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भीलवाड़ा सर्कल के 108 बांध कर रहे पानी का इंतजार - ढिकोला बांध

भीलवाड़ा सर्कल के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के 111 तालाब और बांधों में से अभी तक प्रत्येक जिले का एक तालाब ही पानी से लबालब हो पाया है. 108 तालाब और बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.

108 बांध कर रहे पानी का इंतजार
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Published : Aug 4, 2019, 3:22 PM IST

भीलवाड़ा.प्रदेश में अगस्त माह में सभी जगह बरसात हो रही है.मूसलाधार बारिश नहीं होने के कारण अभी कहीं बांध और तालाब पानी का इंतजार कर रहें हैं. इसी कड़ी में भीलवाड़ा सर्कल के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के 111 तालाब और बांधों में से अभी तक प्रत्येक जिले का एक एक तालाब ही पानी से लबालब हो पाया है. 108 तालाब और बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.

108 बांध कर रहे पानी का इंतजार

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के तहत भीलवाड़ा ,चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के समस्त बांध आते हैं. यह बांध पानी से लबालब होने के बाद यहां से निकलने वाले तीनों जिलों से निकलने वाली नदियों से पानी बिसलपुर और चंबल में पहुंचता है.

चित्तौड़गढ़ में भीलवाड़ा जिले में मूसलाधार बारिश का पानी यहां के तालाब भरने के बाद पानी बिसलपुर में पहुंचता है. जिससे अजमेर और जयपुर जिले के निवासियों की प्यास बुझती है. बांधों में पानी नहीं आने पर सिंचाई विभाग ने भी चिंता जाहिर की है. वहीं जलदाय विभाग ने भी बांधों में पानी नहीं आने के कारण पीने के पानी की समस्या बन सकती है.

पढ़ें.अलवर में किसान की 7 बीघा जमीन हड़पी...शक के दायरे में तहसीलदार, पटवारी और सरपंच

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीन चित्तौड़गढ़ ,प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिले के समस्त तालाब और बांध आते हैं. जहां तीनों जिलों के 111 तालाब और बांध कुल है. इनमें से अभी तक प्रत्येक जिले का एक - एक तालाब पानी से भरा हुआ है.

बाकी के बांधों में पानी का इंतजार है.प्रतापगढ़ जिले का वागन बांध लबालब हुआ है. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले का भंवर सेमला बांध लबालब है. भीलवाड़ा जिले का ढिकोला बांध लबालब हुआ है.लेकिन सबसे बड़ा चित्तौड़गढ़ जिले का गंभीरी बांध और भीलवाड़ा जिले का मेजा बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.वहीं इन बांधों की देखरेख करने वाले ए.आई.एन. और जय.ए.एन के पद ज्यादा खाली होने के कारण बांधो की देखभाल में काफी समस्या आती है.

भीलवाड़ा.प्रदेश में अगस्त माह में सभी जगह बरसात हो रही है.मूसलाधार बारिश नहीं होने के कारण अभी कहीं बांध और तालाब पानी का इंतजार कर रहें हैं. इसी कड़ी में भीलवाड़ा सर्कल के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के 111 तालाब और बांधों में से अभी तक प्रत्येक जिले का एक एक तालाब ही पानी से लबालब हो पाया है. 108 तालाब और बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.

108 बांध कर रहे पानी का इंतजार

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के तहत भीलवाड़ा ,चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के समस्त बांध आते हैं. यह बांध पानी से लबालब होने के बाद यहां से निकलने वाले तीनों जिलों से निकलने वाली नदियों से पानी बिसलपुर और चंबल में पहुंचता है.

चित्तौड़गढ़ में भीलवाड़ा जिले में मूसलाधार बारिश का पानी यहां के तालाब भरने के बाद पानी बिसलपुर में पहुंचता है. जिससे अजमेर और जयपुर जिले के निवासियों की प्यास बुझती है. बांधों में पानी नहीं आने पर सिंचाई विभाग ने भी चिंता जाहिर की है. वहीं जलदाय विभाग ने भी बांधों में पानी नहीं आने के कारण पीने के पानी की समस्या बन सकती है.

