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अनूठी वेद पाठशाला...तैयार हो रहे भविष्य के वेदाचार्य...38 साल से धरणीधर बांट रहे वेद ज्ञान - Rajasthan hindi news

भरतपुर की एक गली में आचार्य धरणीधर शर्मा (vedacharya Dharnidhar is providing free ved pathshala) पिछले 38 साल से संस्कृत के मंत्र और श्लोकों का ज्ञान बांट रहे हैं. निःशुल्क रूप से चल रही वेद पाठशाला में हर दिन छोटे से लेकर बड़े बच्चे संस्कृत के मंत्र औऱ श्लोकों के बीच वेद का ज्ञान ग्रहण करते हैं.

vedacharya Dharnidhar is providing free ved pathshala
पंडित धरणीधर की वेद पाठशाला
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Published : May 21, 2022, 9:12 PM IST

Updated : May 21, 2022, 10:33 PM IST

भरतपुर. भीतरी शहर की संकरी गली के एक मकान से हर दिन सुबह मंत्रों और श्लोकों की गूंज सुनाई देती है. संस्कृत के मंत्र और श्लोकों को पढ़ते बच्चे और बड़ों की आवाज हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भीतरी शहरी क्षेत्र के एक मकान में वर्षों से संचालित नि:शुल्क वेद पाठशाला की. यहां न केवल छोटे बच्चे बल्कि सरकारी विद्यालय के व्याख्याता तक संस्कृत और वेदों का ज्ञान लेने आते हैं..

संस्कृत महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में आचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए आचार्य धरणीधर शर्मा (vedacharya Dharnidhar is providing free ved pathshala) कई अच्छे ऑफर ठुकरा कर अपनी जन्मभूमि में बीते 38 साल से निःशुल्क ज्ञान की गंगा बहा रहे हैं और भविष्य के गुरु तैयार कर रहे हैं. आचार्य बीते 38 सालों में भरतपुर के सैकड़ों विद्यार्थियों को वेद ज्ञान करा चुके हैं.

पंडित धरणीधर की वेद पाठशाला

पढ़ें. फुटपाथ पर चल रही 'दीदी' की अनूठी पाठशाला, भिक्षा मांगने वाले बच्चों का शिक्षा से संवार रहीं भविष्य

युवा पीढ़ी में जीवन मूल्यों का संचारः आचार्य धरणीधर शर्मा ने बताया कि भारतीयता के संरक्षण में वेदों का सर्वकालिक महत्व रहा है. भारतीय जीवन मूल्य यदि आज भी हमारी परंपराओं और व्यवहार में मौजूद हैं तो ये वेद संस्कृति की बदौलत हैं. इसलिए हमारी भावी पीढ़ी जो आज इंग्लिश मीडियम शिक्षा और आधुनिकता की तरफ बेतहाशा दौड़ रही है उसे वेद ज्ञान कराना भी जरूरी है. ताकि भारतीय जीवन मूल्य युवा पीढ़ी में बने रहें.

इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए वेद पाठशाला में निःशुल्क वेद और संस्कृत का ज्ञान दिया जा रहा है. आचार्य धरणीधर ने बताया कि वर्ष 1984 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने इस वेद पाठशाला का नई मंडी में उद्घाटन किया था. तब से इसमें निशुल्क अध्यापन कार्य किया जा रहा है.

Ved pathshala in Bharatpur
पाठशाला में वेदपाठी

पढ़ें. स्पेशल स्कूल : अजमेर में रेलगाड़ी वाला स्कूल, बच्चे 'शिक्षा ट्रेन' में पढ़ पाना चाहते हैं अपनी मंजिल

इंग्लिश मीडियम के विद्यार्थी ले रहे ज्ञानः आचार्य की वेदपाठशाला में करीब एक दर्जन विद्यार्थी नियमित रूप से सुबह 8 बजे से सुबह 11 बजे गक शिक्षा ग्रहण करते हैं. खास बात यह है कि इनमें दीपेश चतुर्वेदी समेत कई इंग्लिश मीडियम स्कूल के विद्यार्थी हैं. बावजूद इसके ये बच्चे वेदपाठशाला में संस्कृत और वेदों का ज्ञान ले रहे हैं. इतना ही नहीं ये बच्चे अब फर्राटे से संस्कृत श्लोक और मंत्र बोलते नजर आते हैं.

स्कूल व्याख्याता भी यहां विद्यार्थीः डीग क्षेत्र के मौरोली गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में भूगोल विषय के व्याख्याता अजय देव कौशिक भी वेदपाठशाला में संस्कृत ज्ञान ले रहे हैं. व्याख्याता अजय देव कौशिक ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों में संस्कार का अभाव देखने को मिल रहा है न तो बच्चे अपने माता पिता का सम्मान करते हैं और न ही शिक्षकों का. इसलिए स्कूली विद्यार्थियों में संस्कृत शिक्षा के माध्यम से भारतीय मूल्यों की स्थापना करने के लिए ही वो पहले खुद संस्कृत का ज्ञान ले रहे हैं.

