भरतपुर. राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में आवासीय बाल अपचारियों द्वारा शराब पार्टी और मादक पदार्थों के सेवन की वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार को ना केवल विभाग बल्कि राज्य सरकार भी हरकत में आ गई. राज्य सरकार के आदेश पर बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त पूरी टीम के साथ जांच करने के लिए भरतपुर पहुंचे. यहां उन्होंने पूरे बाल संरक्षण गृह का निरीक्षण किया और निरीक्षण के दौरान चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं. वहीं, टीम ने आवसितों से मोबाइल और मादक पदार्थ भी बरामद की.
शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर बुधवार दोपहर को बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त महेश चंद्र शर्मा पूरी टीम के साथ भरतपुर पहुंचे. यहां उन्होंने जिला कलेक्टर समेत स्थानीय प्रशासन से मुलाकात की और उसके बाद बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचकर उसका निरीक्षण किया. बाल संप्रेक्षण गृह में टीम ने निरीक्षण के दौरान बाल अपचारियों से मोबाइल एवं मादक पदार्थ बरामद किए.
बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी पूरन सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में बाल अपचारी ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने स्मार्टफोन का इस्तेमाल बाल संरक्षण गृह में किया. लेकिन यह स्मार्टफोन उनका खुद का नहीं बल्कि परिसर में काम कर रहे मजदूरों से लिया गया था और उन्हें वापस लौटा दिया.
हर दिन कर रहे फेसबुक प्रोफाइल अपडेट
इसके उलट जमीनी हकीकत यह है कि बाल संप्रेक्षण गृह में आवासित हर दिन स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर अपने फेसबुक प्रोफाइल अपडेट कर रहे हैं. लेकिन बाल अधिकारिता विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से बाल संप्रेक्षण गृह की कमजोर मॉनिटरिंग के चलते गृह में स्मार्टफोन, शराब व मादक पदार्थ आसानी से पहुंच रहे हैं.
आयुक्त महेश चंद शर्मा ने बताया कि पूरे मामले की त्रिस्तरीय जांच की जा रही है. इस पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन, बाल अधिकारिता विभाग और राज्य बाल आयोग की ओर से टीम बनाकर जांच की जा रही है. प्रारंभिक स्तर पर जांच में सामने आया है कि बाल संप्रेक्षण गृह में आवासित को उसका भाई कई बार शराब एवं अन्य मादक पदार्थों की सप्लाई कर चुका है.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी...
मादक पदार्थों की सप्लाई करने वाला आवासित का भाई खुद पहले बाल संप्रेक्षण गृह में कई महीने तक बंद रहा था. आयुक्त शर्मा ने कहा कि इस पूरे मामले में जिस किसी की भी संलिप्तता पाई जाएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.
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वहीं, इस पूरे मामले की जांच के बाद शराब पार्टी करने वाले आवासित को बाल संप्रेक्षण गृह से शिफ्ट करने का निर्णय प्रस्तावित है. इस पूरे मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बाल अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं राज्य के समस्त बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी जेके मीणा ने खुद बाल संप्रेक्षण गृह परिसर का मौका मुआयना कर रिपोर्ट तैयार की.
गौरतलब है कि बाल संप्रेक्षण गृह परिसर के कई सीसीटीवी कैमरे बीते 6 महीने से खराब है. इतना ही नहीं संप्रेक्षण गृह के मुख्य द्वार पर कोई सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं है. ऐसे में रात के समय कोई भी असामाजिक तत्व बाल संप्रेक्षण गृह परिसर में आसानी से बेरोकटोक प्रवेश कर सकता है और संप्रेक्षण गृह के कमरों के टूटे हुए खिड़कियों से कोई भी सामग्री अंदर आसानी से डाल कर लौट सकता है.