भीलवाड़ा. भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने बिचोलिया प्रथा खत्म करने के लिए अनूठी पहल की है, जहां पशुपालकों को अपने दुग्ध का भुगतान अब सीधा बैंक खातों में मिलेगा. प्रथम पेज में जिले के 1000 पशुपालक इससे लाभान्वित होंगे और मार्च 2021 तक जिले के समस्त 70 हजार पशुपालकों को ऑनलाइन पैसों का भुगतान होगा.
इसकी शुरुआत के बाद डेयरी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ अपने आप में सहकारिता के क्षेत्र में अनूठा है. भारत सरकार व राज्य सरकार ने भी इसको अग्रणी माना है. लगातार पशुपालकों को पारदर्शिता, ईमानदारी के कारण वर्ष 2017 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा केस अवार्ड के रूप में 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी थी. हमारे बोर्ड ने कई तरह के नवाचार भी किए.
उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में हिंदुस्तान में प्राइवेट क्षेत्र को छोड़कर पशुपालकों को सीधे उनके खाते में पैसा ट्रांसफर की शुरुआत भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में हुई. जहां किसानों को बिचौलिया प्रथा खत्म करने के लिए यह शुरुआत की है. कोविड जैसी महामारी से हर पशुपालक पैसे के हाथ में लगाने कतराता था और कहीं बाहर पैसों के लिए बार-बार भटकना पड़ता है, इसलिए हमने ऑनलाइन ट्रांसफर की शुरुआत की है. जिससे बिचौलिया प्रथा व भ्रष्टाचार खत्म होगा.
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जिले में प्रथम फेज में जिले के शाहपुरा रोड में 1000 पशुपालक से लाभान्वित होंगे और मार्च 2021 से भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में पंजीकृत 79 हजार पशुपालक इससे लाभान्वित होगे और उनको हर 15 दिन में एक बटन दबाते ही उनके खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा. डेयरी अध्यक्ष ने कहा कि हमारी सोच है कि पशुपालकों को उनके दूध का वाजिब दाम तय समय पर मिले, जिसमें किसी प्रकार का भ्रष्टाचार व बिचौलिया प्रथा नहीं होना चाहिए, इसी कारण हमने यह पहल की है.