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देश की इकोनॉमी कृषि के कारण टिकी, सरकार को कृषि क्षेत्र में करना चाहिए नवाचार: BNU चेयरपर्सन

लॉकडाउन ने देश की इकोनॉमी को पर बुरा असर डाला है. वहीं कृषि सेक्टर ने इकोनॉमी को एकदम लुढ़कने से बचा लिया. ऐसे में उदयपुर के भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन का कहना है कि सरकार को कृषि क्षेत्र और कृषि विषय को प्राथमिकता देनी चाहिए.

भीलवाड़ा न्यूज, agricultural sector
भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन का Exclusive interview
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Published : Jun 14, 2020, 12:23 PM IST

भीलवाड़ा. लॉकडाउन में सारे उद्योग-धंधे बंद थे. ऐसे में देश की आर्थिक स्थिति को नकुसान पहुंचा है. वहीं सारे काम-धंधे बंद थे लेकिन अन्नदाता अपने खेतों में अन्न उपजाने में जुटे रहें. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उदयपुर के भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में थोड़ी बहुत भी इकोनॉमिक टिकी हुई है तो वो कृषि की वजह से ही टिकी हुई है. ऐसे में सरकार को किसानों को सपोर्ट देने के लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार करना चाहिए.

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन का Exclusive interview

उदयपुर के भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन और मांडलगढ़ से पूर्व कांग्रेस विधायक प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि आज सबसे महत्वपूर्ण बात है कि हमें कृषि की और जाना पड़ेगा. लॉकडाउन के बाद जो परिस्थितियां उपजी हैं, उसमें विशेष रूप से सरकारों को किसानों को किस प्रकार ऊपर उठाया जा सकता है, ये सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में क्या नवाचार किया जा सकता है. इसे सरकार को सोचने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में जल जीवन मिशन की कछुआ चाल...जलशक्ति मंत्री शेखावत ने गहलोत को लिखा पत्र

प्राइवेट यूनिवर्सिटियों में एग्रीकल्चर विषय को देनी होगी प्राथमिकता

प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि हालांकि, अशोक गहलोत जब पिछली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने प्रत्येक जिला स्तर पर कृषि महाविद्यालय खोलने का प्रयास किया. अब कई जिलों में कृषि महाविद्यालय शुरू भी हो चुका है.

प्रदीप कुमार ने कृषि क्षेत्र को सपोर्ट करने की मांग की

उन्होंने कहा कि प्राइवेट महाविद्यालय में भी कृषि विषय को प्राथमिकता देनी पड़ेगी. प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कृषि के लिए सीटें आवंटित नहीं की जा रही है. हालांकि, कृषि के लिए जैट के माध्यम से भर्तियां जरूर की जा रही है लेकिन प्राइवेट कॉलेज में सीटें आवंटित नहीं की जा रही है.

Bsc एग्रीकल्चर से पास होनेवालों को नहीं मिल रहा एडमिशन

प्रदीप कुमार ने बताया कि भूपाल नोबल्स यूनिवर्सिटी के कृषि संकाय का पहला बैच खत्म होने वाला है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जो प्राइवेट यूनिवर्सिटी से जो लडके-लड़की बीएससी कर के निकल रहे हैं, उनको एमएससी स्नातकोत्तर के अंदर कोई यूनिवर्सिटी एडमिशन नहीं दे रही है. यह सबसे बड़ी कमजोरी है. सरकार को एडमिशन देने में क्या तकलीफ है. अगर प्राइवेट कॉलेज आपको स्नातक स्तर पर तैयार कर के बच्चे दे रहे हैं तो स्नातकोत्तर शिक्षा सरकार को सरकारी यूनिवर्सिटी में देनी चाहिए.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: मजदूर के 10 वर्षीय बेटे का कमाल, अमेरिका के सबसे बड़े रियलिटी शो में बजाया हुनर का डंका

सरकार किसानों को सपोर्ट करे

गांव में अगर कोई बिजनेस बचा है तो कृषि है. अभी भी इस लॉकडाउन के समय किसान कम परेशान थे लेकिन मार्केट नहीं होने से हमारी फसल, सब्जियां व फल को नुकसान जरूर हुआ है. देश की थोड़ी बहुत भी इकोनामी जो टिकी है वो कृषि व्यवसाय की वजह से टिकी हुई है. इसलिए सरकार को कृषि के क्षेत्र में नवाचार करना चाहिए. प्रदीप कुमार ने कहा कि हमारे किसान फसल बोने के लिए नई तकनीकी अपनाए, इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों को सपोर्ट मिलना चाहिए.

एग्रीकल्चर विषय में छात्रों का है रूझान

कृषि के क्षेत्र में छात्रों का क्या रूझान है के सवाल पर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि बिल्कुल आज कृषि के क्षेत्र में एडमिशन लेने के लिए लंबी कतार है. उन्होंने सरकार से मांग है कि जब बच्चा ग्रेजुएशन करके निकल रहा है तो उसको पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश देना चाहिए. वहीं जितने छात्र आज दूसरे क्षेत्र में जा रहे हैं, उनको कहना चाहता हूं कि आज हमारे पास जमीन, कुआं, लाइट, सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर सब ठीक है.

