भीलवाड़ा. प्रदेश की गहलोत सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शनी लगाई जा रही है. जिले के प्रभारी मंत्री उपलब्धियां गिना रहे हैं. वहीं, गहलोत सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का अधिकतर समय सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच की लड़ाई में ही बीता है. जिसके कारण न प्रदेश में विकास हुआ और न कानून-व्यवस्था सुधरी है.
जिला मुख्यालय पर लगाई गई प्रदर्शनी : प्रदेश की गहलोत सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर राजस्थान के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर गहलोत सरकार की उपलब्धियों को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई. उस प्रदर्शनी का जिला मुख्यालय पर प्रभारी मंत्री ने लोकार्पण किया गया. साथ ही जिला मुख्यालय पर प्रभारी मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गहलोत सरकार की उपलब्धियां गिनाई. भीलवाड़ा जिले की प्रभारी और प्रदेश के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉक्टर महेश जोशी ने भी शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद केंद्र सरकार पर हमला बोला और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाई.
राजस्थान में उपलब्धियां गिनाने जैसा कोई काम नहीं : भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए गहलोत सरकार पर पलटवार किया. गुर्जर ने कहा कि सरकार के 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है. जहां कांग्रेस वाले उपलब्धियां गिना रहे हैं लेकिन राजस्थान में उपलब्धियां गिनाने जैसा तो कोई काम हुआ ही नहीं है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि 3 वर्ष में कोई नए काम की स्वीकृति भी नहीं मिली है. सबसे ज्यादा पंचायत राज विभाग का सत्यानाश हुआ है. कानून व्यवस्था व महिला अत्याचार के मामले में राजस्थान भारत में प्रथम पायदान पर पहुंच गया है.
सरकार बचाने में निकल गए 3 वर्ष : कोरोना काल में भी सरकार ने कुछ नहीं किया. जिसके कारण मजदूरों को काफी समस्या हुई. कोरोना काल के समय अगर केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की मदद नहीं करती तो प्रदेश की स्थिति और खराब होती. प्रदेश में बेईमानी ओर भ्रष्टाचार पनप रहा है. इन 3 वर्ष के कार्यकाल में एक वर्ष तो सरकार बचाने में ही समय चला गया. जहां होटलों में एमएलए को रखना पड़ा. उस दौरान कोरोना की जनता से तो पालना करवा रही थी लेकिन कांग्रेस पार्टी जो नियम बनाने वाली है वह खुद नियमों की धज्जियां उड़ा रही थी.
सरकार ने कोई काम अच्छा नहीं किया है प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन कमजोर हो रही है. यहां तक की भाजपा के समय जो विकास के काम चालू किए हैं वह बंद है. सरकार ने अधिकतर समय सचिन पायलट ओर अशोक गहलोत के बीच की लड़ाई में ही गुजारा. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सांप नेवले जैसी लडाई देखी गई. दोनों राजनेताओं के बीच सह और मात का खेल चलता रहा. सरकार की आपसी लड़ाई के कारण ही सरकार ने विकास, कानून व्यवस्था पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया.