भरतपुर. 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत के 50 वर्ष पूरे होने पर विगत 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से विजय मशाल जलाकर शुरुआत की. इसमें चार मशाल देश के कई शहरों से होकर आर्मी द्वारा ले जाई जा रही है. शनिवार को यह विजय मशाल मथुरा से 10 दिन रहने के बाद भरतपुर के सेवर फोर्ट पहुंची है. यहां उसका स्वागत बिग्रेडियर वयदीश महाजन ने किया. यह मशाल यहां 10 दिन तक रहेगी. इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और 5 जनवरी को विजय मशाल अलवर के लिए रवाना होगी.
3 दिसंबर 1971 से शुरू हुआ भारत पाकिस्तान युद्ध 13 दिन तक चला था, जिसमें भारत की विजय हुई थी और पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. इस युद्ध में विजय की वजह से नई देश बांग्लादेश का निर्माण हुआ. इस युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर मथुरा आर्मी यूनिट से विजय मशाल आज राजस्थान के भरतपुर स्थित आर्मी यूनिट्स सेवर फोर्ट पहुंची. भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध की एक निशानी आज भरतपुर में गोवर्धन गेट चौराहे की शान और भारतीय फौज की बहादुरी को बढ़ा रही है.
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गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह अविजित टैंक रखा है, जिससे कि अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से लड़ने के लिए दिया था, लेकिन पाकिस्तान को हराने के बाद भारत के वीर जवान पाकिस्तान के बीच युद्ध टैंक को अपने साथ भारत ले आए थे. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भरतपुर के 3 जवान भी वीरगति को प्राप्त हुए थे और उनकी शहादत को सलाम करते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान का यह टैंक बतौर अवार्ड और यादगार बनाने के लिए भरतपुर को दिया था, जो आज यह टैंक भरतपुर के गोवर्धन गेट सर्किल की शान बढ़ा रहा है और देश-विदेश से आने वाले सैलानी टैंक को देखकर भारत के जवानों की शहादत और वीरता को सलाम करते हैं.