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भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीन चित्तौड़गढ़ ,प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिले के समस्त तालाब और बांध आते हैं. जहां तीनों जिलों के 111 तालाब और बांध कुल है. इनमें से अभी तक प्रत्येक जिले का एक - एक तालाब पानी से भरा हुआ है.

बाकी के बांधों में पानी का इंतजार है.प्रतापगढ़ जिले का वागन बांध लबालब हुआ है. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले का भंवर सेमला बांध लबालब है. भीलवाड़ा जिले का ढिकोला बांध लबालब हुआ है.लेकिन सबसे बड़ा चित्तौड़गढ़ जिले का गंभीरी बांध और भीलवाड़ा जिले का मेजा बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.वहीं इन बांधों की देखरेख करने वाले ए.आई.एन. और जय.ए.एन के पद ज्यादा खाली होने के कारण बांधो की देखभाल में काफी समस्या आती है.

Intro:भीलवाड़ा- भले ही प्रदेश में मानसून इस बार सक्रिय है लेकिन भीलवाड़ा सर्कल के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ और प्रतापगढ़ जिले के 111 तालाबों और बांधों में से महज 3 तालाब अभी तक लबालब हो पाए हैं। बाकी के 108 तालाब और बांध पानी का इंतजार कर रहे हैं।


Body:प्रदेश में अगस्त माह में सभी जगह बरसात हो रही है। लेकिन मूसलाधार बारिश नहीं होने के कारण अभी कहीं बांध और तालाब पानी का इंतजार कर रहे हैं। इसी कड़ी में भीलवाड़ा सर्कल के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के 111 तालाब और बांधों में से महज अभी तक प्रत्येक जिले का एक एक तालाब ही पानी से लबालब हो पाया है । बाकी के 108 तालाब ओर बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं। भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के तहत भीलवाड़ा ,चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के समस्त बांध आते हैं। यह बांध पानी से लबालब होने के बाद यहां से निकलने वाले तीनों जिलों से निकलने वाली नदियों से पानी बिसलपुर और चंबल में पहुंचता है। चित्तौड़गढ़ में भीलवाड़ा जिले में मूसलाधार बारिश का पानी यहां के तालाब भरने के बाद पानी बिसलपुर में पहुंचता है जिससे अजमेर और जयपुर जिले के निवासियों की प्यास बुझती है । बांधों में पानी नहीं आने पर सिंचाई विभाग ने भी चिंता जाहिर की है। वहीं जलदाय विभाग ने भी बांधों में पानी नहीं आने के कारण पीने के पानी की समस्या को लेकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी है ।

भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीन चित्तौड़गढ़ ,प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिले के समस्त तालाब और बांध आते हैं। जहां तीनों जिलों के 111 तालाब और बांध कुल है इनमें से अभी तक प्रत्येक जिले का एक - एक तालाब पानी से भरा हुआ है । बाकी के बांधों में पानी का इंतजार है ।प्रतापगढ़ जिले का वागन बांध लबालब हुआ है वही चित्तौड़गढ़ जिले का भंवर सेमला बांध लबालब हुआ है। वही भीलवाड़ा जिले का ढिकोला बांध लबालब हुआ है ।लेकिन सबसे बड़ा चित्तौड़गढ़ जिले का गंभीरी बांध और भीलवाड़ा जिले का मेजा बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं इन बांधों की देखरेख करने वाले ए.आई.एन. और जय.ए.एन के पद ज्यादा खाली होने के कारण हमारे को बांधो की देखभाल में काफी समस्या आती है। मानसून अभी प्रदेश में परवान पर है अगर मानसून सक्रिय हो जाता है और इन सभी बांधों में पानी आता है तो यहां से सर प्लस पानी होने पर नदियों के जरिए बीसलपुर में पहुंचता है जिससे जयपुर और अजमेर जिले के निवासियों की प्यास बुझती है ।
अब देखना यह होगा कि तीनों जिलों में कब और मानसून सक्रिय होकर मूसलाधार बारिश होती है जिससे यहां के समस्त तालाब और बांध लबालब हो सके और यहां से सर प्लस पानी बिसलपुर में पहुंचकर अजमेर व जयपुर जिले वासियों की प्यास बुझा सके।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट- सत्यपाल मीणा, अधीक्षण अभियन्ता , सिचाई विभाग


Conclusion:
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