यह भी पढ़ें. Special: अस्थाई कर्मचारियों के भरोसे चल रहा फायर डिपार्टमेंट

साथ ही ग्रीन हाउस भी ज्यादा उत्पादन दे रहे हैं. इसलिए पशुपालन, कृषि और पोल्ट्री ग्रामीण क्षेत्र में अच्छा है. यह सब व्यवसाय गांव में कुशलता से चलाए जा सकते हैं और हिंदुस्तान की इकोनॉमिक्स को आगे बढ़ाने में इनका बहुत बड़ा रोल हो सकता है.

भीलवाड़ा. लॉकडाउन में सारे उद्योग-धंधे बंद थे. ऐसे में देश की आर्थिक स्थिति को नकुसान पहुंचा है. वहीं सारे काम-धंधे बंद थे लेकिन अन्नदाता अपने खेतों में अन्न उपजाने में जुटे रहें. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उदयपुर के भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में थोड़ी बहुत भी इकोनॉमिक टिकी हुई है तो वो कृषि की वजह से ही टिकी हुई है. ऐसे में सरकार को किसानों को सपोर्ट देने के लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार करना चाहिए.

भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन का Exclusive interview

उदयपुर के भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन और मांडलगढ़ से पूर्व कांग्रेस विधायक प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि आज सबसे महत्वपूर्ण बात है कि हमें कृषि की और जाना पड़ेगा. लॉकडाउन के बाद जो परिस्थितियां उपजी हैं, उसमें विशेष रूप से सरकारों को किसानों को किस प्रकार ऊपर उठाया जा सकता है, ये सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में क्या नवाचार किया जा सकता है. इसे सरकार को सोचने की आवश्यकता है.

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प्राइवेट यूनिवर्सिटियों में एग्रीकल्चर विषय को देनी होगी प्राथमिकता

प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि हालांकि, अशोक गहलोत जब पिछली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने प्रत्येक जिला स्तर पर कृषि महाविद्यालय खोलने का प्रयास किया. अब कई जिलों में कृषि महाविद्यालय शुरू भी हो चुका है.

प्रदीप कुमार ने कृषि क्षेत्र को सपोर्ट करने की मांग की

उन्होंने कहा कि प्राइवेट महाविद्यालय में भी कृषि विषय को प्राथमिकता देनी पड़ेगी. प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कृषि के लिए सीटें आवंटित नहीं की जा रही है. हालांकि, कृषि के लिए जैट के माध्यम से भर्तियां जरूर की जा रही है लेकिन प्राइवेट कॉलेज में सीटें आवंटित नहीं की जा रही है.

Bsc एग्रीकल्चर से पास होनेवालों को नहीं मिल रहा एडमिशन

प्रदीप कुमार ने बताया कि भूपाल नोबल्स यूनिवर्सिटी के कृषि संकाय का पहला बैच खत्म होने वाला है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जो प्राइवेट यूनिवर्सिटी से जो लडके-लड़की बीएससी कर के निकल रहे हैं, उनको एमएससी स्नातकोत्तर के अंदर कोई यूनिवर्सिटी एडमिशन नहीं दे रही है. यह सबसे बड़ी कमजोरी है. सरकार को एडमिशन देने में क्या तकलीफ है. अगर प्राइवेट कॉलेज आपको स्नातक स्तर पर तैयार कर के बच्चे दे रहे हैं तो स्नातकोत्तर शिक्षा सरकार को सरकारी यूनिवर्सिटी में देनी चाहिए.

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सरकार किसानों को सपोर्ट करे

गांव में अगर कोई बिजनेस बचा है तो कृषि है. अभी भी इस लॉकडाउन के समय किसान कम परेशान थे लेकिन मार्केट नहीं होने से हमारी फसल, सब्जियां व फल को नुकसान जरूर हुआ है. देश की थोड़ी बहुत भी इकोनामी जो टिकी है वो कृषि व्यवसाय की वजह से टिकी हुई है. इसलिए सरकार को कृषि के क्षेत्र में नवाचार करना चाहिए. प्रदीप कुमार ने कहा कि हमारे किसान फसल बोने के लिए नई तकनीकी अपनाए, इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों को सपोर्ट मिलना चाहिए.

एग्रीकल्चर विषय में छात्रों का है रूझान

कृषि के क्षेत्र में छात्रों का क्या रूझान है के सवाल पर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि बिल्कुल आज कृषि के क्षेत्र में एडमिशन लेने के लिए लंबी कतार है. उन्होंने सरकार से मांग है कि जब बच्चा ग्रेजुएशन करके निकल रहा है तो उसको पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश देना चाहिए. वहीं जितने छात्र आज दूसरे क्षेत्र में जा रहे हैं, उनको कहना चाहता हूं कि आज हमारे पास जमीन, कुआं, लाइट, सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर सब ठीक है.

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साथ ही ग्रीन हाउस भी ज्यादा उत्पादन दे रहे हैं. इसलिए पशुपालन, कृषि और पोल्ट्री ग्रामीण क्षेत्र में अच्छा है. यह सब व्यवसाय गांव में कुशलता से चलाए जा सकते हैं और हिंदुस्तान की इकोनॉमिक्स को आगे बढ़ाने में इनका बहुत बड़ा रोल हो सकता है.

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