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Online Fraud On rise In Mewat: भरतपुर में पिछले साल के मुकाबले 33% अधिक ठगी, 30 फीसदी मामलों की जांच पेंडिंग - मेवात क्षेत्र में हर वर्ष बढ़ रहे ऑनलाइन ठगी के मामले

ऑनलाइन ठगी के लिए पूरे देश में कुख्यात भरतपुर और अलवर जिले के मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी की वारदातें लगातार बढ़ रही (Online Fraud On rise In Mewat) हैं. दोनों जिलों के मेवात क्षेत्र के 3 साल के ऑनलाइन ठगी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.

Online Fraud On rise In Mewat
भरतपुर में पिछले साल के मुकाबले 33% अधिक ठगी
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Published : Mar 26, 2022, 1:08 PM IST

भरतपुर. मेवात क्षेत्र के 3 साल के ऑनलाइन ठगी के आंकड़े भयावह हैं. बताते हैं कि ठगों ने अपने जाल को किस कदर फैला लिया है. भरतपुर जिले में बीते 3 साल में ऑनलाइन ठगी और आईटी एक्ट से संबंधित कुल 99 मामले दर्ज (Bharatpur forgery cases reaches 33 percent) हुए हैं जबकि अलवर जिले के मेवात क्षेत्र से 453 मामले सामने (Online Fraud On rise In Mewat) आए हैं. पुलिस प्रशासन ऑनलाइन ठगी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई करने के साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रहा है.

बढ़ गए 33% मामले: जिले के मेवात क्षेत्र के अधिकतर गांवों से ऑनलाइन ठगी की वारदातों के तार जुड़े हुए हैं. पुलिस महकमे के आंकड़ों की मानें तो बीते 3 साल में जिले में ऑनलाइन ठगी कुल 99 मामले दर्ज हुए. इनमें से वर्ष 2019 में 23, 2020 में 34 और 2021 में 42 मामले दर्ज (Bharatpur forgery cases reaches 33 percent) हुए. इससे साफ पता चलता है कि जिले के मेवात क्षेत्र में हर वर्ष ऑनलाइन ठगी की वारदात बढ़ रही हैं. वर्ष 2021 में 2020 की तुलना में करीब 33% मामले अधिक सामने आए.

पढ़ें- Theft Cases In Jaipur: शीतला माता के दर्शन के लिए गई मालकिन, पीछे से कारीगर ले भागा लाखों का सोना

68 गिरफ्तार, 29 की जांच पेंडिंग: एक तरफ जहां पुलिस ऑनलाइन ठगी की वारदातों (Online Fraud On rise In Mewat) पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है वहीं अभी तक बीते 3 वर्ष तक के ऑनलाइन ठगी के कई मामलों की जांच पेंडिंग है. विभाग के आंकड़ों की माने तो वर्ष 2019 में दर्ज हुए 23 मामलों में से अभी भी दो मामलों की जांच पेंडिंग है. जबकि 2020 के 8 मामले और 2021 के 19 मामले पेंडिंग हैं. ऐसे में अभी भी कई पीड़ितों को बीते 2-3 साल से न्याय मिलने का इंतजार है. बीते 3 साल में दर्ज हुए ऑनलाइन ठगी के मामलों में से 20 में चालान पेश हुआ, 50 में एफआर लगी और अभी तक 68 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

अलवर के मेवात में रिकॉर्ड ठगी: विभाग के आंकड़ों के अनुसार भरतपुर जिले से कई गुना अधिक ऑनलाइन ठगी के मामले अलवर जिले के मेवात क्षेत्र में सामने आए हैं. बीते 3 वर्ष में अलवर जिले के भिवाडी सहित पूरे मेवात क्षेत्र में 453 मामले दर्ज हुए, जिनमें 178 आरोपी गिरफ्तार किए गए और 66 मामलों की जांच पेंडिंग है. हालांकि जांच में 329 मामलों में एफआर लगी. गौरतलब है कि भरतपुर और अलवर जिलों का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन ठगी का गढ़ बना हुआ है. यहां के ठग पूरे देश भर के अलग-अलग राज्यों और शहरों के लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि मेवात क्षेत्र में ठगी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. लोगों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं. लेकिन कई बार लोग सस्ते में वहां खरीदने के लालच में आकर या फिर सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में फस कर ठगी का शिकार हो जाते हैं. साइबर ठगी व आईटी एक्ट के अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस ने पम्पलेट/पोस्टर छपवाकर ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्य आदि के जरिए साईबर ठगी से बचने के लिए जनचेतना कार्यक्रम चलाए हैं. साथ ही साइबर हैल्प लाइन नम्बर 155260 जारी कर लोगों को जागरूक करने के साथ ही शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है. केन्द्र सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेन्टर (I4C) के तहत मेवात क्षेत्र के साइबर अपराधियों की रोकथाम व इनके खिलाफ एक्शन के लिए संयुक्त अनुसंधान दल का गठन भी किया गया है.

