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भीलवाड़ा : 21 अक्टूबर को प्रशासन पहुंचेगा पुर, लोगों की सुनी जाएगी समस्याएं

भीलवाड़ा शहर के पुर में सार्वजनिक स्थल पर दरारें आने के मामले को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन गंभीर है. इसे लेकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत के माध्यम से पुर वासियों से अपील करते हुए कहा कि आपकी समस्या के निवारण के लिए राज्य सरकार और भीलवाड़ा जिला प्रशासन संकल्पबद्ध है और 21 अक्टूबर को पुर कस्बे में जन सुनवाई की जाएगी.

भीलावड़ा, bjp leader protest
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Published : Oct 19, 2019, 2:49 PM IST

भीलवाड़ा. खनन से पहले की गई ब्लास्टिंग से सार्वजनिक स्थलों के ढांचे में दरारें पड़ने को लेकर पिछले 46 दिन से भीलवाड़ा के भाजपा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं. विधायक का आरोप है कि जिंदल सॉ लिमिटेड कंपनी में खनन से पहले की गई ब्लास्टिंग की वजह से पुर कस्बे के सार्वजनिक स्थल सहित मकानों में दरारें आई है.

46 दिन के धरने के बाद, विधायक ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

ममले में विधायक ने जिला प्रशासन को समस्या निवारण के लिए 45 दिन का समय दिया था. लेकिन 45 दिन में समस्या का समाधान नहीं होने पर 46वें दिन पुर कस्बे के आमजन और भाजपा पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर समस्या के तुरंत निवारण की मांग की. वहीं भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पुर वासियों को विस्थापित करने की राज्य सरकार की मंशा नहीं है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन पुर के लोगों के साथ है और प्रशासन की मंशा उन्हें विस्थापित करने की नहीं है.

परंतु जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में निवासरत पुर वासियों को दिए गए तीन विकल्पों में से एक विकल्प को स्पष्ट रूप से चुनना होगा. कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन के लोगों की हिफाजत और संरक्षण के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पहला ये कि कस्बे में 341 ऐसे मकान हैं जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जिन्हें नकारा घोषित कर दिया है. उन मकान मालिकों की जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रशासन सबसे अधिक चिंतित है.

पढ़ें: 'हाइब्रिड' पर मंत्रियों के असहमत होने वाले सवाल को टाल गए गहलोत, कहा- सबकी अच्छी है भावना

प्रशासन की तरफ से ऐसे लोगों को हाउसिंग बोर्ड के मकान रियायती दर पर देने, नगर विकास न्यास द्वारा रिजर्व प्राइज की आधी रेट पर प्लाट देने तथा नगर विकास न्यास द्वारा नए मकान बनाकर 50 प्रतिशत की दर पर देने, जिनका भुगतान 10 साल में आसान किस्तों पर करने के प्रस्ताव रखे गए है. इन तीनों विकल्पों में से किसी भी विकल्प को पुर कस्बे वासी चुन सकते हैं.

जिंदल शॉ लिमिटेड पर कार्रवाई के सवाल पर जिला कलेक्टर ने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है. वहीं पुर कस्बे वासियों और भीलवाड़ा जिला प्रशासन के समन्वय के अभाव के सवाल पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि पुर कस्बे वासियों और प्रशासन से समन्वय के लिए 21 अक्टूबर को पुर कस्बे में वे स्वयं पुलिस अधीक्षक सहित जन सुनवाई करेंगे.

ज नसुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुनेंगे और राज्य सरकार की मंशा भी उनको स्पष्ट रूप से बताएंगे. जिससे उनके मन में भ्रम पैदा नहीं रहे और उनको तुरंत राहत मिल सके. अब देखना यह होगा कि 21 अक्टूबर को जन सुनवाई के बाद पुर कस्बे वासी क्या निर्णय लेते हैं, जिससे यह आंदोलन समाप्त हो सके.

भीलवाड़ा. खनन से पहले की गई ब्लास्टिंग से सार्वजनिक स्थलों के ढांचे में दरारें पड़ने को लेकर पिछले 46 दिन से भीलवाड़ा के भाजपा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं. विधायक का आरोप है कि जिंदल सॉ लिमिटेड कंपनी में खनन से पहले की गई ब्लास्टिंग की वजह से पुर कस्बे के सार्वजनिक स्थल सहित मकानों में दरारें आई है.

46 दिन के धरने के बाद, विधायक ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

ममले में विधायक ने जिला प्रशासन को समस्या निवारण के लिए 45 दिन का समय दिया था. लेकिन 45 दिन में समस्या का समाधान नहीं होने पर 46वें दिन पुर कस्बे के आमजन और भाजपा पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर समस्या के तुरंत निवारण की मांग की. वहीं भीलवाड़ा कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पुर वासियों को विस्थापित करने की राज्य सरकार की मंशा नहीं है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन पुर के लोगों के साथ है और प्रशासन की मंशा उन्हें विस्थापित करने की नहीं है.

परंतु जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में निवासरत पुर वासियों को दिए गए तीन विकल्पों में से एक विकल्प को स्पष्ट रूप से चुनना होगा. कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन के लोगों की हिफाजत और संरक्षण के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पहला ये कि कस्बे में 341 ऐसे मकान हैं जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जिन्हें नकारा घोषित कर दिया है. उन मकान मालिकों की जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रशासन सबसे अधिक चिंतित है.

पढ़ें: 'हाइब्रिड' पर मंत्रियों के असहमत होने वाले सवाल को टाल गए गहलोत, कहा- सबकी अच्छी है भावना

प्रशासन की तरफ से ऐसे लोगों को हाउसिंग बोर्ड के मकान रियायती दर पर देने, नगर विकास न्यास द्वारा रिजर्व प्राइज की आधी रेट पर प्लाट देने तथा नगर विकास न्यास द्वारा नए मकान बनाकर 50 प्रतिशत की दर पर देने, जिनका भुगतान 10 साल में आसान किस्तों पर करने के प्रस्ताव रखे गए है. इन तीनों विकल्पों में से किसी भी विकल्प को पुर कस्बे वासी चुन सकते हैं.

जिंदल शॉ लिमिटेड पर कार्रवाई के सवाल पर जिला कलेक्टर ने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है. वहीं पुर कस्बे वासियों और भीलवाड़ा जिला प्रशासन के समन्वय के अभाव के सवाल पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि पुर कस्बे वासियों और प्रशासन से समन्वय के लिए 21 अक्टूबर को पुर कस्बे में वे स्वयं पुलिस अधीक्षक सहित जन सुनवाई करेंगे.

ज नसुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुनेंगे और राज्य सरकार की मंशा भी उनको स्पष्ट रूप से बताएंगे. जिससे उनके मन में भ्रम पैदा नहीं रहे और उनको तुरंत राहत मिल सके. अब देखना यह होगा कि 21 अक्टूबर को जन सुनवाई के बाद पुर कस्बे वासी क्या निर्णय लेते हैं, जिससे यह आंदोलन समाप्त हो सके.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा शहर के उपनगर पुर कस्बे में मंदिर, मस्जिद, मकान व सार्वजनिक स्थल पर दरारें आने के मामले को लेकर राज्य सरकार व जिला प्रशासन गंभीर है । इसको लेकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत पर पुर वासियों के लिए अपील करते हुए कहा कि आपकी समस्या के निवारण के लिए राज्य सरकार व भीलवाड़ा जिला प्रशासन कृतसंकल्प है। ओर 21 अक्टूबर को पुर कस्बे में जनसुनवाई की जाएगी।


Body: भीलवाड़ा शहर के उपनगर पुर कस्बे के सार्वजनिक स्थल मंदिर, मस्जिद ,मकान में दरारें आने के मामले को लेकर पिछले 46 दिन से भाजपा के भीलवाड़ा शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं । विधायक का आरोप है कि पास स्थित जिंदल सॉ लिमिटेड कंपनी में ब्लास्टिंग की वजह से पुर कस्बे के सार्वजनिक स्थल सहित मकानों में दरारें आई है। विधायक को जहां जिला प्रशासन ने समस्या निवारण के लिए 45 दिन का समय दिया था लेकिन 45 दिन में समस्या का समाधान नहीं होने पर 46 दिन पुर कस्बे के समाज जन व भाजपा के पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर समस्या के तुरंत निवारण की मांग की।

जहां भीलवाड़ा जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पुर वासियों को विस्थापित करने की राज्य सरकार की मंशा नहीं है। राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन सदैव पुर के लोगों के साथ है। प्रशासन की मंशा उन्हें विस्थापित करने की नहीं है। परंतु जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में निवासरत पुर वासियों को दिए गए तीन विकल्पों में से एक विकल्प को स्पष्ट रूप से चुनना होगा। कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार व प्रशासन पुर के लोगों की हिफाजत एवं संरक्षण के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जो कस्बे में 341 मकान ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गये तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जिन्हें नकारा घोषित कर दिया है। उन मकान मालिकों की जान माल की सुरक्षा के लिए प्रशासन सबसे अधिक चिंतित है । प्रशासन की तरफ से ऐसे लोगों को हाउसिंग बोर्ड के मकान रियायती दर पर देने, पटेल नगर योजना में नगर विकास न्यास द्वारा रिजर्व प्राइज की आधी रेट पर प्लाट देने तथा नगर विकास न्यास द्वारा नए मकान बनाकर 50 प्रतिशत की दर पर देने ,जिनका भुगतान 10 साल में आसान किस्तों पर करने के प्रस्ताव रखे गए । इन तीनों विकल्पों में से किसी भी विकल्प को पुर कस्बे वासी चुन सकते हैं।

साथ ही कलेक्टर से प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता के सवाल पर कहा कि हमसे आज लोगों ने मुलाकात की है । उनकी पांच मांगे थे जिनका निराकरण किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त 341 मकान मालिकों को प्रत्येक को 95100 रूपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। पुर कस्बे मे स्थित मंदिर ,मस्जिदों का पुनरुद्धार नगर विकास न्यास व जन सहयोग से किया जाएगा । राज्य सरकार ने विशेषज्ञ जांच एजेंसी द्वारा जांच के लिए एक करोड़ रुपए स्वीकृत की है वह हमारे को मिल गई है। जांच के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर माइनिंग एंड फ्यूल, रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ बिल्डिंग रिसर्च व आईआईटी रुड़की की टीम भीलवाड़ा पहुंच चुकी है। योजना बनाकर दीपावली के बाद जांच कार्य प्रारंभ किया जाएगा । वहीं पुर के लोगों का आरोप है कि तालाब में पानी खराब होने से चर्म रोग बढ़ गया है जिसको लेकर हमने चर्म रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी । साथ ही जिंदल सॉ लिमिटेड पर कार्रवाई के सवाल पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत पर का है कि जांच के बाद कार्रवाई हो सकती है। वही पुर कस्बे वासियों व भीलवाड़ा जिला प्रशासन के समन्वय के अभाव के सवाल पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि पुर कस्बे वासियों व प्रशासन से समन्वय के लिए 21 अक्टूबर को पुर कस्बे में मैं और पुलिस अधीक्षक वहां लोगों से जन सुनवाई करेंगे। जनसुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुनेंगे और राज्य सरकार की मंशा भी उनको स्पष्ट रूप से बताएंगे जिससे उनके मन में भ्रम पैदा नहीं रहे और उनको तुरंत राहत मिल सके।

अब देखना यह होगा कि 21 अक्टूबर को जन सुनवाई के बाद पुर कस्बे वासी क्या निर्णय लेते हैं जिससे यह आंदोलन समाप्त हो सके ।

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


वन-टू-वन - राजेन्द्र भट्ट

जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भीलवाड़ा


Conclusion:
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