भीलवाड़ा. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भले ही बजरी रोकथाम के लाख दावे कर रहे हो. लेकिन, उनकी नाक के नीचे ही खुलेआम बजरी से सरकारी निर्माण हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में बजरी का अवैध खनन जारी है.
जिले से गुजरने वाली बनास, मेंनाली, खारी, मानसी और कोठारी नदियों में धड़ल्ले से बजरी का दोहन हो रहा है. बता दें कि यहां सैकड़ों की संख्या में वाहन प्रतिदिन बजरी लेकर पास ही कोटा और चित्तौड़गढ़ जिले में बेचे जाते हैं, जहां ऊंचे दामों पर बजरी बेची जाती है.
हालांकी, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खान विभाग जिले में बजरी का दोहन नहीं होने के दावे कर रहे है. इसे लेकर ईटीवी भारत संवादादाता ने हकीकत जानी. पड़ताल में ये देकने को मिला कि अधिकारियों के सामने ही बजरी का ट्रैक्टर आता है और नगर विकास न्यास परिसर में खाली किया जाता है.
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इसे लेकर नगर विकास न्यास के अधिकारी रामेश्वर प्रसाद शर्मा से सवाल करने वो जवाब देने से आना-कानी करते नजर आए. इससे ये साफ है कि अधिकारी खुद सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भीलवाड़ा जिला प्रशासन कब सख्ती से पालन करवाता है, जिसे जिले में अवैध बजरी का दोहन पर रोक-थाम लग सके.