ठुकराए कई ऑफरः विश्वविद्यालय बनारस से आचार्य पद से सेवानिवृत्त आचार्य धरणीधर शर्मा ने बताया कि उन्हें तिरुपति बालाजी और आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में वेद पाठशाला संचालित करने का अनुरोध किया गया था. लेकिन उन्हें अपनी जनस्थली भरतपुर में ही निशुल्क वेद पाठशाला संचालित करनी थी. जिससे यहां की भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और मूल्यों का ज्ञान कराया जा सके.

भरतपुर. भीतरी शहर की संकरी गली के एक मकान से हर दिन सुबह मंत्रों और श्लोकों की गूंज सुनाई देती है. संस्कृत के मंत्र और श्लोकों को पढ़ते बच्चे और बड़ों की आवाज हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भीतरी शहरी क्षेत्र के एक मकान में वर्षों से संचालित नि:शुल्क वेद पाठशाला की. यहां न केवल छोटे बच्चे बल्कि सरकारी विद्यालय के व्याख्याता तक संस्कृत और वेदों का ज्ञान लेने आते हैं..

संस्कृत महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में आचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए आचार्य धरणीधर शर्मा (vedacharya Dharnidhar is providing free ved pathshala) कई अच्छे ऑफर ठुकरा कर अपनी जन्मभूमि में बीते 38 साल से निःशुल्क ज्ञान की गंगा बहा रहे हैं और भविष्य के गुरु तैयार कर रहे हैं. आचार्य बीते 38 सालों में भरतपुर के सैकड़ों विद्यार्थियों को वेद ज्ञान करा चुके हैं.

पंडित धरणीधर की वेद पाठशाला

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युवा पीढ़ी में जीवन मूल्यों का संचारः आचार्य धरणीधर शर्मा ने बताया कि भारतीयता के संरक्षण में वेदों का सर्वकालिक महत्व रहा है. भारतीय जीवन मूल्य यदि आज भी हमारी परंपराओं और व्यवहार में मौजूद हैं तो ये वेद संस्कृति की बदौलत हैं. इसलिए हमारी भावी पीढ़ी जो आज इंग्लिश मीडियम शिक्षा और आधुनिकता की तरफ बेतहाशा दौड़ रही है उसे वेद ज्ञान कराना भी जरूरी है. ताकि भारतीय जीवन मूल्य युवा पीढ़ी में बने रहें.

इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए वेद पाठशाला में निःशुल्क वेद और संस्कृत का ज्ञान दिया जा रहा है. आचार्य धरणीधर ने बताया कि वर्ष 1984 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने इस वेद पाठशाला का नई मंडी में उद्घाटन किया था. तब से इसमें निशुल्क अध्यापन कार्य किया जा रहा है.

Ved pathshala in Bharatpur
पाठशाला में वेदपाठी

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इंग्लिश मीडियम के विद्यार्थी ले रहे ज्ञानः आचार्य की वेदपाठशाला में करीब एक दर्जन विद्यार्थी नियमित रूप से सुबह 8 बजे से सुबह 11 बजे गक शिक्षा ग्रहण करते हैं. खास बात यह है कि इनमें दीपेश चतुर्वेदी समेत कई इंग्लिश मीडियम स्कूल के विद्यार्थी हैं. बावजूद इसके ये बच्चे वेदपाठशाला में संस्कृत और वेदों का ज्ञान ले रहे हैं. इतना ही नहीं ये बच्चे अब फर्राटे से संस्कृत श्लोक और मंत्र बोलते नजर आते हैं.

स्कूल व्याख्याता भी यहां विद्यार्थीः डीग क्षेत्र के मौरोली गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में भूगोल विषय के व्याख्याता अजय देव कौशिक भी वेदपाठशाला में संस्कृत ज्ञान ले रहे हैं. व्याख्याता अजय देव कौशिक ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों में संस्कार का अभाव देखने को मिल रहा है न तो बच्चे अपने माता पिता का सम्मान करते हैं और न ही शिक्षकों का. इसलिए स्कूली विद्यार्थियों में संस्कृत शिक्षा के माध्यम से भारतीय मूल्यों की स्थापना करने के लिए ही वो पहले खुद संस्कृत का ज्ञान ले रहे हैं.

ठुकराए कई ऑफरः विश्वविद्यालय बनारस से आचार्य पद से सेवानिवृत्त आचार्य धरणीधर शर्मा ने बताया कि उन्हें तिरुपति बालाजी और आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में वेद पाठशाला संचालित करने का अनुरोध किया गया था. लेकिन उन्हें अपनी जनस्थली भरतपुर में ही निशुल्क वेद पाठशाला संचालित करनी थी. जिससे यहां की भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और मूल्यों का ज्ञान कराया जा सके.

Last Updated : May 21, 2022, 10:33 PM IST
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