भीलवाड़ा. लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते प्रदेश सहित भीलवाड़ा में 10 मई से सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है. जिसके चलते सड़क किनारे सस्ता खाना खिलाने वाले छोटे-छोटे ढाबों पर दिहाड़ी मजदूरों और ग्राहकों के नहीं आने से बंद होने के कगार पर हैं. भीलवाड़ा शहर में सड़क किनारे ऐसे दर्जनों ढाबे हैं, जहां दिहाड़ी मजदूर कम बजट में अपना सुबह-शाम का भरपेट खाना खाते हैं. अब दर्जनों ढाबे ग्राहकों के अभाव में बंद हो गए हैं. इक्का-दुक्का ढाबे खुले हुए हैं तो वहां भी ग्राहकों की कमी और संचालक उनके इंतजार में रहते हैं.
भीलवाड़ा शहर के रोडवेज बस स्टैंड के सामने सड़क किनारे लगने वाले एक ढाबा संचालक दिनेश ने कहा कि लॉकडाउन लगने के कारण हमारे आसपास के ढाबे संचालक ढाबे बंद कर जा चुके हैं. हमारे ढाबे पर पहले करीब 70-80 ग्राहक रोजाना आते थे. हम उनको मात्र 40 रुपये में भरपेट खाना खिलाते हैं, जिसमें हम उनको दाल-बाटी और एक सब्जी और छाछ भी खिलाते हैं.
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ग्राहकों का इंतजार
मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, रोज कमा कर खाने वाले और अस्पताल पास होने के कारण अस्पताल में आने वाले गरीब लोग आते थे. ढाबे के पास रोडवेज बस स्टैंड भी है, जिसके कारण राहगीर भी बड़ी संख्या में यहां पर आते थे. लॉकडाउन के चलते अब हमें ग्राहकों का इंतजार करना पड़ता है.
घर चलाना मुश्किल
ढाबा संचालक का यह भी कहना है कि अब न के बराबर ग्राहकों का आना होता है. जिसके कारण हमारा घर चलाना काफी मुश्किल हो गया है. यदि कोई ग्राहक आएगा तो ही हमारा घर चल पाएगा, वरना गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा.
लॉकडाउन के कारण आधे से ज्यादा ढाबे बंद
ढाबा संचालक ने बताया कि हमारे आसपास करीब दर्जन से अधिक ढाबे हैं, जो सिर्फ दिहाड़ी मजदूर और राहगीरों के कारण चल पाते हैं. लेकिन लॉकडाउन के लगने के कारण आधे से ज्यादा ढाबे बंद हो गए हैं.