भीलवाड़ा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भीलवाड़ा शहर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की. सीएम गहलोत हमीरगढ़ हेलीपैड से शहर के राजीव गांधी ऑडिटोरियम पहुंचे. वहां आयोजित सर्व धर्म सभा में भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधी दर्शन में प्रदर्शनी का अवलोकन किया. कार्यक्रम में महात्मा गांधी की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
इस दौरान समारोह में कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा पहले मंच पर नाम नहीं होने के कारण नहीं पहुंचे, लेकिन कुछ समय बाद उनके मंच पर दूसरी लाइन में बैठने के बाद पूर्व मंत्री रामलाल जाट को पता चलने पर उनको पास ही आगे की लाइन में बिठाया गया. समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी की जयंती को लेकर सरकार बनते ही उन्होंने फैसला किया कि 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्म दिवस के बाद लगातार एक वर्ष तक उनकी 150वीं जयंती मनाई जाएगी. यह जो तय हुआ था, उसी के रूप में हर जगह यह प्रोग्राम चल रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें इतनी मजबूत हुई है, जो महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल व अब्दुल कलाम आजाद जैसे महापुरुषों की सोच का ही परिणाम है. जिसके कारण अनेकता में एकता का देश भारत देश है. जहां विविध भाषाएं बोली जाती है. वहीं उन्होंने राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी देश के विकास में दिए गए योगदान को याद किया. वहीं समारोह में युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि नई पीढ़ी तक महात्मा गांधी का संदेश पहुंचे. मेरा नई पीढ़ी से आग्रह है कि उन्हें अपने जीवन में कम से कम एक बार महात्मा गांधी की जीवनी अवश्य पढ़नी चाहिए.
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गहलोत ने कहा कि आज शहीद भगत सिंह की जयंती है. इस मौके पर भगत सिंह को याद करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज भगत सिंह की जयंती है, जो क्रांतिकारी थे. हमारे देश में भगत सिंह व चंद्रशेखर आजाद ने देश को आजाद करवाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी. उन्होंने कहा कि, देश में महात्मा गांधी का जो नाम लेते हैं, उनको उनका नाम लेने का अधिकार है. वे चाहे किसी भी पार्टी के हो. सीपीएम, सीपीआई, बसपा, सपा, बीजेपी चाहे आरएसएस के लोग हो. इनको अधिकार है उनका नाम लेने का.
इस देश को आजाद करवाने के लिए महात्मा गांधी ने खूब काम किया है. वहीं कांग्रेस का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के लिए मनमोहन सिंह व सोनिया गांधी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव पास करवाया था कि 2 अक्टूबर के दिन पूरी दुनिया महात्मा गांधी की जयंती को अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है, यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है.