भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसल के रूप में दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर होने के कारण धीरे-धीरे बाजार में दालों के भाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है. जहां इस बार मूंग, उड़द की उपज ना के बराबर होने के कारण मूंग और उड़द की दाल में भयंकर तेजी हुई है. मूंग और उड़द भी कृषि मंडी में महंगे बिक रहे हैं, लेकिन उड़द की दाल, मूंग की दाल के भाव आसमान छू रहे हैं, जिससे गरीब की थाली से दाल दूर होती नजर आ रही है.
भीलवाड़ा के किराना व्यवसाई अक्षत शर्मा ने कहा कि इस बार दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर हुई है. जिससे दालों में भयकर तेजी आ गई है. केवल मसूर की दाल 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है. अन्य दालें 90 रुपये से 110 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही हैं.
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यह तेजी आगे भी देखी जा सकती है, क्योंकि वर्तमान समय में विवाह समारोह भी चल रहे हैं. साथ ही उपज नहीं होने के कारण दालों में दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. पहले लोग आसानी से दाल खरीद सकते थे. लेकिन इस बार महंगाई की वजह से आम आदमी दाल नहीं खरीद पा रहा है.
दाल का भाव प्रति किलो रुपये में
- मसूर की दाल 60 रुपए किलो
- चवला की दाल 90 रुपए किलो
- उड़द की दाल 105 रुपए किलो
- मूंग की दाल 95 रुपए किलो
- मूंग मोगर की दाल 100 रुपए किलो
- मटर की दाल 75 रुपए किलो
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सभी प्रकार की दालों में दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है, जिससे गरीब आदमी की थाली से हरी सब्जी तो कोसों दूर है. लेकिन दाल भी दूर होती नजर आ रही है. अब देखना यह होगा कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार इन दालों की महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या प्रयास करती है, जिससे आसानी से थाली में दाल उपलब्ध हो सके.