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कोर्ट की रोक के बाद भी धड़ल्ले से जारी है बजरी का अवैध परिवहन, सरकारी निर्माण में भी आ रही है बजरी

भीलवाड़ में बजरी का अवैध परिवहन लगातार जारी है. ऐसे में प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं. बड़ी बात ये है कि लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है. इससे भी अफसोसजनक ये है कि सब कुछ पता होने के बावजूद भी अधिकारी लापरवाह दिखा रहे हैं.

भीलवाड़ा की खबर, illegal transport of gravel, बजरी का अवैध परिवहन
खुलेआम चल रहा बजरी का अवैध परिवहन
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Published : Dec 6, 2019, 12:42 PM IST

भीलवाड़ा. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भले ही बजरी रोकथाम के लाख दावे कर रहे हो. लेकिन, उनकी नाक के नीचे ही खुलेआम बजरी से सरकारी निर्माण हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में बजरी का अवैध खनन जारी है.

जिले से गुजरने वाली बनास, मेंनाली, खारी, मानसी और कोठारी नदियों में धड़ल्ले से बजरी का दोहन हो रहा है. बता दें कि यहां सैकड़ों की संख्या में वाहन प्रतिदिन बजरी लेकर पास ही कोटा और चित्तौड़गढ़ जिले में बेचे जाते हैं, जहां ऊंचे दामों पर बजरी बेची जाती है.

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद खुलेआम चल रहा बजरी का अवैध परिवहन

हालांकी, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खान विभाग जिले में बजरी का दोहन नहीं होने के दावे कर रहे है. इसे लेकर ईटीवी भारत संवादादाता ने हकीकत जानी. पड़ताल में ये देकने को मिला कि अधिकारियों के सामने ही बजरी का ट्रैक्टर आता है और नगर विकास न्यास परिसर में खाली किया जाता है.

पढ़ें: गहलोत सरकार को चुभता भगवा रंग, हाथ धोकर पीछे पड़ी है : पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी

इसे लेकर नगर विकास न्यास के अधिकारी रामेश्वर प्रसाद शर्मा से सवाल करने वो जवाब देने से आना-कानी करते नजर आए. इससे ये साफ है कि अधिकारी खुद सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भीलवाड़ा जिला प्रशासन कब सख्ती से पालन करवाता है, जिसे जिले में अवैध बजरी का दोहन पर रोक-थाम लग सके.

भीलवाड़ा. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन भले ही बजरी रोकथाम के लाख दावे कर रहे हो. लेकिन, उनकी नाक के नीचे ही खुलेआम बजरी से सरकारी निर्माण हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में बजरी का अवैध खनन जारी है.

जिले से गुजरने वाली बनास, मेंनाली, खारी, मानसी और कोठारी नदियों में धड़ल्ले से बजरी का दोहन हो रहा है. बता दें कि यहां सैकड़ों की संख्या में वाहन प्रतिदिन बजरी लेकर पास ही कोटा और चित्तौड़गढ़ जिले में बेचे जाते हैं, जहां ऊंचे दामों पर बजरी बेची जाती है.

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद खुलेआम चल रहा बजरी का अवैध परिवहन

हालांकी, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और खान विभाग जिले में बजरी का दोहन नहीं होने के दावे कर रहे है. इसे लेकर ईटीवी भारत संवादादाता ने हकीकत जानी. पड़ताल में ये देकने को मिला कि अधिकारियों के सामने ही बजरी का ट्रैक्टर आता है और नगर विकास न्यास परिसर में खाली किया जाता है.

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इसे लेकर नगर विकास न्यास के अधिकारी रामेश्वर प्रसाद शर्मा से सवाल करने वो जवाब देने से आना-कानी करते नजर आए. इससे ये साफ है कि अधिकारी खुद सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. अब देखना ये होगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भीलवाड़ा जिला प्रशासन कब सख्ती से पालन करवाता है, जिसे जिले में अवैध बजरी का दोहन पर रोक-थाम लग सके.

Intro:भीलवाडा- सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में अवैध बजरी का दोहन जारी है । जहां भीलवाड़ा जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भले ही बजरी रोकथाम के लाख दावे कर रहे हैं लेकिन उनकी आंख के नीचे ही खुलेआम बजरी से सरकारी निर्माण हो रहे हैं।


Body:सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जिले में बजरी का अवैध खनन जारी है। भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाली बनास , मेंनाली, खारी, मानसी व कोठारी नदियों में धड़ल्ले से बजरी का दोहन हो रहा है। यहां सैकड़ों की संख्या में वाहन प्रतिदिन बजरी लेकर पास ही कोटा व चित्तौड़गढ़ जिले में बेचे जाते हैं । जहां ऊंचे दामों पर बजरी बेची जाती है। भीलवाड़ा जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन व खान विभाग भले ही लाख दावे करता है कि जिले में बजरी का दोहन नहीं हो रहा है लेकिन इसकी हकीकत ईटीवी भारत के कैमरे में भीलवाड़ा नगर विकास न्यास कार्यालय में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान देखने को मिली । जहां अधिकारियों के सामने ही बजरी का ट्रैक्टर आता है और नगर विकास न्यास परिसर में खाली किया जाता है ।जब इसकी सच्चाई को लेकर नगर विकास न्यास के अधिकारी रामेश्वर प्रसाद शर्मा से जानकारी ली की सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी आप के कार्यालय में बिल्डिंग का निर्माण जारी है जहां बजरी का परिवहन हो रहा है। जिस पर उन्होंने अपने आप का सवाल का जवाब टालते हुए इधर-उधर देखने लगे । जब उनको दुबारा प्रश्न किया तो भी जवाब को टालते हुए मुस्कुराने लगे। यानी अधिकारी खुद सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहे है।

बाइट- रामेश्वर प्रसाद शर्मा
अधिकारी नगर विकास न्यास भीलवाड़ा

अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भीलवाड़ा जिला प्रशासन कब कड़ाई से पालन करवाता है जिसे जिले में अवैध बजरी का दोहन पर रोक थाम लग सके

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत वाड़ा


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