भरतपुर. मेवात क्षेत्र के 3 साल के ऑनलाइन ठगी के आंकड़े भयावह हैं. बताते हैं कि ठगों ने अपने जाल को किस कदर फैला लिया है. भरतपुर जिले में बीते 3 साल में ऑनलाइन ठगी और आईटी एक्ट से संबंधित कुल 99 मामले दर्ज (Bharatpur forgery cases reaches 33 percent) हुए हैं जबकि अलवर जिले के मेवात क्षेत्र से 453 मामले सामने (Online Fraud On rise In Mewat) आए हैं. पुलिस प्रशासन ऑनलाइन ठगी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई करने के साथ ही लोगों को जागरूक भी कर रहा है.

बढ़ गए 33% मामले: जिले के मेवात क्षेत्र के अधिकतर गांवों से ऑनलाइन ठगी की वारदातों के तार जुड़े हुए हैं. पुलिस महकमे के आंकड़ों की मानें तो बीते 3 साल में जिले में ऑनलाइन ठगी कुल 99 मामले दर्ज हुए. इनमें से वर्ष 2019 में 23, 2020 में 34 और 2021 में 42 मामले दर्ज (Bharatpur forgery cases reaches 33 percent) हुए. इससे साफ पता चलता है कि जिले के मेवात क्षेत्र में हर वर्ष ऑनलाइन ठगी की वारदात बढ़ रही हैं. वर्ष 2021 में 2020 की तुलना में करीब 33% मामले अधिक सामने आए.

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68 गिरफ्तार, 29 की जांच पेंडिंग: एक तरफ जहां पुलिस ऑनलाइन ठगी की वारदातों (Online Fraud On rise In Mewat) पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है वहीं अभी तक बीते 3 वर्ष तक के ऑनलाइन ठगी के कई मामलों की जांच पेंडिंग है. विभाग के आंकड़ों की माने तो वर्ष 2019 में दर्ज हुए 23 मामलों में से अभी भी दो मामलों की जांच पेंडिंग है. जबकि 2020 के 8 मामले और 2021 के 19 मामले पेंडिंग हैं. ऐसे में अभी भी कई पीड़ितों को बीते 2-3 साल से न्याय मिलने का इंतजार है. बीते 3 साल में दर्ज हुए ऑनलाइन ठगी के मामलों में से 20 में चालान पेश हुआ, 50 में एफआर लगी और अभी तक 68 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

अलवर के मेवात में रिकॉर्ड ठगी: विभाग के आंकड़ों के अनुसार भरतपुर जिले से कई गुना अधिक ऑनलाइन ठगी के मामले अलवर जिले के मेवात क्षेत्र में सामने आए हैं. बीते 3 वर्ष में अलवर जिले के भिवाडी सहित पूरे मेवात क्षेत्र में 453 मामले दर्ज हुए, जिनमें 178 आरोपी गिरफ्तार किए गए और 66 मामलों की जांच पेंडिंग है. हालांकि जांच में 329 मामलों में एफआर लगी. गौरतलब है कि भरतपुर और अलवर जिलों का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन ठगी का गढ़ बना हुआ है. यहां के ठग पूरे देश भर के अलग-अलग राज्यों और शहरों के लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि मेवात क्षेत्र में ठगी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. लोगों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं. लेकिन कई बार लोग सस्ते में वहां खरीदने के लालच में आकर या फिर सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में फस कर ठगी का शिकार हो जाते हैं. साइबर ठगी व आईटी एक्ट के अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस ने पम्पलेट/पोस्टर छपवाकर ग्राम रक्षक, सीएलजी सदस्य आदि के जरिए साईबर ठगी से बचने के लिए जनचेतना कार्यक्रम चलाए हैं. साथ ही साइबर हैल्प लाइन नम्बर 155260 जारी कर लोगों को जागरूक करने के साथ ही शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है. केन्द्र सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेन्टर (I4C) के तहत मेवात क्षेत्र के साइबर अपराधियों की रोकथाम व इनके खिलाफ एक्शन के लिए संयुक्त अनुसंधान दल का गठन भी किया गया है.

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