ETV Bharat / city

सहाड़ा उपचुनाव: बागी पितलिया की नाम वापसी से भाजपा की खिली बांछें, अब त्रिकोणीय हुआ मुकाबला - बागी पितलिया कि नाम वापसी

भीलवाडा जिले की सहाडा विधानसभा उपचुनाव में वर्ष 2018 में 33573 मतदाताओं का मत हासिल करने वाले निर्दलीय उम्‍मीदवार लादू लाल पितलिया इतने महत्‍वपूर्ण क्यों हैं, यह सवाल अब सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के गली चौराहों पर होने वाली बातचीत में खास हो गया है. भाजपा व कांग्रेस के राजनेता अब भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा उपचुनाव की राजनीतिक गणित लगाने में जुट गए हैं.

bhilwara sahada by election, bhilwara latest hindi news
सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव
author img

By

Published : Apr 3, 2021, 8:59 AM IST

भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को भाजपा से बागी निर्दलीय रूप से नामांकन दाखिल करने वाले लादू लाल पितलिया ने नाम वापस ले लिया है. उसके बाद भीलवाड़ा जिले के भाजपा व कांग्रेस के राजनेता अलग-अलग कयास लगा रहे हैं. भीलवाडा जिले की सहाडा विधानसभा उपचुनाव में वर्ष 2018 में 33573 मतदाताओं का मत हासिल करने वाले निर्दलीय उम्‍मीदवार लादू लाल पितलिया इतने महत्‍वपूर्ण क्यों हैं, यह सवाल अब सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के गली चौराहों पर होने वाली बातचीत में खास हो गया है. वैसे तो भाजपा और कांग्रेस दोनों पितलिया के नाम वापस लेने को अपना-अपना लाभ बता रहे हैं. जहां भाजपा व कांग्रेस के राजनेता अब भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा उपचुनाव की राजनीतिक गणित लगाने में जुट गए हैं.

बागी पितलिया की नाम वापसी से भाजपा की खिली बांछें...

वहीं, भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे रामपाल उपाध्‍याय को वहां की जनता ने जीताकर 3 बार न केवल विधानसभा, बल्कि हरदेव जोशी और शिवचरण माथुर मंत्री मंडल में जगह दिलाई. सहाड़ा विधानसभा शुरू से ही राजनैतिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण रही है. साल 1952 से लेकर 2018 तक हुए 14 विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस यहां से 9 बार सफल रही है. मगर इस बार 2 लाख 47 हजार 4 सौ मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षैत्र में मात्र 10 हजार से कम वैश्‍य यानी जैन मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में वैश्‍य वर्ग के भाजपा के बागी निर्दलीय लादूलाल पितलिया इतने महत्‍वपूर्ण हो गये थे कि जहां कांग्रेस उन्‍हें चुनाव लड़ने के लिए आतूर थी, तो भाजपा ने साम, दाम, दंड और भेद की निती अपनाते हुए पितलिया को चुनावी मैदान से बाहर करने में कामयाबी हासिल कर ली. जहां भाजपा के प्रदेश महामंत्री और सहाडा विधानसभा चुनाव प्रभारी श्रवण सिंह बगडी अपनी इस कामयाबी को पितलिया की भाजपा के प्रति निष्‍ठा बताते हुए नहीं थकते है.

पढ़ें: लादूलाल पर सियासत गरमः डोटासरा बोले- बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया

वहीं, निर्दलीय पि‍तलिया के चुनावी समर से बाहर होने पर जिला कांग्रेस के अध्‍यक्ष रामपाल शर्मा कहते हैं कि यह भाजपा का आपसी झगडा था और हमारा इससे कोई लेने-देना नहीं है. भाजपा से नाराज वोट जो पितलिया को मिलने वाला था, वो अब कांग्रेस को मिलेगा और हम चुनाव जितेंगे. निर्दलीय पितलिया के चुनाव मैदान से हटने से सहाड़ा का मुकाबला चतुष्‍कोणिय से अब त्रिकोणीय हो गया है. जहां भाजपा से डॉ. रतन लाल जाट व कांग्रेस से स्वर्गीय विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी त्रिवेदी और आरएलपी से भाजपा टिकट के सशक्‍त दावेदार रूप लाल जाट के छोटे भाई बद्रीलाल जाट चुनावी मैदान में ताल ठौक रखी है. ऐसे में बिना जात के आधार के समाज सेवा से लोगों को एक बार विश्‍वास हासिल कर चुके लादू लाल पि‍तलिया इस बार क्‍या गुल खिलायेंगे, यह तो आने वाली 2 मई को मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.

भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को भाजपा से बागी निर्दलीय रूप से नामांकन दाखिल करने वाले लादू लाल पितलिया ने नाम वापस ले लिया है. उसके बाद भीलवाड़ा जिले के भाजपा व कांग्रेस के राजनेता अलग-अलग कयास लगा रहे हैं. भीलवाडा जिले की सहाडा विधानसभा उपचुनाव में वर्ष 2018 में 33573 मतदाताओं का मत हासिल करने वाले निर्दलीय उम्‍मीदवार लादू लाल पितलिया इतने महत्‍वपूर्ण क्यों हैं, यह सवाल अब सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के गली चौराहों पर होने वाली बातचीत में खास हो गया है. वैसे तो भाजपा और कांग्रेस दोनों पितलिया के नाम वापस लेने को अपना-अपना लाभ बता रहे हैं. जहां भाजपा व कांग्रेस के राजनेता अब भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा उपचुनाव की राजनीतिक गणित लगाने में जुट गए हैं.

बागी पितलिया की नाम वापसी से भाजपा की खिली बांछें...

वहीं, भीलवाड़ा जिले की सहाडा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे रामपाल उपाध्‍याय को वहां की जनता ने जीताकर 3 बार न केवल विधानसभा, बल्कि हरदेव जोशी और शिवचरण माथुर मंत्री मंडल में जगह दिलाई. सहाड़ा विधानसभा शुरू से ही राजनैतिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण रही है. साल 1952 से लेकर 2018 तक हुए 14 विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस यहां से 9 बार सफल रही है. मगर इस बार 2 लाख 47 हजार 4 सौ मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षैत्र में मात्र 10 हजार से कम वैश्‍य यानी जैन मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में वैश्‍य वर्ग के भाजपा के बागी निर्दलीय लादूलाल पितलिया इतने महत्‍वपूर्ण हो गये थे कि जहां कांग्रेस उन्‍हें चुनाव लड़ने के लिए आतूर थी, तो भाजपा ने साम, दाम, दंड और भेद की निती अपनाते हुए पितलिया को चुनावी मैदान से बाहर करने में कामयाबी हासिल कर ली. जहां भाजपा के प्रदेश महामंत्री और सहाडा विधानसभा चुनाव प्रभारी श्रवण सिंह बगडी अपनी इस कामयाबी को पितलिया की भाजपा के प्रति निष्‍ठा बताते हुए नहीं थकते है.

पढ़ें: लादूलाल पर सियासत गरमः डोटासरा बोले- बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया

वहीं, निर्दलीय पि‍तलिया के चुनावी समर से बाहर होने पर जिला कांग्रेस के अध्‍यक्ष रामपाल शर्मा कहते हैं कि यह भाजपा का आपसी झगडा था और हमारा इससे कोई लेने-देना नहीं है. भाजपा से नाराज वोट जो पितलिया को मिलने वाला था, वो अब कांग्रेस को मिलेगा और हम चुनाव जितेंगे. निर्दलीय पितलिया के चुनाव मैदान से हटने से सहाड़ा का मुकाबला चतुष्‍कोणिय से अब त्रिकोणीय हो गया है. जहां भाजपा से डॉ. रतन लाल जाट व कांग्रेस से स्वर्गीय विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी त्रिवेदी और आरएलपी से भाजपा टिकट के सशक्‍त दावेदार रूप लाल जाट के छोटे भाई बद्रीलाल जाट चुनावी मैदान में ताल ठौक रखी है. ऐसे में बिना जात के आधार के समाज सेवा से लोगों को एक बार विश्‍वास हासिल कर चुके लादू लाल पि‍तलिया इस बार क्‍या गुल खिलायेंगे, यह तो आने वाली 2 मई को मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.