भीलवाड़ा. अंधविश्वास के चलते इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को गर्म सलाखों से दागने का सिलसिला अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं. ऐसा ही एक मामला राजसमंद जिले के भादला गांव का सामने आया है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होने पर 8 माह के मासूम बालक के पेट पर 4 जगह पर 7 बार दागा (Child Stained with Hot Bars) गया. हालत गंभीर होने पर उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया है. बता दें कि मासूम को उसी के ही परिजन महिला ने दाम लगाया था. वहीं हैरान कर देने वाली बात यह है कि मासूम के पिता सुरेश भील के भी डाम लगाया गया था.
बाल कल्याण समिति के सदस्य फारुख पठान ने कहा कि राजसमंद जिले में आमेट के निकट भादला गांव के सुरेश भील के 8 माह के बेटे कौशल को काफी समय से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उसका आमेट के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था लेकिन उसका बुखार नहीं टूट रहा था. ऐसे में उसकी दादी ने घर में ही डाम लगा दिया. बालक कौशल के पिता सुरेश निर्माण कार्य में मजदूरी करता है. वह और उसकी पत्नी दोनों बाहर गए थे.
ऐसे में उसकी दादी ने अंधविश्वास के चलते अबोध बालक को गर्म सलाखों से दाग दिया. यही नहीं उसे पहले भी 2 बार बीड़ी और 5 बार लोहे के तार से डाम लगा दिया. परिजनों के बयान दर्ज करते समय पूछताछ में सामने आया है कि बालक कौशल के पिता सुरेश के भी पेट पर बचपन में गर्म सलाखों से दागने के निशान अभी भी मौजूद है. राजसमंद, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलो में पिछले 15 माह में 5 बच्चों को गर्म सलाखों से दागने के मामले सामने आए हैं. जिनमें से 3 की तो मौत भी हो गई. डाम लगाने के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गिरीश पांडे के निर्देशन पर बाल कल्याण समिति राजसमंद को पत्र लिखा गया है. जिसमें मासूम पर कुर्ता पूर्वक व्यवहार करने को लेकर सख्त कार्यवाही की जाएगी. महात्मा गांधी जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण गौड़ ने कहा कि शिशु रोग विशेषज्ञ अभी बालक का पीआईसीयू में उपचार कर रहे हैं. डॉक्टरों ने 72 घंटे क्रिटिकल बताए हैं.