भीलवाड़ा: भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में कल हुए खनन हादसे मैं सभी मृतकों का आज अंतिम संस्कार हुआ. मांडल विधानसभा क्षेत्र के कैमरी गांव में 6 और लादुवास गांव में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल रहा.
भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति के लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बुधवार को अवैध खनन के दौरान खदान का एक ऊपरी हिस्सा ढह गया था. खदान में काम कर रहे 7 मजदूरों की मलबे के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई थी. घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे व एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर देर रात तक सभी शवों को बाहर निकाला और करेड़ा स्थित सामुदायिक अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए थे.
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इन शवों का अंतिम संस्कार मांडल विधानसभा क्षेत्र के कैमरी गांव और लादुवास गांव में किया गया. जहां 7 मृतकों में से छह मृतक मांडल विधानसभा क्षेत्र के कैमरी गांव के और एक मृतक मांडल विधानसभा क्षेत्र के लादुवास गांव का निवासी था. सभी पिछले 15 दिन से इसी अवैध खदान में मजदूरी के लिए जा रहे थे.
कैमरी गांव में 6 शवो का एक साथ अंतिम संस्कार दिल दहलाने वाला था. गाव में माहौल बेहद गमगीन रहा. परिजनों को संभालना भी मुश्किल हो रहा था. अंतिम संस्कार के दौरान क्षेत्र के विधायक रामलाल जाट और करेड़ा एसडीएम महिपाल सिंह सहित क्षेत्र के काफी मात्रा में जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा गांव परिवार वालों का रो- रो कर बुरा हाल: अचानक हुए इस भयावह हादसे के बाद परिवार वालों का रो- रो कर बुरा हाल है. इस खनन हादसे में किसी का बेटा चला गया, तो किसी की बेटी और किसी के सिर से अपने माता-पिता दोनों का साया उठ गया.
सरकार ने दी एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता (Government Released Rs 1 lakh Ex Gratia): खनन हादसे के बाद जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रत्येक मृतक के परिवार को एक-एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है. वहीं क्षेत्र के विधायक व पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने सभी सातो मृतकों के अंतिम संस्कार का खर्चा अपने फंड से किया.
धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन: भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा अवैध खनन होता है. लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते इन खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है. चंद माह पहले भी बदनोर क्षेत्र में एक खदान में मलबा ढह गया था. वहीं 2 माह पूर्व बिजोलिया क्षेत्र में भी ऐसा ही हादसा पेश आया था. उस हादसे में 2 मजदूरों की मौत हुई थी लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. सो, इस तरह के अवैध खनन जारी हैं.
राजस्व रिकॉर्ड में किया परिवर्तन: लाछुड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र में अवैध खनन से 7 की मौत के बाद जिला प्रशासन नींद से जागा लगता है. यही वजह है कि जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने अवैध खनन के क्षेत्र का भू रूपांतरण करते हुए उनको बिलानाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया है.
पुलिस ने किया मामला दर्ज: लाछुड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र में अवैध खनन करता के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के निर्देश पर क्षेत्र के थाने में धारा 304 में मुकदमा दर्ज हुआ है.
दलित व गरीब तबके के थे लोग: खदान में काम करने वाले मजदूर गरीब दलित परिवार से थे. क्षेत्र के लोगों की मांग है कि गरीब होने के कारण इनको और अधिक आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए क्योंकि इन मजदूरों को यह नहीं पता कि यह माइनिंग वेध है या अवैध.