ETV Bharat / city

भीलवाड़ा में दलहनी फसलों की पैदावार न के बराबर, आसमान छू रहे दालों के भाव

author img

By

Published : Nov 14, 2019, 1:46 PM IST

जिले में इस बार खरीफ की फसल के रूप में बोई गई दलहनी फसलों की ना के बराबर उपज होने के कारण बाजार में दालों के भाव आसमान छू रहे हैं. जिससे गरीब की थाली से दाल गायब होती नजर आ रही है. भीलवाड़ा में मसूर की दाल को छोड़कर सभी दालों के भाव 90 से 100 रुपये प्रति किलो हो गए हैं. जिससे गरीब आदमी आसानी से दाल भी नहीं खरीद पा रहा है.

dal disappear from poor plate, दालों के दामें में आई भयंकर तेजी

भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसल के रूप में दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर होने के कारण धीरे-धीरे बाजार में दालों के भाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है. जहां इस बार मूंग, उड़द की उपज ना के बराबर होने के कारण मूंग और उड़द की दाल में भयंकर तेजी हुई है. मूंग और उड़द भी कृषि मंडी में महंगे बिक रहे हैं, लेकिन उड़द की दाल, मूंग की दाल के भाव आसमान छू रहे हैं, जिससे गरीब की थाली से दाल दूर होती नजर आ रही है.

दालों के भाव में आई भयंकर तेजी

भीलवाड़ा के किराना व्यवसाई अक्षत शर्मा ने कहा कि इस बार दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर हुई है. जिससे दालों में भयकर तेजी आ गई है. केवल मसूर की दाल 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है. अन्य दालें 90 रुपये से 110 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही हैं.

पढ़ेंः खबर का असर: CM गहलोत ने किया मदरसों के विकास के लिए 188 लाख रुपए देने की घोषणा

यह तेजी आगे भी देखी जा सकती है, क्योंकि वर्तमान समय में विवाह समारोह भी चल रहे हैं. साथ ही उपज नहीं होने के कारण दालों में दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. पहले लोग आसानी से दाल खरीद सकते थे. लेकिन इस बार महंगाई की वजह से आम आदमी दाल नहीं खरीद पा रहा है.

दाल का भाव प्रति किलो रुपये में

  • मसूर की दाल 60 रुपए किलो
  • चवला की दाल 90 रुपए किलो
  • उड़द की दाल 105 रुपए किलो
  • मूंग की दाल 95 रुपए किलो
  • मूंग मोगर की दाल 100 रुपए किलो
  • मटर की दाल 75 रुपए किलो

पढ़ेंः नेहरू@130: देश के पहले प्रधानमंत्री का है अलवर से खास नाता

सभी प्रकार की दालों में दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है, जिससे गरीब आदमी की थाली से हरी सब्जी तो कोसों दूर है. लेकिन दाल भी दूर होती नजर आ रही है. अब देखना यह होगा कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार इन दालों की महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या प्रयास करती है, जिससे आसानी से थाली में दाल उपलब्ध हो सके.

भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसल के रूप में दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर होने के कारण धीरे-धीरे बाजार में दालों के भाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है. जहां इस बार मूंग, उड़द की उपज ना के बराबर होने के कारण मूंग और उड़द की दाल में भयंकर तेजी हुई है. मूंग और उड़द भी कृषि मंडी में महंगे बिक रहे हैं, लेकिन उड़द की दाल, मूंग की दाल के भाव आसमान छू रहे हैं, जिससे गरीब की थाली से दाल दूर होती नजर आ रही है.

दालों के भाव में आई भयंकर तेजी

भीलवाड़ा के किराना व्यवसाई अक्षत शर्मा ने कहा कि इस बार दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर हुई है. जिससे दालों में भयकर तेजी आ गई है. केवल मसूर की दाल 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है. अन्य दालें 90 रुपये से 110 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही हैं.

पढ़ेंः खबर का असर: CM गहलोत ने किया मदरसों के विकास के लिए 188 लाख रुपए देने की घोषणा

यह तेजी आगे भी देखी जा सकती है, क्योंकि वर्तमान समय में विवाह समारोह भी चल रहे हैं. साथ ही उपज नहीं होने के कारण दालों में दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. पहले लोग आसानी से दाल खरीद सकते थे. लेकिन इस बार महंगाई की वजह से आम आदमी दाल नहीं खरीद पा रहा है.

दाल का भाव प्रति किलो रुपये में

  • मसूर की दाल 60 रुपए किलो
  • चवला की दाल 90 रुपए किलो
  • उड़द की दाल 105 रुपए किलो
  • मूंग की दाल 95 रुपए किलो
  • मूंग मोगर की दाल 100 रुपए किलो
  • मटर की दाल 75 रुपए किलो

पढ़ेंः नेहरू@130: देश के पहले प्रधानमंत्री का है अलवर से खास नाता

सभी प्रकार की दालों में दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है, जिससे गरीब आदमी की थाली से हरी सब्जी तो कोसों दूर है. लेकिन दाल भी दूर होती नजर आ रही है. अब देखना यह होगा कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार इन दालों की महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या प्रयास करती है, जिससे आसानी से थाली में दाल उपलब्ध हो सके.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले में इस बार खरीफ की फसल के रूप में बोई गई दलहनी फसलों की ना के बराबर उपज होने के कारण बाजार में दालों के भाव आसमान छू रहे हैं। जिससे गरीब की थाली से दाल गायब होती नजर आ रही है। भीलवाड़ा में मसूर की दाल को छोड़कर सभी दालों के भाव 90 से 100 रूपये प्रति किलो हो गए हैं ।जिससे गरीब आदमी आसानी से दाल भी नहीं खरीद पा रहा है।


Body:जिले में खरीफ की फसल के रूप में दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर होने के कारण धीरे-धीरे बाजार में दालों के भाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है । जहां इस बार मूंग ,उड़द की उपज ना के बराबर होने के कारण मूंग और उड़द की दाल में भयंकर तेजी हुई है । जहां मुग , उड़द भी कृषि मंडी में महंगे बिक रहे हैं लेकिन उड़द की दाल, मूंग की दाल के भाव आसमान छू गए हैं। जिससे गरीब की थाली से दाल दूर होती नजर आ रही है।

भीलवाड़ा के किराना व्यवसाई अक्षत शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस बार दलहनी फसलों की उपज ना के बराबर हुई है जिससे दालों में भयकर तेजी आ गई है। केवल मसूर की दाल 60 रूपये प्रति किलो बिक रही है। अन्य दालें 90 रूपये से 110 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रही है। यह तेजी लगातार और देखी जा सकती है क्योंकि वर्तमान समय में विवाह समारोह भी चल रहे हैं साथ ही उपज नहीं होने के कारण दालों में दिनोंदिन महंगाई बढ़ती जा रही है। पहले लोग आसानी से दाल खरीद सकते थे लेकिन इस बार महंगाई की वजह से आम आदमी दाल नहीं खरीद पा रहा है।

दाल। भाव प्रति किलो रूपये मे

मसूर। 60

चवला। 90

उडद दाल। 105

मुग दाल। 95

मुग मोगर। 100

मटर दाल। 75

यानी सभी प्रकार की दालों में दिनोंदिन महंगाई बढ़ती जा रही है जिससे गरीब आदमी की थाली से हरी सब्जी तो कोसों दूर है लेकिन दाल भी दूर होती नजर आ रही है।

बाईट- अक्षत शर्मा
किराणा व्यापारी

अब देखना यह होगा कि राजस्थान सरकार और भारत सरकार इन दालों की महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या प्रयास करती है जिससे आसानी से थाली में दाल उपलब्ध हो सके।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी -सोमदत्त त्रिपाठी भीलवाड़ा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.