उन्हें प्रदेश की कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिल रहा है.

वासुदेव देवनानी Exclusive

पुजारी मौत मामले में सरकार पर निशाना

देवनानी ने कहा कि उपचुनावों में तीनों जगह भाजपा की जीत का परचम लहरायेगा. लोग कांग्रेस के कुशासन से परेशान हैं. दौसा में पुजारी की मौत मामले में सरकार इतनी निर्लज्ज होती जा रही है कि 8 दिन से पुजारी के शव दाह संस्कार नहीं हुआ है. खुद को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नींद कैसे आती होगी.

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प्रदेश के अधिकतर नेता सुजानगढ़ की बजाय सहाड़ा में प्रचार करने आ रहे हैं. सुजानगढ़ से दूरी और सहाड़ा से नजदीकी के सवाल पर देवनानी ने कहा कि सहाड़ा विधानसभा कांग्रेस के हथकंड़ों से चर्चित हो गई है. कांग्रेस की योजना थी कि किसी तरह लादूलाल पितलिया चुनाव मैदान में खड़े रहे और अपना नामांकन विड्रो नहीं करें. लेकिन लादूलाल पितलिया ने अपना नामांकन विड्रो कर लिया है और पितलिया ने कहा कि मैं अकेला गया वरना कांग्रेस के राजनेता मेरा अपहरण कर लेते.

वासुदेव देवनानी Exclusive

उपचुनाव से वसुंधरा की दूरी पर क्या बोले देवनानी

वहीं प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि असम से राजस्थान आने वाले नेताओं को क्वॉरेंटाइन नहीं किया जा रहा है. और काफी दिन पहले बेंगलुरू से आने वाले पितलिया को प्रचार से रोकने के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इसका खामियाजा उपचुनावों में कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा. वहीं वसुंधरा के उपचुनावों में नजर नहीं आने और ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और स्टार प्रचारक हैं. उनकी बहू बीमार है, इसलिए नहीं आ रहे हैं. वह ठीक समझेगी तो निश्चित रूप से प्रचार करने आएंगी.

सरकार को माताओं, बहनों की चीखें सुनाई नहीं देती

कानून व्यवस्था को लेकर भी देवनानी ने गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय महिला आयोग को मिलने का समय नहीं दिया. प्रदेश सरकार महिलाओं के मामले में असंवेदनशील है. उन्हें माताओं व बहनों की चीखें सुनाई नहीं दे रही हैं. सवा 2 साल होने के बाद भी राज्य महिला आयोग का गठन नहीं किया गया है.

डोटासरा मंत्री पद बचाने में लगे हैं

निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूलने को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि निजी स्कूल वर्तमान में पेरेंट्स से फीस वसूली कर रहे हैं. इसको लेकर सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है. अगर सरकार चाहती तो अभिभावक व निजी स्कूल के संचालकों को साथ बिठाकर कोई निर्णय लेती. लेकिन शिक्षा मंत्री अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं. क्योंकि उनको कहीं ना कहीं प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए शिक्षा मंत्री का पद ना चला जाए इसका डर है. वहीं शुक्रवार को डोटासरा को ज्ञापन देने आये प्रिंसिपलों को धमकाने के मामले में देवनानी ने कहा कि ऐसी भाषा किसी राजनेता को शोभा नहीं देती.

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