अजमेर. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल के प्रशासन की लचर कार्यशैली से इलाज को आने वाले मरीजों और परिजनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. 3 दिन से अस्पताल में इंटरनेट कनेक्शन खराब होने से मरीजों को अस्पताल की पर्चियों के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि शुक्रवार को ही कलेक्टर ने जेएलएन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था. जिसमें अस्पताल प्रशासन की पोल खुल गई थी.
वहीं कलेक्टर की शक्ति के बावजूद अस्पताल की व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ रही है. इंटरनेट बंद होने से अस्पताल के सभी काउंटर पर मरीजों की भीड़ लग रही है. मरीजों को हाथ से लिखी हुई पर्चियां काउंटर से दी जा रही है, जिसमें वक्त लग रहा है. काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों की मानें तो वार्डों में भामाशाह के तहत मरीजों के एडमिशन और डिस्चार्ज का कार्य ऑनलाइन से होता है, लेकिन इंटरनेट बंद होने की वजह से मरीजों को परेशानी हो रही है वही वार्डों में भीड़ पड़ रही है.
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आउटडोर इमरजेंसी और सभी विभागों में इंटरनेट खराब होने से काम प्रभावित हो रहा है. वहीं अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या का भी कोई हिसाब-किताब नहीं है. मरीजों की माने तो काउंटर पर भीड़ होने की वजह से पहले ही उनका नंबर पर्ची के लिए देरी से आता है. वहीं ऑनलाइन पर्ची नहीं मिलने से और भी परेशानी झेलनी पड़ रही है.जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि शुक्रवार को संबंधित पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर को सूचित कर दिया था. इंटरनेट फॉल्ट को सुधार लिया गया है लेकिन अर्थिंग की वजह से फिलहाल इंटरनेट अस्पताल में चालू नहीं किया जा सकता अर्थिंग को खत्म करने के लिए कार्य जारी है.
बता दें, चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर में स्थित संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में 3 दिन से इंटरनेट सेवा ठप है. जिससे मरीजों को परेशानी के साथ अस्पताल का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. शुक्रवार को कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा के औचक निरीक्षण के बाद से ही अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है.