भीलवाड़ा. शहर में इन दिनों महिला दिवस पर विशेष सप्ताह मनाया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बुधवार को जिला प्रशासन और महिला अधिकारिता विभाग की ओर से 7 दिवसीय कार्यक्रमों के तीसरे दिन बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के साथ ही बाल विवाह रोकथाम कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें सामाजिक संगठनों समाज के मोतबीर (गांव के जिम्मेदार व्यक्ति) और एनजीओ को बाल विवाह दहेज प्रथा के बारे में जानकारी दी गई. इसके साथ ही उन्हें सामाजिक कुरीतियों को खत्म करके बालिका शिक्षा पर समाज को जागरूक करने पर भी चर्चा की गई .
महिला और बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्षा डॉ. सुमन त्रिवेदी ने कहा, कि भीलवाड़ा जिला पूरे प्रदेश में बाल विवाह में प्रथम स्थान रखता है. इस कार्यशाला को लेकर हमारा उद्देश्य यही है, कि हमने इस कार्यशाला में सामाजिक संगठनों और समाज के मोतबीरों से वार्ता करके उन्हें इस कृत्य को रोकने के लिए समझाया गया है, कि इस कुरीतियों को खत्म करके बालिका शिक्षा पर समाज को जागरूक करे.
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वहीं दूसरी ओर महिला अधिकारिता के डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर जितेंद्र सिंह ने कहा, कि भीलवाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक स्पेशल महिला सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है. इस पर तीसरे दिन एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें हमने सामाजिक संगठनों, एनजीओ को बुलाया है और मुख्य रूप से हमने उन समाज के मोतबीरो बुलाया है. जिन समाजों में बाल विवाह ज्यादा होता है.
उन्होंने कहा, कि हमने बाल विवाह, दहेज प्रथा के बारे में जानकारी दी और उन्हें खत्म करने को लेकर भी जागरूक किया गया. ताकि वे अपने क्षेत्र में जाकर आम नागरिकों को बाल विवाह के बारे में जानकारी दे सके.