भीलवाड़ा.प्रदेश में अगस्त माह में सभी जगह बरसात हो रही है.मूसलाधार बारिश नहीं होने के कारण अभी कहीं बांध और तालाब पानी का इंतजार कर रहें हैं. इसी कड़ी में भीलवाड़ा सर्कल के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के 111 तालाब और बांधों में से अभी तक प्रत्येक जिले का एक एक तालाब ही पानी से लबालब हो पाया है. 108 तालाब और बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.
भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के तहत भीलवाड़ा ,चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के समस्त बांध आते हैं. यह बांध पानी से लबालब होने के बाद यहां से निकलने वाले तीनों जिलों से निकलने वाली नदियों से पानी बिसलपुर और चंबल में पहुंचता है.
चित्तौड़गढ़ में भीलवाड़ा जिले में मूसलाधार बारिश का पानी यहां के तालाब भरने के बाद पानी बिसलपुर में पहुंचता है. जिससे अजमेर और जयपुर जिले के निवासियों की प्यास बुझती है. बांधों में पानी नहीं आने पर सिंचाई विभाग ने भी चिंता जाहिर की है. वहीं जलदाय विभाग ने भी बांधों में पानी नहीं आने के कारण पीने के पानी की समस्या बन सकती है.
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भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीन चित्तौड़गढ़ ,प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा जिले के समस्त तालाब और बांध आते हैं. जहां तीनों जिलों के 111 तालाब और बांध कुल है. इनमें से अभी तक प्रत्येक जिले का एक - एक तालाब पानी से भरा हुआ है.
बाकी के बांधों में पानी का इंतजार है.प्रतापगढ़ जिले का वागन बांध लबालब हुआ है. वहीं चित्तौड़गढ़ जिले का भंवर सेमला बांध लबालब है. भीलवाड़ा जिले का ढिकोला बांध लबालब हुआ है.लेकिन सबसे बड़ा चित्तौड़गढ़ जिले का गंभीरी बांध और भीलवाड़ा जिले का मेजा बांध अभी तक पानी का इंतजार कर रहे हैं.वहीं इन बांधों की देखरेख करने वाले ए.आई.एन. और जय.ए.एन के पद ज्यादा खाली होने के कारण बांधो की देखभाल में काफी समस्या आती है.